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INS Vikrant scam : सोमैया और बेटे नील पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज

शिकायतकर्ता के मुताबिक, उन्होंने जहाज को बचाने के लिए सोमैया को दान दिया था और भाजपा नेता ने इस मकसद के लिए 57 करोड़ रुपये से अधिक की निधि जुटायी (crores laundered under Vikrant's name) थी. महाराष्ट्र के राज्यपाल के सचिव कार्यालय में इस निधि को जमा कराने के बजाय उन्होंने निधि में अनियमितता की. शिवसेना के स्थानीय नेताओं ने बुधवार को शिकायतर्ता के साथ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर इस मुद्दे को उठाया.

सोमैया और बेटे नील
सोमैया और बेटे नील
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Published : Apr 7, 2022, 3:33 PM IST

Updated : Apr 7, 2022, 3:51 PM IST

मुंबई : मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत (Aircraft Carrier INS Vikrant) को बचाने के लिए एकत्रित की गई 57 करोड़ रुपये से अधिक की निधि में कथित अनियमितता (INS Vikrant scam) को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया और उनके बेटे नील के खिलाफ धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज (case against BJP leader Kirit Somaiya and son Neil) किया है. एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि उपनगर मनखुर्द में ट्रॉम्बे पुलिस थाने में बुधवार शाम को सेना के 53 वर्षीय पुलिस कर्मी बबन भोसले की शिकायत पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया.

आईएनएस विक्रांत को 1961 में भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया और वह राजसी श्रेणी का विमानवाहक पोत है. उसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पूर्वी पाकिस्तान के नौसैन्य अवरोध में अहम भूमिका निभायी थी. जनवरी 2014 में इस जहाज को एक ऑनलाइन नीलामी के जरिए बेच दिया गया. शिकायतकर्ता ने कहा कि सोमैया ने आईएनएस विक्रांत के लिए निधि एकत्रित करने का एक अभियान चलाया.

शिकायतकर्ता के मुताबिक, उन्होंने जहाज को बचाने के लिए सोमैया को दान दिया था और भाजपा नेता ने इस मकसद के लिए 57 करोड़ रुपये से अधिक की निधि जुटायी (crores of rupees laundered under Vikrant's name) थी. महाराष्ट्र के राज्यपाल के सचिव कार्यालय में इस निधि को जमा कराने के बजाय उन्होंने निधि में अनियमितता की. शिवसेना के स्थानीय नेताओं ने बुधवार को शिकायतर्ता के साथ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर इस मुद्दे को उठाया.

पढ़ें : शिवसेना का आरोप, किरीट सोमैया ने गबन किए INS विक्रांत के पैसे

पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वास भंग), धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 34 (साझा मंशा) के तहत किरीट सोमैया, उनके बेटे नील और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की गयी है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने बुधवार को किरीट सोमैया पर आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए दान के तौर पर लोगों से जमा की 57 करोड़ रुपये की निधि के गबन का आरोप लगाया था. वहीं, भाजपा नेता किरीट सोमैया ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि अगर राउत के पास कोई सबूत है उन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंपना चाहिए.

उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी पत्नी और दोस्तों के खिलाफ कार्रवाई होने के बाद राउत केवल 'टाइम-पास' कर रहे हैं. उन्होंने मेरी पत्नी, मेरे परिवार और मुझ पर कई आरोप लगाए. अगर उनके पास मेरे खिलाफ कोई सबूत है तो उन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंप देना चाहिए. सोमैया को एक 'कीड़े' के रूप में संबोधन करते हुए राउत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार 'विक्रांत को बचाने' के लिए धन के दुरुपयोग की जांच करेगी. उन्होंने कहा कि सोमैया एक चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं जो जानते हैं कि इस तरह के पैसे को कैसे पचाना है और मांग की कि केंद्रीय एजेंसियां भी इस मामले की निष्पक्ष जांच करे. 1997 में आईएनएस विक्रांत के निष्क्रिय होने के बाद, इसे 2012 तक एक संग्रहालय के रूप में संरक्षित किया गया था, जिसके बाद इसे बचाने के लिए धन की जरूरत थी.

मुंबई : मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत (Aircraft Carrier INS Vikrant) को बचाने के लिए एकत्रित की गई 57 करोड़ रुपये से अधिक की निधि में कथित अनियमितता (INS Vikrant scam) को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया और उनके बेटे नील के खिलाफ धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज (case against BJP leader Kirit Somaiya and son Neil) किया है. एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि उपनगर मनखुर्द में ट्रॉम्बे पुलिस थाने में बुधवार शाम को सेना के 53 वर्षीय पुलिस कर्मी बबन भोसले की शिकायत पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया.

आईएनएस विक्रांत को 1961 में भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया और वह राजसी श्रेणी का विमानवाहक पोत है. उसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पूर्वी पाकिस्तान के नौसैन्य अवरोध में अहम भूमिका निभायी थी. जनवरी 2014 में इस जहाज को एक ऑनलाइन नीलामी के जरिए बेच दिया गया. शिकायतकर्ता ने कहा कि सोमैया ने आईएनएस विक्रांत के लिए निधि एकत्रित करने का एक अभियान चलाया.

शिकायतकर्ता के मुताबिक, उन्होंने जहाज को बचाने के लिए सोमैया को दान दिया था और भाजपा नेता ने इस मकसद के लिए 57 करोड़ रुपये से अधिक की निधि जुटायी (crores of rupees laundered under Vikrant's name) थी. महाराष्ट्र के राज्यपाल के सचिव कार्यालय में इस निधि को जमा कराने के बजाय उन्होंने निधि में अनियमितता की. शिवसेना के स्थानीय नेताओं ने बुधवार को शिकायतर्ता के साथ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर इस मुद्दे को उठाया.

पढ़ें : शिवसेना का आरोप, किरीट सोमैया ने गबन किए INS विक्रांत के पैसे

पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वास भंग), धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 34 (साझा मंशा) के तहत किरीट सोमैया, उनके बेटे नील और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की गयी है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने बुधवार को किरीट सोमैया पर आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए दान के तौर पर लोगों से जमा की 57 करोड़ रुपये की निधि के गबन का आरोप लगाया था. वहीं, भाजपा नेता किरीट सोमैया ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि अगर राउत के पास कोई सबूत है उन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंपना चाहिए.

उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी पत्नी और दोस्तों के खिलाफ कार्रवाई होने के बाद राउत केवल 'टाइम-पास' कर रहे हैं. उन्होंने मेरी पत्नी, मेरे परिवार और मुझ पर कई आरोप लगाए. अगर उनके पास मेरे खिलाफ कोई सबूत है तो उन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंप देना चाहिए. सोमैया को एक 'कीड़े' के रूप में संबोधन करते हुए राउत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार 'विक्रांत को बचाने' के लिए धन के दुरुपयोग की जांच करेगी. उन्होंने कहा कि सोमैया एक चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं जो जानते हैं कि इस तरह के पैसे को कैसे पचाना है और मांग की कि केंद्रीय एजेंसियां भी इस मामले की निष्पक्ष जांच करे. 1997 में आईएनएस विक्रांत के निष्क्रिय होने के बाद, इसे 2012 तक एक संग्रहालय के रूप में संरक्षित किया गया था, जिसके बाद इसे बचाने के लिए धन की जरूरत थी.

Last Updated : Apr 7, 2022, 3:51 PM IST
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