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मणिपुर में दो स्थानों पर रुक-रुककर गोलीबारी, कोई हताहत नहीं

मणिपुर में गोलीबारी की छिटपुट घटनाएं अभी भी सामने आ रही है. आज तड़के दो स्थानों पर गोलीबारी की घटनाएं हुईं. हालांकि, इसमें किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है.

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Published : Jul 5, 2023, 11:02 AM IST

Intermittent firing at two places in Manipur, no casualties
मणिपुर में दो स्थानों पर रुक-रुककर गोलीबारी, कोई हताहत नहीं

इम्फाल: मणिपुर में दो स्थानों पर रुक-रुक कर गोलीबारी की घटनाएं हुईं और इस दौरान किसी के हताहत होने की फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिली है. सुरक्षा सूत्रों ने यहां यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि रुक-रुक कर गोलीबारी की पहली घटना मंगलवार रात सात बजे से आठ बजे तक खोइजुमतंबी में दो समुदायों के बीच हुई.

उन्होंने बताया कि दोनों समुदायों के बीच गोलीबारी कुछ देर बाद रुक गई और इस दौरान किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है. सूत्रों ने बताया कि एक अन्य घटना ईस्ट फेलेंग में रिज लाइन के पास बुधवार तड़के करीब साढ़े चार बजे हुई. उन्होंने बताया कि इस दौरान भी किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली है.

राज्य में मेइती और कुकी समुदायों के बीच झड़पों में करीब 120 लोगों की जान जा चुकी है और 3,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. पहली बार हिंसा तीन मई को तब भड़की, जब मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में ‘जनजातीय एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया था. मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं. जनजातीय नगा और कुकी आबादी का हिस्सा 40 प्रतिशत है और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं.

ये भी पढ़ें-पूर्वोत्तर में क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को अस्थिर कर रहे मणिपुर दंगे : राइट्स ग्रुप

मणिपुर में तीन मई से हिंसा जारी है. जातीय संघर्ष के कारण अलग-अलग घटनाओं में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई. 50 हजार से अधिक लोग अपने घर को छोड़ने पर मजबूर हो गए. भारी संख्या में लोग अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं. राज्य और केंद्र सरकार लगातार हालात को काबू में करने के लिए कदम उठा रही है.

(पीटीआई-भाषा)

इम्फाल: मणिपुर में दो स्थानों पर रुक-रुक कर गोलीबारी की घटनाएं हुईं और इस दौरान किसी के हताहत होने की फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिली है. सुरक्षा सूत्रों ने यहां यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि रुक-रुक कर गोलीबारी की पहली घटना मंगलवार रात सात बजे से आठ बजे तक खोइजुमतंबी में दो समुदायों के बीच हुई.

उन्होंने बताया कि दोनों समुदायों के बीच गोलीबारी कुछ देर बाद रुक गई और इस दौरान किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है. सूत्रों ने बताया कि एक अन्य घटना ईस्ट फेलेंग में रिज लाइन के पास बुधवार तड़के करीब साढ़े चार बजे हुई. उन्होंने बताया कि इस दौरान भी किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली है.

राज्य में मेइती और कुकी समुदायों के बीच झड़पों में करीब 120 लोगों की जान जा चुकी है और 3,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. पहली बार हिंसा तीन मई को तब भड़की, जब मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में ‘जनजातीय एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया था. मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं. जनजातीय नगा और कुकी आबादी का हिस्सा 40 प्रतिशत है और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं.

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मणिपुर में तीन मई से हिंसा जारी है. जातीय संघर्ष के कारण अलग-अलग घटनाओं में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई. 50 हजार से अधिक लोग अपने घर को छोड़ने पर मजबूर हो गए. भारी संख्या में लोग अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं. राज्य और केंद्र सरकार लगातार हालात को काबू में करने के लिए कदम उठा रही है.

(पीटीआई-भाषा)

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