उत्तरकाशी (उत्तराखंड): इनदिनों सीमांत उत्तरकाशी जिले का पुरोला शहर सुर्खियों में है. सुर्खियों की वजह कथित लव जिहाद है, जिसकी आंच से पूरे जिले में बाहरी व्यापारियों के खिलाफ प्रदर्शन हुए. इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि देशभर में पुरोला की चर्चाएं होने लगी. चूंकि, मामला मुस्लिम युवक और हिंदू लड़की से जुड़ा था तो माहौल तनाव का हो गया. इसी मुद्दे पर तमाम मुस्लिम नेताओं और हिंदू नेताओं के बयान भी आने लगे. इस बीच 15 जून को पुरोला में हिंदू महापंचायत कराने की बात से माहौल और गरमा गया.
कब और क्यों शुरू हुआ विवादः ये पूरा विवाद 26 मई 2023 को शुरू हुआ. जब पुरोला में एक मुस्लिम युवक उबैद खान और उसके दोस्त जितेंद्र सैनी को कुछ लोगों ने पकड़ लिया. आरोप था कि ये दोनों युवक पुरोला क्षेत्र की हिंदू नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर भगाने का प्रयास कर रहे थे. लोगों ने दोनों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. इसके बाद उन्होंने मामले को हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा बनाने के अलावा लव जिहाद से जोड़ दिया. इसके बाद तो मामला और गरमा गया. स्थानीय लोगों ने बाहरी व्यापारियों और मुस्लिम समुदाय के लोगों को निशाने पर ले लिया.
विवादित पोस्टर चस्पा होने के बाद पकड़ा तूलः इतना ही नहीं 27 मई को आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने पुरोला में मुस्लिम समुदाय के दुकानदारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. सभी को पुरोला छोड़कर जाने की चेतावनी दी जाने लगी, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में डर का माहौल बन गया. इसी बीच 4 जून की रात हिंदूवादी संगठनों ने मुस्लिम दुकानदारों के प्रतिष्ठान के बाहर चेतावनी भरे पोस्टर चस्पा कर दिए.
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पोस्टर में धमकी भरे शब्दों में मुस्लिम समुदाय के लोगों को जल्द से जल्द दुकानें खाली करने की बात लिखी गई. मुस्लिम समुदाय दुकानों के बाहर कथित चस्पा पोस्टर देवभूमि रक्षा अभियान के हवाले से लगाया था. जिसमें लिखा गया था कि 'लव जिहादियों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 15 जून 2023 को होने वाली महापंचायत से पूर्व अपनी दुकानें खाली कर दें, यदि तुम्हारे द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो वह वक्त पर निर्भर करेगा. देवभूमि रक्षा अभियान'.
एसपी अर्पण यदुवंशी ने पोस्टर को लेकर कही ये बातः उत्तरकाशी एसपी अर्पण यदुवंशी मामले को लेकर गंभीर हुए. पुलिस ने पुरोला में दुकानों के बाहर चिपकाए पोस्टरों को हटाने का काम किया गया. साथ ही पोस्टर चस्पा करने वालों की पहचान करनी शुरू कर दी. एसपी का कहना था कि मामले में असामाजिक तत्वों की पहचान की जा रही है, उसके बाद तमाम लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. माहौल को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया. जो लगातार गश्त दे रहे हैं.
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पुरोला-मोरी-नौगांव-बड़कोट-चिन्यालीसौड़-डुंडा-भटवाड़ी से लेकर गंगोत्री में सड़कों पर उतरे लोगः हिंदू लड़की को भगाने का मामला चिंगारी की तरह पूरे जिले में फैल गया. पहले पुरोला और मोरी व्यापारी सड़कों पर उतरे. इसके बाद नौगांव और बड़कोट में बाहरी व्यापारियों के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया. इसके बाद चिन्यालीसौड़ और डुंडा में लोगों का हुजूम सड़कों पर उतरा. इतना ही नहीं भटवाड़ी से लेकर गंगोत्री में प्रदर्शन हुए. इस दौरान स्थानीय व्यापारियों ने बाहरी लोगों से जल्द से जल्द दुकानें खाली करने की चेतावनी भी दी.
बीजेपी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मोहम्मद जाहिद को भी छोड़ना पड़ा पुरोलाः वहीं, पुरोला में मुस्लिम और बाहरी व्यापारियों के खिलाफ लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा था. ऐसे में लोगों के आक्रोश को देखते हुए कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपनी दुकानों को खाली करना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं, बीजेपी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष मोहम्मद जाहिद को भी पुरोला छोड़ना पड़ा. जाहिद पूरे परिवार के साथ पुरोला स्थित अपनी दुकान से सारा सामान समेटकर देहरादून आ गए.
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अचानक दूसरा मामला भी उत्तरकाशी से सामने आ गयाः इधर, पुरोला का मामला शांत नहीं हुआ था कि दूसरा मामला उत्तरकाशी के ही आराकोट से सामने आ गया. जहां एक मुस्लिम युवक दो सगी बहनों के साथ पकड़ा गया. आरोप था कि मुस्लिम युवक नवाब ने गुड्डू बन कर ऑनलाइन गेम के माध्यम से नेपाली मूल की बहनों को फंसाया. आरोपी उनके साथ अश्लील बातें भी करता था.
इतना ही नहीं, युवक उन्हें महंगे फोन और दूसरी चीजें दिलाने का लालच देता था. यूपी मुजफ्फरनगर के नवाब दोनों बहनों को मुंबई में काम दिलवाने और शादी करने का झांसा दे रहा था. जिसके बाद आरोपी युवक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट समेत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया.
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तीसरा मामला भी जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से सामने आयाः इसके बाद एक और मामला उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से सामने आ गया. जहां बस अड्डे पर लोगों ने एक मुस्लिम युवक कासिम मलिक के साथ नेपाली मूल की विवाहिता को पकड़ लिया. बताया जा रहा था कि दोनों का संपर्क फोन के जरिए हुआ था.
विवाहिता से मिलने आरोपी कंडीसौड़ से उत्तरकाशी पहुंचा था. मुस्लिम युवक का सत्यापन भी नहीं हुआ था. आरोपी उत्तर प्रदेश के बिजनौर का रहने वाला था और मिस्त्री का काम करता था. हद तो तब हो गई, जब आरोपी कासिम ने महिला को अपनी पत्नी बता दिया, लेकिन महिला ने उसे पहचानने से ही इनकार कर दिया. जिससे स्थानीय व्यापारी भड़क गए और उसे पुलिस के हवाले कर दिया.
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मुस्लिम व्यापारियों ने पुरोला में खाली की दुकानेंः उधर, पुरोला में तनाव को देखते हुए मुस्लिम व्यापारी दुकानें खाली कर नीचे की तरफ रुख करने लगे हैं. बताया जा रहा है कि 10-12 मुस्लिम दुकानदार पुरोला छोड़ चुके हैं. जिनमें करीब 42 सालों से पुरोला में कपड़ों का व्यापार कर रहे शकील एंड संस व्यापारी भी शामिल हैं. उन्हें भी अपनी दुकान छोड़नी पड़ी है. वो लगातार बिगड़ते माहौल और विरोध को देखते हुए देहरादून शिफ्ट हो गए.
पुरोला में 15 जून को महापंचायत का ऐलान, असदुद्दीन ओवैसी भी कूदेः इधर, हिंदू संगठन ने 15 जून को महापंचायत करने का ऐलान कर दिया, जिसमें तमाम हिंदू संगठनों और आम नागरिकों से जुटने की अपील भी की. इसी बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी पुरोला प्रकरण को लेकर सामने आ गए. ओवैसी ने 15 जून को पुरोला में होने वाली महापंचायत पर रोक लगाए जाने की मांग की. साथ ही वहां रह रहे लोगों को सुरक्षा प्रदान करने को कहा.
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18 जून को देहरादून में मुस्लिम महापंचायत का ऐलानः इस महापंचायत के ऐलान के बीच देहरादून के पलटन बाजार स्थित जामा मस्जिद के शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासिम की अध्यक्षता में बैठक हुई. जिसमें यह निर्णय लिया गया है कि 18 जून को देहरादून में एक बड़ी महापंचायत बुलाई जाएगी. जिसमें विकासनगर, देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, हल्द्वानी, उधम सिंह नगर समेत अन्य शहरों से मुस्लिम समाज के लोगों को शामिल होने को कहा गया है.
हिंदू महापंचायत की खबरों के बीच पुरोला पहुंचे डीएम, धारा 144 लागू करने की तैयारीः हिंदू महापंचायत की खबरों के बीच उत्तरकाशी डीएम अभिषेक रुहेला और एसपी पुरोला पहुंचे. दोनों अधिकारियों ने पुरोला के जनप्रतिनिधियों और समुदाय विशेष के लोगों के साथ बैठक की, जिसमें शांति बनाए रखने की अपील की गई. इधर, महापंचायत के ऐलान के बाद शांति व्यवस्था कायम करने के लिए पुलिस पुरोला में धारा 144 लागू करने की तैयारी कर रही है. प्रशासन की ओर से हिंदू महापंचायत की अनुमति नहीं दी गई है. सूबे के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने किसी भी सूरत माहौल खराब न करने की हिदायत दी है.
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5 महीने में बढ़े मामलेः बता दें, उत्तरकाशी ही नहीं उत्तराखंड के कई हिस्सों से इस तरह के मामले सामने आए हैं. हरिद्वार में ज्वालापुर क्षेत्र में एक मुस्लिम समुदाय के युवक पर महिला के साथ जबरन शारीरिक शोषण और धर्म परिवर्तन समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं, उधम सिंह नगर से भी ऐसा ही मामला सामने आया. चकराता में भी दो मुस्लिम युवक हिमाचल की लड़की के साथ पकड़े गए. इसके बाद चमोली के गौचर में भी एक मुस्लिम युवक नाबालिग के साथ गिरफ्तार हुआ. अभी तक उत्तराखंड में 5 महीने में लव जिहाद के 48 मामले दर्ज हो चुके हैं. अगर एक साल बात करें तो यह आंकड़ा बढ़कर 76 हो जाता है.
मुख्यमंत्री धामी ने दिया कड़ा संदेशः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मामले में पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. सीएम धामी का कहना है कि हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि कानून व्यवस्था किसी भी सूरत में बिगड़नी नहीं चाहिए. बात लव जिहाद की हो या लैंड जिहाद की, इस पर सख्ती से काम किया जा रहा है. उत्तराखंड शांत प्रदेश है, यहां की मूल स्वरूप को किसी भी सूरत में बिगड़ने नहीं दिया जाएगा. सभी लोग यहां भाईचारे के साथ रहते हैं. अगर कोई कानून व्यवस्था तोड़ने का प्रयास करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.