लखनऊ : उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का संगठन लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुट गया है. 2024 में होने वाले इन चुनावों में पार्टी उत्तर प्रदेश से ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर केंद्र में एक बार फिर नरेंद्र मोदी की सरकार बनाना चाहती है. पिछले लगभग एक दशक से भाजपा से लगातार मात खा रहे विपक्षी दल किसी न किसी तरह पार्टी को घेरने के लिए रणनीति बना रहे हैं. यही कारण है कि इस दिनों में प्रदेश की राजनीति में कभी रामचरित मानस का विषय चर्चा में आता है, तो कभी जातीय जनगणना का. हमने इन्हीं सब विषयों पर बात की उत्तर प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष और युवा विधायक पंकज सिंह से. चर्चा के दौरान पंकज सिंह से हमने पूछा किया रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का पुत्र होने का उन्हें नुकसान हो रहा है? उन्होंने सभी प्रश्नों के बारे में विस्तार से जवाब दिए.
हमने पंकज सिंह से पूछा कि विपक्षी दल जिस तरह से रामचरित मानस और जातीय जनगणना को लेकर राजनीति कर रहे हैं, उसे आप कैसे देखते हैं? इस पर वह कहते हैं 'देखिए विपक्ष ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है. जनहित के मुद्दे होते हैं, जिन्हें विधानसभा में उठाना चाहिए, लेकिन वह सिर्फ राजनीति चमकाने के लिए कुछ विषयों को उठाते हैं. देश की आस्था, परंपरा और हमारी जो ताकत है, उस पर भी प्रश्न उठाना दुखद है. जिस रामचरित मानस से पूरे देश-दुनिया को जीवन जी ने और कर्तव्यों की सीख मिलती है, अब उस पर भी प्रश्नचिह्न उठाना और जातीय जनगणना का विषय उठाना सिर्फ इनकी राजनीतिक लाभ लेने की मंशा को जाहिर करता है. यही लोग जब सत्ता में थे तब उन्होंने इस ओर कभी कोई कोशिश नहीं की. देश की जनता अब इन लोगों को समझ चुकी है.'
भारतीय जनता पार्टी चूंकि हिंदुत्व की विचारधारा पर चलती है और भाजपा को पिछले एक दशक में जातियों में बिखरे हिंदुओं को संगठित करने में सफलता मिली है. क्या आपको लगता है कि जातीय जनगणना की मांग के पीछे फिर से हिंदुओं को बांटने की चाल है? इस पर प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष पंकज सिंह कहते हैं 'सपा-बसपा या अन्य दलों का उदय ही जातीय राजनीति से हुआ है. जब यह सत्ता में आए, तब इन्होंने अपने समाज का कोई भला नहीं किया. सिर्फ अपने हित देखे. अब वह जो काम विपक्षी दल नहीं कर सके आज भाजपा कर रही है. हमारी सरकार का संकल्प सबको साथ लेकर विकास करने का है और हम इससे कभी पीछे नहीं हटते.'
आप लंबे समय से संगठन में हैं. युवा हैं और आपको लोग पसंद करते हैं. शायद इसीलिए आप सर्वाधिक वोटों से जीतकर आए हैं पिछले विधान सभा चुनाव में. फिर आपको सरकार में जगह क्यों नहीं मिली? क्या आपको इस बात का नुकसान होता है कि आप रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र हैं? इस पर वह कहते हैं 'नहीं-नहीं, ईश्वर का बनाया हुआ यह रिश्ता है. मेरा सौभाग्य है कि मैंने यहां पर जन्म लिया है. भारतीय जनता पार्टी बहुत ही मर्यादा और सुचिता के साथ चलती है. पार्टी नेतृत्व ने हमेशा इस बात पर ध्यान भी दिया है. मेरे पिताजी मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष जैसे कई पदों पर रहे. मुझे खुद काम करते हुए लगभग 20 साल हो रहे हैं. उनका भी मानना है कि एक कार्यकर्ता के तौर पर ही हमें काम करना चाहिए. वह हमने किया भी है. वर्ष 2007 में जब मेरा बनारस से विधानसभा के लिए टिकट हुआ, तो मैंने विनम्र निवेदन करके उसे खुद छोड़ दिया था. 2017 में पार्टी ने हमें चुनाव लड़ाया. पार्टी की विचारधारा के प्रति मैं एकदम प्रतिबद्ध हूं. पार्टी ने लगातार नौ साल से महामंत्री और अब उपाध्यक्ष के तौर पर संगठन में काम करने का मौका दिया है. मैं पार्टी नेतृत्व का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझ पर विश्वास जताया.' हमने ऐसे ही कई और विषयों पर पंकज सिंह से सवाल किए. देखिए पूरा साक्षात्कार.
Defense Minister Rajnath का पुत्र होने से आपको नुकसान हो रहा है, जानिए इस सवाल पर क्या कहते हैं पंकज सिंह - Analysis of UP Bureau Chief
उत्तर प्रदेश की सियासत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का किरदार किसी परिचय का मोहताज नहीं है. मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष जैसे कई पदों पर रह कर प्रदेश के साथ देश की प्रगति में उनका योगदान अग्रणी श्रेणी का है. अब रक्षामंत्री के पुत्र पंकज सिंह को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिली है. इसके बावजूद उन्हें कुछ सियासी नुकसान हो रहे हैं. देखें यूपी ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी के साथ पंकज सिंह का साक्षात्कार.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का संगठन लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुट गया है. 2024 में होने वाले इन चुनावों में पार्टी उत्तर प्रदेश से ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर केंद्र में एक बार फिर नरेंद्र मोदी की सरकार बनाना चाहती है. पिछले लगभग एक दशक से भाजपा से लगातार मात खा रहे विपक्षी दल किसी न किसी तरह पार्टी को घेरने के लिए रणनीति बना रहे हैं. यही कारण है कि इस दिनों में प्रदेश की राजनीति में कभी रामचरित मानस का विषय चर्चा में आता है, तो कभी जातीय जनगणना का. हमने इन्हीं सब विषयों पर बात की उत्तर प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष और युवा विधायक पंकज सिंह से. चर्चा के दौरान पंकज सिंह से हमने पूछा किया रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का पुत्र होने का उन्हें नुकसान हो रहा है? उन्होंने सभी प्रश्नों के बारे में विस्तार से जवाब दिए.
हमने पंकज सिंह से पूछा कि विपक्षी दल जिस तरह से रामचरित मानस और जातीय जनगणना को लेकर राजनीति कर रहे हैं, उसे आप कैसे देखते हैं? इस पर वह कहते हैं 'देखिए विपक्ष ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है. जनहित के मुद्दे होते हैं, जिन्हें विधानसभा में उठाना चाहिए, लेकिन वह सिर्फ राजनीति चमकाने के लिए कुछ विषयों को उठाते हैं. देश की आस्था, परंपरा और हमारी जो ताकत है, उस पर भी प्रश्न उठाना दुखद है. जिस रामचरित मानस से पूरे देश-दुनिया को जीवन जी ने और कर्तव्यों की सीख मिलती है, अब उस पर भी प्रश्नचिह्न उठाना और जातीय जनगणना का विषय उठाना सिर्फ इनकी राजनीतिक लाभ लेने की मंशा को जाहिर करता है. यही लोग जब सत्ता में थे तब उन्होंने इस ओर कभी कोई कोशिश नहीं की. देश की जनता अब इन लोगों को समझ चुकी है.'
भारतीय जनता पार्टी चूंकि हिंदुत्व की विचारधारा पर चलती है और भाजपा को पिछले एक दशक में जातियों में बिखरे हिंदुओं को संगठित करने में सफलता मिली है. क्या आपको लगता है कि जातीय जनगणना की मांग के पीछे फिर से हिंदुओं को बांटने की चाल है? इस पर प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष पंकज सिंह कहते हैं 'सपा-बसपा या अन्य दलों का उदय ही जातीय राजनीति से हुआ है. जब यह सत्ता में आए, तब इन्होंने अपने समाज का कोई भला नहीं किया. सिर्फ अपने हित देखे. अब वह जो काम विपक्षी दल नहीं कर सके आज भाजपा कर रही है. हमारी सरकार का संकल्प सबको साथ लेकर विकास करने का है और हम इससे कभी पीछे नहीं हटते.'
आप लंबे समय से संगठन में हैं. युवा हैं और आपको लोग पसंद करते हैं. शायद इसीलिए आप सर्वाधिक वोटों से जीतकर आए हैं पिछले विधान सभा चुनाव में. फिर आपको सरकार में जगह क्यों नहीं मिली? क्या आपको इस बात का नुकसान होता है कि आप रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र हैं? इस पर वह कहते हैं 'नहीं-नहीं, ईश्वर का बनाया हुआ यह रिश्ता है. मेरा सौभाग्य है कि मैंने यहां पर जन्म लिया है. भारतीय जनता पार्टी बहुत ही मर्यादा और सुचिता के साथ चलती है. पार्टी नेतृत्व ने हमेशा इस बात पर ध्यान भी दिया है. मेरे पिताजी मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष जैसे कई पदों पर रहे. मुझे खुद काम करते हुए लगभग 20 साल हो रहे हैं. उनका भी मानना है कि एक कार्यकर्ता के तौर पर ही हमें काम करना चाहिए. वह हमने किया भी है. वर्ष 2007 में जब मेरा बनारस से विधानसभा के लिए टिकट हुआ, तो मैंने विनम्र निवेदन करके उसे खुद छोड़ दिया था. 2017 में पार्टी ने हमें चुनाव लड़ाया. पार्टी की विचारधारा के प्रति मैं एकदम प्रतिबद्ध हूं. पार्टी ने लगातार नौ साल से महामंत्री और अब उपाध्यक्ष के तौर पर संगठन में काम करने का मौका दिया है. मैं पार्टी नेतृत्व का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझ पर विश्वास जताया.' हमने ऐसे ही कई और विषयों पर पंकज सिंह से सवाल किए. देखिए पूरा साक्षात्कार.