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अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकार लादुराम नायक का कोरोना से निधन - लादुराम नायक का 80 वर्ष की उम्र में निधन

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकार लादुराम नायक का कोरोना से निधन हो गया है. वे पेरिस, जर्मनी, लंदन, इटली, फ्रांस, पुर्तगाल सहित अनेक देशों में अपनी कला के दम पर पहचान बना चुके थे. लादुराम ने लोक वाद्य यंत्र डेरु से अपनी अलग पहचान बनाई थी.

लादुराम ने लोक वाद्य यंत्र डेरु से अपनी अलग पहचान बनाई थी...
लादुराम ने लोक वाद्य यंत्र डेरु से अपनी अलग पहचान बनाई थी...
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Published : May 24, 2021, 1:39 PM IST

जयपुर : अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार लादुराम नायक का 80 वर्ष की उम्र में कोरोना से निधन हो गया है. लोक कलाकार के निधन से उनके चाहने वालो में शोक की लहर दौड़ पड़ी. लोक कलाकार लादुराम नायक अपनी कला के दम पर विदेशों में भी अपनी पहचान बना चुके थे.

लादुराम नायक ने लोक वाद्य यंत्र डेरु से अपनी अलग पहचान बनाई थी और अपनी कला के दम पर देश और प्रदेश का विदेशों में मान बढ़ाया था. नायक लदंन, पेरिस, इटली, फ्रांस, पुर्तगाल, सेलोनिया, जर्मनी सहित अनेक देशों में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके थे. शनिवार शाम को उनकी तबियत बिगड़ने पर उन्हें सरदारशहर अस्पताल लाया गया, जहां उन्हें कोविड सेंटर में भर्ती किया गया था. जहां रविवार को उन्होंने अंतिम सांस ली और उनका अंतिम संस्कार आसपालसर बड़ा में किया गया.

पढ़ें : अंतरराष्ट्रीय सैक्सोफोन कलाकार मछेंद्रनाथ का कोविड से निधन

बता दें कि नायक पिछले करीब 60 वर्षों से लोक कला से जुड़े हुए थे. मुख्यत: वह माताजी और गोगोजी महाराज के भजन गाया करते थे. जिलेभर में जागरण के आयोजन हो में उन्हें विशेष आमंत्रित किया जाता था. उनके निधन से न सिर्फ उनके परिवार-समाज को, बल्कि देश और प्रदेश को क्षति हुई है.

जयपुर : अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार लादुराम नायक का 80 वर्ष की उम्र में कोरोना से निधन हो गया है. लोक कलाकार के निधन से उनके चाहने वालो में शोक की लहर दौड़ पड़ी. लोक कलाकार लादुराम नायक अपनी कला के दम पर विदेशों में भी अपनी पहचान बना चुके थे.

लादुराम नायक ने लोक वाद्य यंत्र डेरु से अपनी अलग पहचान बनाई थी और अपनी कला के दम पर देश और प्रदेश का विदेशों में मान बढ़ाया था. नायक लदंन, पेरिस, इटली, फ्रांस, पुर्तगाल, सेलोनिया, जर्मनी सहित अनेक देशों में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके थे. शनिवार शाम को उनकी तबियत बिगड़ने पर उन्हें सरदारशहर अस्पताल लाया गया, जहां उन्हें कोविड सेंटर में भर्ती किया गया था. जहां रविवार को उन्होंने अंतिम सांस ली और उनका अंतिम संस्कार आसपालसर बड़ा में किया गया.

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बता दें कि नायक पिछले करीब 60 वर्षों से लोक कला से जुड़े हुए थे. मुख्यत: वह माताजी और गोगोजी महाराज के भजन गाया करते थे. जिलेभर में जागरण के आयोजन हो में उन्हें विशेष आमंत्रित किया जाता था. उनके निधन से न सिर्फ उनके परिवार-समाज को, बल्कि देश और प्रदेश को क्षति हुई है.

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