नई दिल्ली : कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका और इसे टालने के लिए देशव्यापी प्रयास के बीच, भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्टियम (INSACOG) ने वायरस के विभिन्न स्वरूपों के 31,124 मामलों का पता लगाया है, जिससे चिंता बढ़ गई है.
ईटीवी भारत के पास उपलब्ध INSACOG के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में जीनोमिक अनुक्रमण से अल्फा वेरिएंट (यात्री-समुदाय के नमूने) के 4227 मामले, बीटा वेरिएंट के 219, गामा वेरिएंट के दो, डेल्टा वेरिएंट के 21192 मामले और B.1.1617.1 एवं B.1.617.3 के 5417 मामले का पता लगाया गया है.
INSACOG के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि डेल्टा वेरिएंट इस समय भारत में चिंता का प्रमुख कारण है. AY.12 (डेल्टा का उप-वंश) के मामले कई राज्यों में सामने आ रहे हैं, लेकिन मामलों की गहन जांच की आवश्यकता है. डेल्टा और AY.12 के बीच उत्परिवर्तन का कार्यात्मक प्रभाव ज्ञात नहीं है, लेकिन दोनों आणविक स्तर पर बहुत समान प्रतीत होते हैं.
हालांकि, लगभग 60 प्रतिशत आबादी का पूर्ण टीकाकरण करने के बावजूद, इजराइल में डेल्टा वेरिएंट का संक्रमण फैल रहा है. यहां तक कि नए मामले पिछले उच्च स्तर पर बढ़ रहे हैं. चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में भी कोरोना के मामलों में उछाल देखने को मिल रहा है.
अधिकारी ने कहा कि इजराइल में AY.12 प्रमुख उप-वेरिएंट है और नए डेल्टा उप-वंशों में से एक है.
बता दें कि INSACOG नमूनों के अनुक्रमण के माध्यम से देशभर में SARS-CoV-2 की जीनोमिक निगरानी की रिपोर्ट करता है और कुछ राज्यों के लिए विस्तृत राज्यवार जिला विश्लेषण भी करता है.
INSACOG ने जीनोमिक अनुक्रमण के विश्लेषण के लिए महाराष्ट्र और केरल के साथ समझौता किया है.
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भारत में AY.1, AY.2, AY.3 के नए मामले जुलाई के नमूनों में लगभग एक प्रतिशत की आवृत्ति के साथ महाराष्ट्र में दर्ज किए जा रहे हैं. डेल्टा वेरिएंट वर्तमान में भारत में चिंता का प्रमुख कारण (वीओसी) है. देशभर में ज्यादातर नए मामले डेल्टा वेरिएंट के सामने आ रहे हैं. इस पर कोरोना टीके की प्रभावकारिता भी कम बताई जा रही है.