नई दिल्ली: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि डाकघरों में अनियमितताओं के कारण नवंबर 2002 से सितंबर 2021 के बीच 95.62 करोड़ रुपये के सार्वजनिक धन की हेराफेरी हुई. रिपोर्ट के अनुसार, कैग ने पाया कि डाक विभाग (डीओपी) के प्रधान डाकघरों की बचत शाखा और बचत बैंक नियंत्रण संगठन (एसबीसीओ) संहिताबद्ध आंतरिक जांच और निदेशालय द्वारा समय-समय पर जारी आदेशों को लागू करने में विफल रहे.
कैग की रिपोर्ट में कहा गया है, 'इन अनियमितताओं के कारण नवंबर 2002 से सितंबर 2021 की अवधि में 14 डाक परिमंडलों में फैले डाकघरों में 95.62 करोड़ रुपये की सार्वजनिक धन की हेराफेरी हुई जिसमें से 14.39 करोड़ रुपये की वसूली की गई और शेष वसूली अभी बाकी है.'
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डाकघर बचत बैंक नियमावली आंतरिक जांच निर्धारित करती है और बचत बैंक संचालन में विभिन्न स्तरों में धोखाधड़ी और धोखाधड़ी गतिविधियों की रोकथाम के लिए जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करती है.
(पीटीआई-भाषा)