नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज राजधानी दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में आयोजित 90वीं इंटरपोल महासभा को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में सोमवार को यह जानकारी दी. इस महासभा में 195 देशों के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे. पीएमओ ने कहा कि इन प्रतिनिधियों में सदस्य देशों के मंत्री, पुलिस प्रमुख, केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हैं.
महासभा, इंटरपोल का सर्वोच्च शासी निकाय है और साल में इसकी एक बार बैठक होती है. इस बैठक में इंटरपोल के कामकाज की समीक्षा की जाती है और महत्वपूर्ण फैसले भी लिए जाते हैं. बैठक में वित्तीय अपराधों और भ्रष्टाचार के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी. पीएमओ ने कहा कि भारत में इंटरपोल महासभा की बैठक 25 सालों के अंतराल के बाद हो रही है. पिछली बार भारत में यह महासभा 1997 में हुई थी. भारत की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस बार की महासभा का आयोजन नयी दिल्ली में करने का विशेष मौका दिया गया है.
पीएमओ ने कहा कि यह आयोजन भारत की कानून और व्यवस्था के तंत्र से दुनिया को अवगत कराने का एक अवसर है. महासभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, इंटरपोल के अध्यक्ष अहमद नासर अल रईसी और उसके महासचिव महासचिव जुर्गन स्टॉक भी मौजूद रहेंगे. इंटरपोल की चार दिवसीय 90वीं महासभा के दौरान नशीले पदार्थों की तस्करी, बाल यौन शोषण, वित्तीय अपराध के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर विचार-विमर्श किया जाएगा.
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Our international child sexual exploitation database has identified an average of seven child abuse victims every day. So far we have identified 30,000 victims. We have to increase our fight in protecting the most vulnerable in world: Jurgen Stock, Secy General, Interpol pic.twitter.com/wBD0yEdqmg
— ANI (@ANI) October 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) October 17, 2022Our international child sexual exploitation database has identified an average of seven child abuse victims every day. So far we have identified 30,000 victims. We have to increase our fight in protecting the most vulnerable in world: Jurgen Stock, Secy General, Interpol pic.twitter.com/wBD0yEdqmg
— ANI (@ANI) October 17, 2022
महासभा में वैश्विक आतंकवाद पर भी मंथन होगा. इस संबंध में इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक ने कहा कि हम आतंकी संगठनों की गतिविधियों को साझा करते हैं. यह स्वीकार करते हुए कि वित्तीय धोखेबाज डिजिटलीकरण प्रक्रिया का उपयोग कर रहे हैं, अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन ने वित्तीय अपराध को सभी देशों में कानून लागू करने वाली एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में मान्यता दी है.
उन्होंने कहा कि कानून लागू करने वाली एजेंसियों के लिए क्रिप्टो करेंसी एक नई चुनौती है. क्योंकि कानून लागू करने वाली एजेंसियों को छोड़ने के लिए अपराधी क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं डिजिटाइजेशन और इंटरनेट के इस्तेमाल से इसमें शामिल लोगों को ट्रैक करना और उन्हें फंसाना ज्यादा मुश्किल होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि कानून लागू करने वाली एजेंसियों को कानून तोड़ने वालों के खिलाफ एक कदम आगे रहना होगा. उन्होंने कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करना है और वास्तविक समय के आधार पर जानकारी साझा करना है.
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