अहमदाबाद: गुजरात में इंटरनेशनल काइट फेस्टिवल 2023 रविवार से शुरू हो गया है. अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट, वल्लभासदन में 8 से 14 जनवरी तक इस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इसका उद्घाटन आज मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (CM Bhupendra Patel) ने किया है. अहमदाबाद सहित कई शहरों में आयोजित होने वाला यह फेस्टिवल G20 की थीम पर आधारित है. जिसमें कई देशों के लोग शामिल हो रहे हैं.
इस समारोह में G20 देशों के पतंग उड़ाने वाले लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे. इसमें दुनियाभर से लोग शामिल होने जा रहे हैं. इसकी परेड का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय पतंग उड़ाने वाले लोगों द्वारा किया गया. कोरोना वैश्विक महामारी के चलते विगत दो सालों से राज्य सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन नहीं किया जा रहा था. देखिए इसकी खास तस्वीरें...(International Kite Festival pictures)
कब हुई पतंग उत्सव की शुरुआत
अहमदाबाद में अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव की शुरुआत 1989 से हुई थी. आपको यह जानकार ताजुब्ब होगा कि पतंग उड़ाने का प्रचलन चीन से आरंभ हुआ है. पतंग महोत्सव में 68 देशों की भागीदारी और एक साथ पतंगबाजी करने से एक नया गिनीज ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना.
देश को मिला एकता का संदेश
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जी20 थीम पर आधारित इंटरनेशनल काइट फेस्टिवल 2023 से एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य संदेश दिया है. जिसमें 68 देशों के करीब 125 पतंगबाज हिस्सा लेंगे. अंतर्राष्ट्रीय सहभागियों के अलावा, देश के 14 राज्यों के 65 पतंगबाज और गुजरात के विभिन्न हिस्सों के 660 पतंगबाज भी सप्ताह भर चलने वाले समारोह में भाग लेंगे. इसका समापन 14 जनवरी को होगा.
सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात में विकास की पतंग लगातार दो दशकों में नयी ऊचाइयों को पार करती रही है. पतंग उत्सव आसमान को छूने और नयी ऊंचाइयों तक पहुंचने का एक मौका है. क्योंकि पतंग प्रगति, समृद्धि एवं उड़ान की प्रतीक है. जब मोदी मुख्यमंत्री थे तब पतंग उद्योग को प्रोत्साहन मिला और वह दो दशकों में 8-10 करोड़ रुपये के उद्योग से बढ़कर 625 करोड़ रुपये का उद्योग बन गया. इससे 1.30 लाख लोगों को रोजगार भी मिला.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत पहली बार जी-20 देशों की मेजबानी कर रहा है. यह इसलिए संभव हो पाया क्योंकि प्रधानमंत्री ने भारत की छवि वैश्विक मंचों पर मजबूत बनाई है. गुजरात के लिए यह गौरव की बात है कि उसे जी-20 की 15 बैठकों की मेजबानी करने का मौका मिला है. गुजरात की विकास यात्रा को निर्बाध जारी रखने के लिए हमने पर्यटन एवं रोजगार पर विशेष बल दिया है. आज का पतंग उत्सव उसी का उदाहरण है.
इस मौके पर पर्यटन मंत्री मुलुभाई बेरा ने कहा कि उत्तरायण समारोह प्रकृति के संरक्षण का संदेश देता है. अहमदाबाद के अलावा वडोदरा, वडनगर, सोमनाथ, राजकोट, धोलेरा और धोर्डो में यह उत्सव आयोजित किया जा रहा है. अंतर्राष्ट्रीय पतंग उत्सव से विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है. ऐसे उत्सवों के आयोजन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को संबल मिलता है और रोजगार के अवसर पैदा होते हैं.
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