मैसूर: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, 'मैंने हिजाब प्रतिबंध आदेश को वापस लेने के निर्देश दिए हैं जो वर्तमान में राज्य में लागू है.' सीएम नंजनगुडु तालुक के कवलंदे गांव में कर्नाटक राज्य पुलिस और मैसूर जिला पुलिस इकाई द्वारा निर्मित कवलंदे, अंतरसंथे और जयापुरा पुलिस स्टेशनों का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे.
कार्यक्रम में जनता द्वारा हिजाब को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि 'हिजाब हर कोई पहन सकता है. मैंने आदेश वापस लेने को कहा है. मैं धोती-जुब्बा पहनूंगा, तुम पैंट-शर्ट पहनोगे. इसमें गलत क्या है? वोट के लिए राजनीति गलत है.'
उन्होंने कहा कि 'हमारी सरकार गरीबों के लिए काम करती है. हम और अधिकारी जनता के टैक्स के पैसे से वेतन पा रहे हैं. जनसेवा हमारी पहली प्राथमिकता है. इसलिए लोगों ने हमें वोट दिया.' हर अधिकारी को पता होना चाहिए कि हम उनके पैसे से वेतन ले रहे हैं.'
सीएम ने कहा कि 'पुलिस को प्रत्येक थाने में अपनी शिकायतों को लेकर आने वाले लोगों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना चाहिए. उनके दुख-सुख सुनें. इसे लोगों के अनुकूल पुलिस स्टेशन बनना चाहिए. पुलिस को सभ्य भाषा का प्रयोग करना सीखना चाहिए. कानून व्यवस्था पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.' सीएम ने कहा कि लोग तभी शांतिपूर्ण जीवन जी सकेंगे, जब अच्छी जन-मित्र पुलिस होगी.
सीएम ने कहा कि पुलिस को कानून के जरिए कमजोर लोगों को न्याय देना चाहिए. कुछ जगहों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं. यह भावना नहीं रखनी चाहिए कि जिनके पास पैसा है उन्हें ही न्याय मिल रहा है. पुलिस को किसी भी हालत में अमीर और ताकतवर लोगों से मेलजोल नहीं रखना चाहिए.
पिछली बीजेपी सरकार ने हिजाब बैन का आदेश लागू किया था. जिसके बाद देशभर में इसे लेकर बहस छिड़ गई थी. अदालत ने पिछले साल मार्च में प्रतिबंध को बरकरार रखा था और उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था जिसमें कहा गया था कि हिजाब पहनना इस्लाम का आवश्यक धार्मिक अभ्यास नहीं है. वर्तमान में कांग्रेस सरकार पिछली भाजपा सरकार द्वारा शैक्षणिक संस्थानों में लगाए गए हिजाब प्रतिबंध को हटाने की दिशा में आगे बढ़ रही है.