ETV Bharat / bharat

अंतरराष्ट्रीय वन दिवस : एक पौधा उपहार के तौर पर दें और दुनिया को बेहतर बनाएं

आज अंतरराष्ट्रीय वन दिवस है. इस अवसर पर अधिक से अधिक पौधे लगाने तथा पर्यावरण को बचाने पर जोर दिया जा रहा है. साथ ही विशेषज्ञ दुनिया को हरियाली और स्वस्थ बनाने के लिए एक सरल तरीके की सिफारिश कर रहे हैं.

forest day
forest day
author img

By

Published : Mar 21, 2021, 7:00 AM IST

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय वन दिवस 21 मार्च को है और चहुंओर पौधे लगाने तथा पर्यावरण को बचाने पर जोर दिया जा रहा है. ऐसे समय में, जब वनों की कटाई तेज हो रही है, प्रदूषण की वजह से हमारे शहर रहने लायक नहीं बचे हैं और जलवायु परिवर्तन प्राकृतिक आपदाओं का कारण बन रहा है, विशेषज्ञ दुनिया को हरियाली और स्वस्थ बनाने के लिए एक सरल तरीके की सिफारिश कर रहे हैं.

यहां एक ऐसा प्लेटफॉर्म या मंच है, जिसका उपयोग देश में बंजर भूमि पर पौधे लगाने के लिए किया जा सकता है. यह मंच आपकी ओर से विशेष अवसरों पर एक पौधा भेंट करने का अवसर प्रदान करता है. इसके माध्यम से लोग जन्मदिन और अन्य खुशी के क्षणों में अपनी ओर से पौधरोपण में योगदान दे सकते हैं. यह पौधे भारत भर में लगाए जाएंगे और कंपनी द्वारा इनकी देखभाल की जाएगी.

यदि आपके पास पौधे लगाने का समय नहीं है या पौधे लगाने के लिए जमीन नहीं है, तब भी आप पौधरोपण में अपना योगदान दे सकते हैं. इसके लिए ग्रो ट्रीज डॉट कॉम पर जाकर अपना योगदान दिया जा सकता है. अपनी नई परियोजना में यह मंच झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में लैलाम और लुबासा पंचायतों के अलावा ओडिशा के मयूरभंज जिले की जामुकेश्वर पंचायत सहित 19 गांवों में 500 एकड़ जमीन पर पौधरोपण करेगा.

यह न केवल हरित आवरण का विस्तार करेगा, बल्कि पशु आवास को भी बढ़ाएगा.

देशभर में 2020 में 26 लाख पौधे लगाए गए थे, जो महामारी के दौरान ग्रामीण रोजगार भी प्रदान करता है. एक पौधा लगाने के लिए मंच 85 रुपये का शुल्क लेता है. जब से यह अस्तित्व में आया है, मंच ने लगभग 75 लाख पौधे लगाए हैं.

ग्रो-ट्रीज डॉट कॉम के सह-संस्थापक और निदेशक प्रदीप शाह ने कहा, कंपनी ने स्थानीय समुदायों, आदिवासियों, और लाभान्वित परियोजनाओं के साथ सामुदायिक भूमि पर लाखों स्थानीय पौधे लगाते हुए हजारों व्यक्तियों और सैकड़ों कंपनियों का विश्वास अर्जित किया है.

ग्रो-ट्रीज डॉट कॉम में इको-प्लानर और पर्यावरण विशेषज्ञ सुप्रिया पाटिल ने कहा कि यह समय अधिक से अधिक पेड़ लगाने का है. उन्होंने पौधे लगाने के तमाम फायदे गिनवाते हुए कहा कि पेड कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और यहां तक कि नाइट्रोजन प्रदूषक जैसे नाइट्रोजन ऑक्साइड, अमोनिया और सल्फर डाइऑक्साइड को भी अवशोषित करते हैं. उन्होंने कहा कि यह आमतौर पर ज्ञात तथ्य है कि सिर्फ एक पेड़ सालाना लगभग 10 पाउंड प्रदूषित हवा को अवशोषित कर सकता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि बहुत सारी प्राकृतिक आपदाएं इसलिए होती हैं, क्योंकि प्रकृति से जो हम लेते हैं और जो हम उसे वापस देते हैं, उसके बीच असंतुलन है. इसी असंतुलन को खत्म करने के लिए यह मंच काम कर रहा है.

मंच ने कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, आंध्र प्रदेश और कई भारतीय राज्यों में स्थानीय और आदिवासी समुदायों को समर्थन देने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं. पाटिल ने कहा, जब पेड़ परिपक्व होते हैं, तो वे ग्रामीण समुदायों के लिए आय के तौर पर एक स्थायी स्रोत के रूप में काम करते हैं.

पढ़ेंः RSS की नई टीम में राम माधव की वापसी, अरुण कुमार बने सह सरकार्यवाह

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय वन दिवस 21 मार्च को है और चहुंओर पौधे लगाने तथा पर्यावरण को बचाने पर जोर दिया जा रहा है. ऐसे समय में, जब वनों की कटाई तेज हो रही है, प्रदूषण की वजह से हमारे शहर रहने लायक नहीं बचे हैं और जलवायु परिवर्तन प्राकृतिक आपदाओं का कारण बन रहा है, विशेषज्ञ दुनिया को हरियाली और स्वस्थ बनाने के लिए एक सरल तरीके की सिफारिश कर रहे हैं.

यहां एक ऐसा प्लेटफॉर्म या मंच है, जिसका उपयोग देश में बंजर भूमि पर पौधे लगाने के लिए किया जा सकता है. यह मंच आपकी ओर से विशेष अवसरों पर एक पौधा भेंट करने का अवसर प्रदान करता है. इसके माध्यम से लोग जन्मदिन और अन्य खुशी के क्षणों में अपनी ओर से पौधरोपण में योगदान दे सकते हैं. यह पौधे भारत भर में लगाए जाएंगे और कंपनी द्वारा इनकी देखभाल की जाएगी.

यदि आपके पास पौधे लगाने का समय नहीं है या पौधे लगाने के लिए जमीन नहीं है, तब भी आप पौधरोपण में अपना योगदान दे सकते हैं. इसके लिए ग्रो ट्रीज डॉट कॉम पर जाकर अपना योगदान दिया जा सकता है. अपनी नई परियोजना में यह मंच झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में लैलाम और लुबासा पंचायतों के अलावा ओडिशा के मयूरभंज जिले की जामुकेश्वर पंचायत सहित 19 गांवों में 500 एकड़ जमीन पर पौधरोपण करेगा.

यह न केवल हरित आवरण का विस्तार करेगा, बल्कि पशु आवास को भी बढ़ाएगा.

देशभर में 2020 में 26 लाख पौधे लगाए गए थे, जो महामारी के दौरान ग्रामीण रोजगार भी प्रदान करता है. एक पौधा लगाने के लिए मंच 85 रुपये का शुल्क लेता है. जब से यह अस्तित्व में आया है, मंच ने लगभग 75 लाख पौधे लगाए हैं.

ग्रो-ट्रीज डॉट कॉम के सह-संस्थापक और निदेशक प्रदीप शाह ने कहा, कंपनी ने स्थानीय समुदायों, आदिवासियों, और लाभान्वित परियोजनाओं के साथ सामुदायिक भूमि पर लाखों स्थानीय पौधे लगाते हुए हजारों व्यक्तियों और सैकड़ों कंपनियों का विश्वास अर्जित किया है.

ग्रो-ट्रीज डॉट कॉम में इको-प्लानर और पर्यावरण विशेषज्ञ सुप्रिया पाटिल ने कहा कि यह समय अधिक से अधिक पेड़ लगाने का है. उन्होंने पौधे लगाने के तमाम फायदे गिनवाते हुए कहा कि पेड कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और यहां तक कि नाइट्रोजन प्रदूषक जैसे नाइट्रोजन ऑक्साइड, अमोनिया और सल्फर डाइऑक्साइड को भी अवशोषित करते हैं. उन्होंने कहा कि यह आमतौर पर ज्ञात तथ्य है कि सिर्फ एक पेड़ सालाना लगभग 10 पाउंड प्रदूषित हवा को अवशोषित कर सकता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि बहुत सारी प्राकृतिक आपदाएं इसलिए होती हैं, क्योंकि प्रकृति से जो हम लेते हैं और जो हम उसे वापस देते हैं, उसके बीच असंतुलन है. इसी असंतुलन को खत्म करने के लिए यह मंच काम कर रहा है.

मंच ने कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, आंध्र प्रदेश और कई भारतीय राज्यों में स्थानीय और आदिवासी समुदायों को समर्थन देने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं. पाटिल ने कहा, जब पेड़ परिपक्व होते हैं, तो वे ग्रामीण समुदायों के लिए आय के तौर पर एक स्थायी स्रोत के रूप में काम करते हैं.

पढ़ेंः RSS की नई टीम में राम माधव की वापसी, अरुण कुमार बने सह सरकार्यवाह

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.