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ऑल टाइम लो पर पहुंचा एलआईसी का शेयर, निवेशकों के 1.2 लाख करोड़ डूबे

बीमा कंपनी एलआईसी के शेयर के दाम एक्सचेंज लिस्टिंग के बाद से ही गिर रहे हैं. 20 दिनों में इसके इश्यू प्राइस के मुकाबले शेयरों की कीमत में करीब 20 फीसदी की गिरावट हो चुकी है. मार्केट कैप का आकलन करें तो अभी तक आईपीओ में पैसे लगाने वालों का 1.2 लाख करोड़ से अधिक रकम का नुकसान हो चुका है.

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Published : Jun 7, 2022, 3:44 PM IST

नई दिल्ली : एलआईसी के शेयरों के कीमत में गिरावट का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को यह स्टॉक 22.85 रुपये यानी 2.86 फीसदी गिरकर 777.40 रुपये पर बंद हुआ था. मंगलवार को भी 22.70 रुपये यानी 2.92 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. मंगलवार को इसके शेयर का मूल्य ऑल टाइम लो 752.30 रुपये हो गया. हालांकि शाम तीन बजे तक थोड़े सुधार के बाद कीमत 755 रुपये तक पहुंची. आईपीओ के इश्यू प्राइस के हिसाब से एलआईसी की वैल्यू 6,00,242 करोड़ रुपये थी. शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट के कारण एलआईसी का मार्केट कैप 5 लाख से भी कम होकर 4.77 लाख करोड़ पर पहुंच गया. इसका मतलब हुआ कि इसके आईपीओ में पैसे लगाने वालों का 1.20 लाख करोड़ से अधिक रकम का नुकसान हो चुका है.

सरकार ने अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी आईपीओ के जरिए बेची थी. लिस्टिंग के समय इसका मार्केट कैप 6 लाख करोड़ रुपये का था. इस आईपीओ इश्यू प्राइस 949 रुपये था. 17 मई को एलआईसी के शेयरों ने स्टॉक एक्सचेंजों पर कमजोर लिस्टिंग की. यह स्टॉक एक्सचेंजों पर 8.62 प्रतिशत की छूट पर 867 रुपये पर लिस्टेड हुआ था. इसके बाद हर दिन इसके शेयरों की कीमत में गिरावट आई. मंगलवार को यह ऑल टाइम लो 755 रुपये तक पहुंच गया.

हालांकि आईपीओ लॉन्च के दौरान एलआईसी के आईपीओ को निवेशकों से बढ़िया रेस्पॉन्स मिला था. इसे ऑफर के मुकाबले 2.89 गुना ज्यादा सब्सक्राइब किया गया था. एलआईसी ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए पॉलिसीधारकों को 60 रुपये और रिटेल इन्वेस्टर्स को 45 रुपये की छूट दी थी. सरकार की ओर से संचालित बीमा कंपनी ने पहले क्वॉर्टर के दौरान 2,409 करोड़ रुपये के नेट प्रॉफिट की जानकारी दी, मगर यह पिछले वित्त वर्ष के क्वॉर्टर के हिसाब से 17 प्रतिशत कम थी.

एलआईसी की कवरेज करने वाले Emkay Global का कहना है कि एलआईसी एक ऐसा हाथी है जो डांस नहीं कर सकता. उसका कहना है कि कंपनी का साइज और इंडस्ट्री में दबदबा इसके रास्ते में सबसे बड़ी अड़चन है. एलआईसी की सबसे बड़ी ताकल 13 लाख एजेंट्स का नेटवर्क है. कंपनी ने इसे होल्ड पर रखने की सलाह दी है.

(आईएएनएस इनपुट)

पढ़ें : मैकबुक एयर रिफ्रेश 2022 के अंत तक 7 मिलियन यूनिट कर सकता है शिप, जानें कीमत

नई दिल्ली : एलआईसी के शेयरों के कीमत में गिरावट का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को यह स्टॉक 22.85 रुपये यानी 2.86 फीसदी गिरकर 777.40 रुपये पर बंद हुआ था. मंगलवार को भी 22.70 रुपये यानी 2.92 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. मंगलवार को इसके शेयर का मूल्य ऑल टाइम लो 752.30 रुपये हो गया. हालांकि शाम तीन बजे तक थोड़े सुधार के बाद कीमत 755 रुपये तक पहुंची. आईपीओ के इश्यू प्राइस के हिसाब से एलआईसी की वैल्यू 6,00,242 करोड़ रुपये थी. शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट के कारण एलआईसी का मार्केट कैप 5 लाख से भी कम होकर 4.77 लाख करोड़ पर पहुंच गया. इसका मतलब हुआ कि इसके आईपीओ में पैसे लगाने वालों का 1.20 लाख करोड़ से अधिक रकम का नुकसान हो चुका है.

सरकार ने अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी आईपीओ के जरिए बेची थी. लिस्टिंग के समय इसका मार्केट कैप 6 लाख करोड़ रुपये का था. इस आईपीओ इश्यू प्राइस 949 रुपये था. 17 मई को एलआईसी के शेयरों ने स्टॉक एक्सचेंजों पर कमजोर लिस्टिंग की. यह स्टॉक एक्सचेंजों पर 8.62 प्रतिशत की छूट पर 867 रुपये पर लिस्टेड हुआ था. इसके बाद हर दिन इसके शेयरों की कीमत में गिरावट आई. मंगलवार को यह ऑल टाइम लो 755 रुपये तक पहुंच गया.

हालांकि आईपीओ लॉन्च के दौरान एलआईसी के आईपीओ को निवेशकों से बढ़िया रेस्पॉन्स मिला था. इसे ऑफर के मुकाबले 2.89 गुना ज्यादा सब्सक्राइब किया गया था. एलआईसी ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए पॉलिसीधारकों को 60 रुपये और रिटेल इन्वेस्टर्स को 45 रुपये की छूट दी थी. सरकार की ओर से संचालित बीमा कंपनी ने पहले क्वॉर्टर के दौरान 2,409 करोड़ रुपये के नेट प्रॉफिट की जानकारी दी, मगर यह पिछले वित्त वर्ष के क्वॉर्टर के हिसाब से 17 प्रतिशत कम थी.

एलआईसी की कवरेज करने वाले Emkay Global का कहना है कि एलआईसी एक ऐसा हाथी है जो डांस नहीं कर सकता. उसका कहना है कि कंपनी का साइज और इंडस्ट्री में दबदबा इसके रास्ते में सबसे बड़ी अड़चन है. एलआईसी की सबसे बड़ी ताकल 13 लाख एजेंट्स का नेटवर्क है. कंपनी ने इसे होल्ड पर रखने की सलाह दी है.

(आईएएनएस इनपुट)

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