हैदराबाद: हर साल 18 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस मनाया जाता है. प्रवासियों की समस्या और प्रवासन के कारण पैदा होने वाली परेशानियों को ध्यान में रखकर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 4 दिसंबर 2000 को अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस मनाये जाने का फैसला किया था. उसके बाद से हर साल यह दिवस वैश्विक पैमाने पर मनाया जाता है. 1951 में अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन के 175 देश सदस्य हैं. वर्तमान में इसकी उपस्थिति 171 देशों में है.
-
On #InternationalMigrantsDay, we are taking you back to "Stand-Up for Human Rights," an Asia-Pacific stand-up comedy show bringing together 7 comedians to BKK on Human Rights Day.
— UN Human Rights Asia (@OHCHRAsia) December 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Join us in standing up for migrants’ rights & creating a more inclusive world! #StandUp4Migrants pic.twitter.com/BaUGgw5dal
">On #InternationalMigrantsDay, we are taking you back to "Stand-Up for Human Rights," an Asia-Pacific stand-up comedy show bringing together 7 comedians to BKK on Human Rights Day.
— UN Human Rights Asia (@OHCHRAsia) December 18, 2023
Join us in standing up for migrants’ rights & creating a more inclusive world! #StandUp4Migrants pic.twitter.com/BaUGgw5dalOn #InternationalMigrantsDay, we are taking you back to "Stand-Up for Human Rights," an Asia-Pacific stand-up comedy show bringing together 7 comedians to BKK on Human Rights Day.
— UN Human Rights Asia (@OHCHRAsia) December 18, 2023
Join us in standing up for migrants’ rights & creating a more inclusive world! #StandUp4Migrants pic.twitter.com/BaUGgw5dal
संयुक्त राष्ट्र के अधीन अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन(International Organization For Migration-IOM ) के ताजा डेटा के अनुसार वैश्विक स्तर पर 2020 में लगभग 281 मिलियन अंतरराष्ट्रीय प्रवासी थे, जो वैश्विक आबादी का 3.6 प्रतिशत के बराबर था. कुल मिलाकर बात करें तो बीते 5 दशकों में अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या में वृद्धि हुई है. साल 2020 में अपने जन्म के देश के अलावा किसी अन्य देश में रहने वाले कुल अनुमानित संख्या 1990 की तुलना में 128 मिलियन ज्यादा है. वहीं 1970 में प्रवासियों की अनुमानित संख्या से तीन गुना अधिक है.
-
As we mark #InternationalMigrantsDay, our human story shows what we have in common: belonging, caring, and connecting. Let's celebrate the bonds that unite us. Join the call to honor what brings us together, standing tall for migrants' rights. #StandUp4Migrants pic.twitter.com/X38kehhVES
— UN Human Rights Asia (@OHCHRAsia) December 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">As we mark #InternationalMigrantsDay, our human story shows what we have in common: belonging, caring, and connecting. Let's celebrate the bonds that unite us. Join the call to honor what brings us together, standing tall for migrants' rights. #StandUp4Migrants pic.twitter.com/X38kehhVES
— UN Human Rights Asia (@OHCHRAsia) December 18, 2023As we mark #InternationalMigrantsDay, our human story shows what we have in common: belonging, caring, and connecting. Let's celebrate the bonds that unite us. Join the call to honor what brings us together, standing tall for migrants' rights. #StandUp4Migrants pic.twitter.com/X38kehhVES
— UN Human Rights Asia (@OHCHRAsia) December 18, 2023
यही नहीं कई देशों में आंतरिक हिंसा, बाहरी देश के आक्रमण, आपदा, हिंसा और आपदाओं के कारण बड़ी संख्या में लोग आंतरिक रूप से विस्थापित (Internally Displaced Persons-IDP) है. वैश्विक अनुमान के मुताबिक 59 मिलियन के करीब है. इसका ताजा उदाहरण रूस-यूक्रेन संकट, फिलिस्तीन-इजराइल संकट के बड़ी संख्या में लोग अपने देश में विस्थापित हैं. आज के समय में विस्थापित, सुविधाओं से वंचित हैं.
इतिहास : इस दिन की जड़ें 18 दिसंबर, 1990 को प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों के अधिकारों की रक्षा करने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को अपनाने से जुड़ी हैं. 1990 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा श्रमिक और उनके परिवारों के सदस्य के लिए इस दिन को प्रवासियों के अधिकारों की सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को अपनाने के उपलक्ष्य में चुना गया था.
उद्देश्य : समुदाय, अंतर-सरकारी निकाय और गैर-सरकारी संगठन वैश्विक स्तर पर प्रवासियों के मानवाधिकारों और राजनीतिक स्वतंत्रता के बारे में जानकारी फैलाकर अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस मनाते हैं. इस प्रयास का उद्देश्य अनुभवों को साझा करना और ऐसे कार्यों को विकसित करना है जो प्रवासियों की भलाई की रक्षा करते हैं.
2023 की थीम : अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस 2023 की थीम "सुरक्षित प्रवासन को बढ़ावा देना" (Promoting Safe Migration) रखी गई है. इस विषय के साथ, संयुक्त राष्ट्र सभी प्रवासियों के मानव अधिकारों की गारंटी देने, उनकी कानूनी स्थिति की परवाह किए बिना, जेनोफोबिया से लड़ने (fight and prevent xenophobia) और रोकने और प्रवासी श्रमिकों के शोषण को अपराध मानने वाले कानूनों के खिलाफ जोर देने के लिए विभिन्न देशों की प्रतिबद्धता को बढ़ावा देना चाहता है.
प्रवासन क्या है? बसने के बेहतर अवसरों की तलाश में एक देश, स्थान या इलाके से दूसरे स्थान पर जाने को प्रवासन के रूप में परिभाषित किया गया है. जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं, तो जिस स्थान से वे जाते हैं उसे उत्पत्ति का स्थान कहा जाता है. और जिस स्थान पर वे जाते हैं उसे गंतव्य स्थान कहा जाता है. प्रवासन, मानव इतिहास का एक स्थायी पहलू, दुनिया को आकार देना जारी रखता है क्योंकि व्यक्ति बेहतर अवसरों की तलाश करते हैं और संघर्षों, हिंसा, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय गिरावट से बचते हैं.
प्रवासियों की भलाई क्यों? वैश्विक चुनौतियों के समाधान के रूप में प्रवासन की पूरी क्षमता को उजागर करने के लिए, प्रवासियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता देना अनिवार्य है. डब्ल्यूएचओ विशिष्ट कार्यों की वकालत करता है, जिसमें एकीकृत और समावेशी सेवाएं प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों को फिर से तैयार करना, प्रवासियों की भलाई को प्रभावित करने वाले मूल कारणों को संबोधित करना, व्यापक डेटा संग्रह में निवेश करना और वैश्विक अनुसंधान को बढ़ावा देना शामिल है.
भेदभाव और भाषा कारकों सहित सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज में बाधाओं को दूर करने और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों के माध्यम से प्रवासियों के लिए कानूनी और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीतियों में प्रवासियों को शामिल करने, स्वास्थ्य पेशेवरों, सेवाओं और कार्यक्रमों में कमी को दूर करने और स्वास्थ्य परियोजनाओं में प्रवासियों की भागीदारी के लिए स्थायी संरचनाओं के निर्माण पर भी जोर दिया गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका : WHO, अपने स्वास्थ्य और प्रवासन विभाग के माध्यम से, मानदंडों, मानकों, मार्गदर्शन और उपकरणों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ये संसाधन शरणार्थियों और प्रवासियों की सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई आवश्यकताओं के अनुरूप समावेशी और सम्मानजनक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की देशों की क्षमता को मजबूत करते हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति रणनीतियों और क्षेत्रीय कार्य योजनाओं के विकास और कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के लिए तकनीकी सहायता, प्रतिक्रिया और क्षमता निर्माण सहायता की पेशकश की जाती है.