नई दिल्ली : भारतीय नौसेना का पहले विध्वंसक आईएनएस राजपूत को शुक्रवार को 41 शानदार वर्षों तक राष्ट्र की सेवा करने के बाद सेवामुक्त किया गया. कोरोना के चलते आईएनएस राजपूत के रिटायर होने पर विशाखापत्तनम के नेवल डॉकयार्ड में एक छोटा समारोह रखा गया था.
यह भारतीय नौसेना का पहला पोत है जिसे थल सेना की किसी रेजीमेंट-राजपूत रेजीमेंट से संबद्ध किया गया था.
इस दौरान समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए ईस्टर्न नेवल कमांड इन चीफ वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह ने जहाज द्वारा राष्ट्र को प्रदान की गई सेवा के सम्मान में एक विशेष पोस्टल कवर जारी किया गया.आईएनएस राजपूत को एवीएसएम, वीएसएम फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग की उपस्थिति में सूर्यास्त के समय उतारा गया. काशिन श्रेणी के पोत का निर्माण यूएसएसआर ने किया था और इसे 4 मई, 1980 को नौसेना में शामिल किया गया था.
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अपनी सेवा के दौरान जहाज को पश्चिमी और पूर्वी दोनों बेड़े का हिस्सा होने का गौरव प्राप्त था. वह जून 1988 तक मुंबई में स्थित था और उसके बाद पूर्वी बेड़े के हिस्से के रूप में विशाखापत्तनम में तैनात किया गया.