हैदराबाद: युवा विभिन्न कारणों से नशे का शिकार हो रहे हैं और नशे की भयावहता ने समाज में गहराई तक अपनी जड़ें जमा ली हैं, जिससे लगभग पूरी पीढ़ी विनाश की ओर बढ़ रही है. लोगों को नशीली दवाओं की लत और दुरुपयोग की चपेट से बचाने के लिए, दुनिया भर में हर साल 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है.
आजकल बहुत से युवा और किशोर नशीली दवाओं का सेवन करते हैं. सीधे शब्दों में कहें तो किशोरों में नशे की लत बढ़ती जा रही है. इसके लिए उन्होंने हर तरह के नशे का सहारा लिया है और समाज की अनदेखी के कारण इस गंदगी में फंस गए हैं, जिसका उनके स्वास्थ्य और करियर पर गहरा असर पड़ा है. वर्ष 2023 में यह दिन लोग पहले: कलंक और भेदभाव रोकें, रोकथाम को मजबूत करें" थीम के आसपास मनाया जा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 सितंबर, 1987 को समाज को नशा मुक्त बनाने के लिए एक संकल्प अपनाया. प्रस्ताव में नशीली दवाओं के अवैध उपयोग और तस्करी को रोकने के लिए हर साल नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया. इन दवाओं को अवैध तस्करी के माध्यम से युवाओं तक पहुंचाया जा रहा है, इसलिए सभी देशों ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को अपनाया.
इस दिन का मुख्य उद्देश्य मानव जाति के बेहतर भविष्य के लिए किशोरों में नशीली दवाओं की लत और तस्करी को रोकना है. यह दिन नशे के अलावा विभिन्न व्यसनों पर चर्चा करने के लिए भी एक मंच प्रदान करता है. भारत में भी नशीली दवाओं और अवैध तस्करी को रोकने के लिए सख्त कानून हैं. हालाँकि, लोगों को जागरूक और सहयोगी होने की जरूरत है. नशे के आदी लोगों के आसपास के लोगों को नशे की गिरफ्त में फंसे लोगों की मदद करने की पहल करनी चाहिए.