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शांति के लिए बहुपक्षवाद और कूटनीति के अंतरराष्ट्रीय दिवस का महत्व

हम एक ऐसे दौर में रह रहे हैं जब ताकतवर देशों के बीच संघर्ष की खबरें रिपोर्ट की जाती हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग इंटरनेट और सोशल मीडिया का भी प्रयोग कर रहे हैं. तब ऐसे में सूचनाओं की विश्वसनीयता का पता लगाना चुनौती पूर्ण हो जाता है. इस संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र ने लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने की पहल की है.

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Published : Apr 25, 2021, 7:04 PM IST

हैदराबाद : आज कल स्थानीय स्तर पर सामाजिक संघर्ष और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देशों के बीच कूटनीतिक संघर्ष की खबरें आम हो गई हैं. ऐसे में शांति के लिए बहुपक्षवाद और कूटनीति का अंतरराष्ट्रीय दिवस का महत्व बढ़ जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य शैक्षिक और सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के साथ शांति के लिए बहुपक्षवाद और कूटनीति के लाभों के बारे में लोगों को जानकारी देना है. पहली बार संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा 24 अप्रैल, 2019 को यह दिवस मनाया गया था.

24 अप्रैल को मनाया जाने वाला बहुपक्षवाद और कूटनीति का अंतरराष्ट्रीय दिवस, राष्ट्रों के बीच संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बहुपक्षीय निर्णय लेने और कूटनीति के उपयोग को स्वीकार करता है. शांति के लिए बहुपक्षीयता और कूटनीति का अंतरराष्ट्रीय दिवस 12 दिसंबर, 2018 को संकल्प के माध्यम से स्थापित किया गया था.

  • संयुक्त राष्ट्र चार्टर और 2030 का एजेंडा बहुपक्षवाद और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के मूल्यों के संरक्षण को सतत विकास के लिए रेखांकित करता है.
  • अंतरराष्ट्रीय मानदंड और नियम-आधारित प्रणाली, जिन्होंने सात दशकों के दौरान राष्ट्रों का संचालन किया है, इनको संरक्षणवाद और अलगाववाद की बढ़ती चुनौतियों का सामना करना चाहिए.
  • जलवायु परिवर्तन, भू-राजनीतिक तनाव, मानवीय और प्रवासी संकट जैसे वैश्विक मुद्दे, जो देशों के मूल्यों और हितों को दर्शाते है. साथ ही सामूहिक ध्यान और कार्रवाई की आवश्यकता के बारे में बताते है.
  • तकनीकी प्रगति ने राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य और अंतर-राज्य संबंधों को भी प्रभावित किया है.
  • अंतरराष्ट्रीय दिवस संयुक्त राष्ट्र चार्टर का एक पुनर्मूल्यांकन है और शांतिपूर्ण तरीकों के माध्यम से देशों के बीच विवादों को हल करना इसका सिद्धांत हैं.
  • यह राष्ट्रों के बीच संघर्ष को शांतिपूर्ण समाधान प्राप्त करने में बहुपक्षीय निर्णय लेने और कूटनीति के उपयोग को स्वीकार करता है.

पृष्ठभूमि

  • 1945 में संयुक्त राष्ट्र अस्तित्व में आया था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुई तबाही के बाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का रखरखाव करने के मिशन के साथ संयुक्त राष्ट्र ने एक केंद्रीय मिशन की शुरुआत की.
  • संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में कहा गया कि शांतिपूर्ण तरीकों से विवादों को निपटाने की प्रतिबद्धता और युद्ध संकट से बचाना उनके दृढ़ संकल्प, उद्देश्यों और सिद्धांतों में से एक है.
  • विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में सहायता के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों का समर्थन करने में निवारक कूटनीति बहुत महत्वपूर्ण है.
  • सितंबर 2018 में जनरल डिबेट में बहुपक्षवाद और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता अधिकांश विश्व नेताओं द्वारा एक बार फिर इसकी पुष्टि की गई थी.
  • इस प्रतिबद्धता को 31 अक्टूबर 2018 को बहुपक्षवाद के प्रति प्रतिबद्धता के नवीकरण पर हाई लेवल मीटिंग के दौरान चर्चा किया गया.
  • 12 दिसंबर 2018 को, महासभा ने 144 मतों के रिकॉर्ड मत द्वारा अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के लिए बहुपक्षवाद और कूटनीति के अंतरराष्ट्रीय दिवस के प्रस्ताव को अपनाया. इसके विरोध में बस दो वोट पड़े थे.
  • इस प्रस्ताव के माध्यम से महासभा, संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों, पर्यवेक्षकों और संगठनों को आमंत्रित करती है कि वे अंतरराष्ट्रीय दिवस का उचित तरीके से निरीक्षण करें. साथ ही शांति के लिए बहुपक्षवाद और कूटनीति के लाभों का प्रसार करें, जिसमें शैक्षिक और सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने वाली गतिविधियां शामिल हैं.

हैदराबाद : आज कल स्थानीय स्तर पर सामाजिक संघर्ष और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देशों के बीच कूटनीतिक संघर्ष की खबरें आम हो गई हैं. ऐसे में शांति के लिए बहुपक्षवाद और कूटनीति का अंतरराष्ट्रीय दिवस का महत्व बढ़ जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य शैक्षिक और सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के साथ शांति के लिए बहुपक्षवाद और कूटनीति के लाभों के बारे में लोगों को जानकारी देना है. पहली बार संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा 24 अप्रैल, 2019 को यह दिवस मनाया गया था.

24 अप्रैल को मनाया जाने वाला बहुपक्षवाद और कूटनीति का अंतरराष्ट्रीय दिवस, राष्ट्रों के बीच संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बहुपक्षीय निर्णय लेने और कूटनीति के उपयोग को स्वीकार करता है. शांति के लिए बहुपक्षीयता और कूटनीति का अंतरराष्ट्रीय दिवस 12 दिसंबर, 2018 को संकल्प के माध्यम से स्थापित किया गया था.

  • संयुक्त राष्ट्र चार्टर और 2030 का एजेंडा बहुपक्षवाद और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के मूल्यों के संरक्षण को सतत विकास के लिए रेखांकित करता है.
  • अंतरराष्ट्रीय मानदंड और नियम-आधारित प्रणाली, जिन्होंने सात दशकों के दौरान राष्ट्रों का संचालन किया है, इनको संरक्षणवाद और अलगाववाद की बढ़ती चुनौतियों का सामना करना चाहिए.
  • जलवायु परिवर्तन, भू-राजनीतिक तनाव, मानवीय और प्रवासी संकट जैसे वैश्विक मुद्दे, जो देशों के मूल्यों और हितों को दर्शाते है. साथ ही सामूहिक ध्यान और कार्रवाई की आवश्यकता के बारे में बताते है.
  • तकनीकी प्रगति ने राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य और अंतर-राज्य संबंधों को भी प्रभावित किया है.
  • अंतरराष्ट्रीय दिवस संयुक्त राष्ट्र चार्टर का एक पुनर्मूल्यांकन है और शांतिपूर्ण तरीकों के माध्यम से देशों के बीच विवादों को हल करना इसका सिद्धांत हैं.
  • यह राष्ट्रों के बीच संघर्ष को शांतिपूर्ण समाधान प्राप्त करने में बहुपक्षीय निर्णय लेने और कूटनीति के उपयोग को स्वीकार करता है.

पृष्ठभूमि

  • 1945 में संयुक्त राष्ट्र अस्तित्व में आया था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुई तबाही के बाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का रखरखाव करने के मिशन के साथ संयुक्त राष्ट्र ने एक केंद्रीय मिशन की शुरुआत की.
  • संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में कहा गया कि शांतिपूर्ण तरीकों से विवादों को निपटाने की प्रतिबद्धता और युद्ध संकट से बचाना उनके दृढ़ संकल्प, उद्देश्यों और सिद्धांतों में से एक है.
  • विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में सहायता के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों का समर्थन करने में निवारक कूटनीति बहुत महत्वपूर्ण है.
  • सितंबर 2018 में जनरल डिबेट में बहुपक्षवाद और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता अधिकांश विश्व नेताओं द्वारा एक बार फिर इसकी पुष्टि की गई थी.
  • इस प्रतिबद्धता को 31 अक्टूबर 2018 को बहुपक्षवाद के प्रति प्रतिबद्धता के नवीकरण पर हाई लेवल मीटिंग के दौरान चर्चा किया गया.
  • 12 दिसंबर 2018 को, महासभा ने 144 मतों के रिकॉर्ड मत द्वारा अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के लिए बहुपक्षवाद और कूटनीति के अंतरराष्ट्रीय दिवस के प्रस्ताव को अपनाया. इसके विरोध में बस दो वोट पड़े थे.
  • इस प्रस्ताव के माध्यम से महासभा, संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों, पर्यवेक्षकों और संगठनों को आमंत्रित करती है कि वे अंतरराष्ट्रीय दिवस का उचित तरीके से निरीक्षण करें. साथ ही शांति के लिए बहुपक्षवाद और कूटनीति के लाभों का प्रसार करें, जिसमें शैक्षिक और सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने वाली गतिविधियां शामिल हैं.
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