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इंटक की मांग, देशभर में मजदूरों का मुफ्त टीकाकरण हो

भारतीय राष्ट्रीय मजदूर संघ कांग्रेस ने देश भर के मजदूरों का टीकाकरण मुफ्त किए जाने की मांग की है. इंटेक के अध्यक्ष ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों एवं प्रवासी मजदूरों का मुफ्त में टीकाकरण किया जाए.

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Published : May 12, 2021, 7:59 PM IST

केएन त्रिपाठी
केएन त्रिपाठी

नई दिल्ली : भारतीय राष्ट्रीय मजदूर संघ कांग्रेस (INTUC) के अध्यक्ष केएन त्रिपाठी ने मजदूरों के मुफ्त टीकाकरण की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों एवं प्रवासी मजदूरों का मुफ्त में टीकाकरण किया जाए. केंद्र सरकार से मांग है कि इस दिशा में ठोस कदम उठाए.

उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की संख्या करीब 50 करोड़ है जबकि प्रवासी मजदूरों की संख्या पांच करोड़ है. इन दोनों को मिला दिया जाए तो मजदूरों की संख्या 55 करोड़ होती है. इन सभी को मुफ्त में टीका लगाना चाहिए.

केएन त्रिपाठी

उन्होंने कहा कि संकट के इस दौर में इन लोगों को भगवान भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता. असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए पहचान पत्र की व्यवस्था हो ताकि वह पूरे देश में कहीं भी काम रहे हों उसके आधार पर मुफ्त वैक्सीन दी जाए. प्रवासी मजदूरों के लिए भी पहचान पत्र के इंतजाम किए जाएं.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ मजदूर हितैषी होने का दावा न करें बल्कि मजदूरों के लिए कुछ काम भी करे.

बता दें कोरोना संकट एवं लॉकडाउन में सबसे ज्यादा प्रभावित मजदूर खासकर प्रवासी मजदूर हो रहे हैं. मजदूरों का कामकाज बंद हो चुका है. रोजगार का कोई साधन इन लोगों के पास नहीं है. अन्न का संकट भी पैदा हो गया है.

महंगे अस्पतालों के कारण कोरोना संक्रमित मजदूर अपना ठीक से इलाज भी नहीं करा पा रहे हैं.

केंद्र सरकार ने भी इस बार कोरोना काल व लॉकडाउन में मजदूरों के लिए कुछ बड़ा एलान नहीं किया है. पिछले साल आत्म निर्भर भारत पैकेज के तहत बिना राशन कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन दिया गया था.

पढ़ें- कोरोना काल में आई तकनीक से जगी उम्मीद

कई मजदूर संगठन केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं की इस बार भी प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन दिया जाए व उनके खाते में हर महीने 7 हजार रुपया डाला जाए जबतक कोरोना व लॉकडाउन खत्म नहीं हो जाता.

नई दिल्ली : भारतीय राष्ट्रीय मजदूर संघ कांग्रेस (INTUC) के अध्यक्ष केएन त्रिपाठी ने मजदूरों के मुफ्त टीकाकरण की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों एवं प्रवासी मजदूरों का मुफ्त में टीकाकरण किया जाए. केंद्र सरकार से मांग है कि इस दिशा में ठोस कदम उठाए.

उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की संख्या करीब 50 करोड़ है जबकि प्रवासी मजदूरों की संख्या पांच करोड़ है. इन दोनों को मिला दिया जाए तो मजदूरों की संख्या 55 करोड़ होती है. इन सभी को मुफ्त में टीका लगाना चाहिए.

केएन त्रिपाठी

उन्होंने कहा कि संकट के इस दौर में इन लोगों को भगवान भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता. असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए पहचान पत्र की व्यवस्था हो ताकि वह पूरे देश में कहीं भी काम रहे हों उसके आधार पर मुफ्त वैक्सीन दी जाए. प्रवासी मजदूरों के लिए भी पहचान पत्र के इंतजाम किए जाएं.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ मजदूर हितैषी होने का दावा न करें बल्कि मजदूरों के लिए कुछ काम भी करे.

बता दें कोरोना संकट एवं लॉकडाउन में सबसे ज्यादा प्रभावित मजदूर खासकर प्रवासी मजदूर हो रहे हैं. मजदूरों का कामकाज बंद हो चुका है. रोजगार का कोई साधन इन लोगों के पास नहीं है. अन्न का संकट भी पैदा हो गया है.

महंगे अस्पतालों के कारण कोरोना संक्रमित मजदूर अपना ठीक से इलाज भी नहीं करा पा रहे हैं.

केंद्र सरकार ने भी इस बार कोरोना काल व लॉकडाउन में मजदूरों के लिए कुछ बड़ा एलान नहीं किया है. पिछले साल आत्म निर्भर भारत पैकेज के तहत बिना राशन कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन दिया गया था.

पढ़ें- कोरोना काल में आई तकनीक से जगी उम्मीद

कई मजदूर संगठन केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं की इस बार भी प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन दिया जाए व उनके खाते में हर महीने 7 हजार रुपया डाला जाए जबतक कोरोना व लॉकडाउन खत्म नहीं हो जाता.

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