नई दिल्ली : सोशल नेटवर्किंग साइट इंस्टाग्राम (Instagram) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया है कि उसके मंच पर एक उपयोगकर्ता द्वारा हिंदू देवी-देवताओं के बारे में पोस्ट की गई आपत्तिजनक सामग्री (Offensive content) उसने हटा दी है.
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने नोटिस भी जारी किया और फेसबुक तथा इंस्टाग्राम से एक याचिका पर जवाब मांगा. याचिका के जरिए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश एवं डिजिटल आचार संहिता) नियम 2021 का पूर्ण रूप से क्रियान्वयन के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है.
यह भरोसा भी दिलाया
इंस्टाग्राम का मालिकाना हक रखने वाले फेसबुक का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि (आपत्तिजनक) सामग्री हटाई जा चुकी है. उन्होंने यह भरोसा भी दिलाया कि याचिकाकर्ता की शिकायत के मद्देनजर प्रतिवादी किसी तीसरे असंबद्ध पक्ष को याचिका की प्रतियां नहीं वितरित करेंगे.
रोहतगी ने यह दलील भी दी
रोहतगी ने यह दलील भी दी कि नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियम के तहत फेसबुक द्वारा एक शिकायत निवारण अधिकारी भी नियुक्त किया गया है और संबद्ध व्यक्ति इंस्टाग्राम के लिए भी समान जिम्मेदारी के साथ काम करेगा.
अदालत ने नोटिस भी जारी किया और इस अनुरोध पर केंद्र से जवाब मांगा कि सरकार और सोशल मीडिया नेटवर्क को अपनी कार्यकारी, सांविधिक और अन्य सभी दायित्वों का निर्वहन बगैर विलंब के आईटी नियमों के आलोक में करने का निर्देश दिया जाए.
इसके साथ ही अदालत ने विषय की अगली सुनवाई नियमित पीठ के समक्ष 16 अगस्त के लिए निर्धारित कर दी.
पोस्ट में अभद्र भाषा का इस्तेमाल
याचिकाकर्ता आदित्य सिंह देशवाल ने दलील दी कि इंस्टाग्राम पर उन्होंने 'इस्लाम की शेरनी' नाम के एक उपयोगकर्ता द्वारा पोस्ट की गई बहुत ही आपत्तिजनक सामग्री पाई थी और इसमें हिंदू देवी-देवताओं के बारे में अश्लील कार्टून और ग्राफिक्स के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था.
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याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता जी तुषार राव और अधिवक्ता आयुष सक्सेना ने किया. उन्होंने इंस्टाग्राम से यथाशीघ्र यह सामग्री हटवाए जाने का अनुरोध किया था.
(पीटीआई-भाषा)