बेंगलुरु : आप कितना भी पैसा कमा लें, कोई संतुष्टि नहीं मिलती है. लोग अपने बच्चों और नाती-पोतों के लिए ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाते हैं, लेकिन कर्नाटक में एक ऐसा व्यक्ति है जिसने अपनी सारी कमाई भूजल बढ़ाने के लिए एक विशाल झील बनाने में खर्च कर दी.
यह झील कर्नाटक के मंगलुरु शहर के पास सुरथकल में देखी जा सकती है. झील का निर्माण के माधव भट ने करवाया था. झील लगभग ढाई एकड़ में फैली है. झील का काम पूरा हो गया है और इस महीने की 28-29 तारीख को इसका उद्घाटन किया जाएगा. माधव ने अपना 60 वां जन्मदिन मनाने के बजाय झील का निर्माण करने का फैसला किया.
के माधव भट ने झील बनाने के लिए अपने पूरे जीवन की कमाई खर्च कर दी है. उन्होंने 50 लाख रुपये में झील बनाने की योजना बनाई थी. हाालंकि, लागत कम होने के कारण उनकी राशि बच, लेकिन उन्होंने शेष राशि का उपयोग झील के आसपास के पौधों लगाने में किया.
मन की बात और आध्यात्मिक विचार प्रेरणा हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात में भूजल में वृद्धि की बात से प्रेरित होकर माधव ने झील का शिलान्यास किया. उन्होंने यह भी कहा कि योग और आध्यात्मिक विचारों का अभ्यास भी इसके लिए प्रेरणा है.
सबसे पहले उन्होंने वर्षा जल संचयन गड्ढे बनाने के बारे में सोचा और बाद में झील के निर्माण के बारे में सोचा और उसमें सफल हुए.
एक करोड़ 75 लाख लीटर पानी भरा जा सकता है.
इस वर्ष 20 जनवरी को झील पर काम शुरू हुआ और 2 महीने और 20 दिनों में पूरा हुआ. झील 30 फीट गहरी, 125 फीट चौड़ी, 140 फीट लंबी और इसमें 1 करोड़ 75 लाख लीटर पानी भरा जा सकता है.
इससे आसपास के तीन किलोमीटर के कुओं में जल स्तर बढ़ जाएगा. माधव भट कहते हैं कि जैसे ही पौधे और पेड़ आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते हैं, यह गर्मी के दिनों में जानवरों, पक्षियों और सरीसृपों के लिए पानी का स्रोत होगा.
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पहाड़ियों से सुचारू रूप से बहने वाले वर्षा जल के साथ झील को तीन तरफा धारा में व्यवस्थित किया जा रहा है. इसके अलावा झील में बहने वाले पत्तों, कचरे और कूड़े को छानने की व्यवस्था की जा रही है.
झील लाल पत्थरों द्वारा चार तरफ से डबल लॉक है. इसके अलावा, मिट्टी के क्षरण को रोकने के लिए कंक्रीट स्थापित और सुरक्षित है. भारी बारिश की स्थिति में, झील के पानी को बाहर निकाला जाएगा.
झील में एक छोटा कुंआ
जिस समय हिताची में झील खोदी जा रही थी, उस समय माधव भट ने एक छोटा, सुंदर कुआं बनवाया. यह कुआं अब साफ और स्वच्छ पानी से भर गया है और इस गर्मी में जानवरों और पक्षियों के लिए जल स्रोत है.
माधव भट्ट को इस काम में अपने परिवार का भी समर्थन प्राप्त है.