हैदराबाद : जैव विविधता और प्राकृतिक संपदा की महत्व को ध्यान में रखकर 6 नवंबर को युद्ध और सशस्त्र संघर्ष में पर्यावरण के शोषण को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 5 नवंबर 2001 को इस संबंध प्रस्ताव पास किया. प्रस्ताव के माध्यम से सभी राज्यों को इस दिवस के बारे में जागरूकता फैलाने का आग्रह किया गया है. संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी विकास लक्ष्य घोषणापत्र को ध्यान में रखकर आने वाली पीढ़ियों के लिए जैव विविधता और प्राकृतिक संपदा की रक्षा पर बल दिया गया है.
-
The International Day for Preventing the Exploitation of the Environment in War & Armed Conflict is an international day observed annually on Nov 6.
— PLinMalaysia (@PLinKualaLumpur) November 7, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
It was established on Nov 5, 2001, by the #UN GA.
Let's be aware of the consequences that war & conflict have on the environment. pic.twitter.com/lPolb8iyaj
">The International Day for Preventing the Exploitation of the Environment in War & Armed Conflict is an international day observed annually on Nov 6.
— PLinMalaysia (@PLinKualaLumpur) November 7, 2022
It was established on Nov 5, 2001, by the #UN GA.
Let's be aware of the consequences that war & conflict have on the environment. pic.twitter.com/lPolb8iyajThe International Day for Preventing the Exploitation of the Environment in War & Armed Conflict is an international day observed annually on Nov 6.
— PLinMalaysia (@PLinKualaLumpur) November 7, 2022
It was established on Nov 5, 2001, by the #UN GA.
Let's be aware of the consequences that war & conflict have on the environment. pic.twitter.com/lPolb8iyaj
- " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="">
युद्ध और सशस्त्र संघर्ष के कारण संबंधित इलाके में जान-माल का व्यापक नुकसान होता है. इस दौरान आम लोग और सैनिकों के घायल और मरने की गणना होती है. आधारभूत संरचना और अन्य संपत्तियों के नुकसान का आकलन होता है. सैन्य लाभ के लिए इस दौरान कई बार जल स्रोतों को प्रदूषित कर दिया जाता है, फलसों को जला दिया जाता है. इस दौराम जल-जंलग और जमीन तबाह हो जाता है. पशुओं को भी मार दिया जाता है. लेकिन युद्धग्रस्त इलाके में वन-पर्यावरण, जल संसाधन व अन्य जैव विविधता के नुकसान का न तो आकलन किया जाता है न तो उसके सुरक्षा के लिए कोई नीति थी. इसी को ध्यान में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने कई कदमों को उठाया है.
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) ने अपने अध्ययन में पाया कि बीते 60 सालों में हुए ज्यादातर आंतरिक संघर्षों में कम से कम 40 फीसदी संघर्षों के पीछे की लड़ाई प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा करना है. इनमें कीमती लकड़ी, हीरे, सोना, तेल, उपजाऊ भूमि, पानी व अन्य वस्तुएं शामिल हैं. यूएनईपी का अनुमान है कि प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा के लिए आने वाले समय में संघर्ष दोगुनी होने की संभावना है.
- " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="">
संयुक्त राष्ट्र लगातार प्रयास कर रहा है कि प्राकृतिक संसाधन रोजगार का प्रमुख हिस्सा है और पारिस्थितिकी तंत्र का प्रमुख घटक है. प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के बिना वैश्विक स्तर पर स्थायी शांति नहीं हो सकती है. संयुक्त राष्ट्र धरती पर मौजूद संसाधनों के लिए संघर्ष को रोकने के लिए लगातर रणनीतियों पर काम कर रहा है.
-
I just left Nepal where I saw how glaciers are dramatically retreating.
— António Guterres (@antonioguterres) November 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
We cannot retreat.
We need #ClimateAction now to end the fossil fuel age. pic.twitter.com/tQNQubsQNO
">I just left Nepal where I saw how glaciers are dramatically retreating.
— António Guterres (@antonioguterres) November 1, 2023
We cannot retreat.
We need #ClimateAction now to end the fossil fuel age. pic.twitter.com/tQNQubsQNOI just left Nepal where I saw how glaciers are dramatically retreating.
— António Guterres (@antonioguterres) November 1, 2023
We cannot retreat.
We need #ClimateAction now to end the fossil fuel age. pic.twitter.com/tQNQubsQNO
यदि हमें सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करना है, तो हमें पर्यावरणीय क्षरण और जलवायु परिवर्तन के कारण संघर्ष के जोखिमों को कम करने के लिए साहसपूर्वक और तत्काल कार्य करने की आवश्यकता है. युद्ध के खतरनाक प्रभावों से अपने ग्रह की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध होना होगा.
एंटोनियो गुटेरेस, महासचिव, संयुक्त राष्ट्र
युद्ध और सशस्त्र संघर्ष में पर्यावरण के शोषण को रोकने के यूएन के मुख्य कदम
- प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा से संबंधित संघर्ष को टालान के लिए लगातार निगरानी
- संयुक्त राष्ट्र की छह एजेंसियां को संघर्ष रोकने के लिए समन्वय की जिम्मेदारी
- देशों को प्राकृतिक तनाव की पहचान करने, रोकने के लिए यूरोपीय संघ के साथ साझेदारी
- पर्यावरण कानून संस्थान की मदद से राष्ट्रों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करना
- संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के माध्यम से प्राकृतिक संसाधन की रक्षा के लिए मदद
- प्राकृतिक संसाधन की रक्षा व शांति कायम करने के लिए महिलाओं की साझेदारी
- महिलाओं को इसके विशेषज्ञता प्रशिक्षण व सलाह उपलब्ध कराना