नई दिल्ली : देश की 32 साल से सेवा कर रहा स्वदेश निर्मित मिसाइल कार्वेट आईएनएस खुखरी (INS Khukr) गुरुवार को सेवामुक्त हो गया. आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक समारोह आयोजित कर इसे विदाई दी गई.
कार्यक्रम में राष्ट्रीय ध्वज, नौसेना का पताका और डीकमिशनिंग पेनेंट को सूर्यास्त के समय उतारा गया. समारोह के मुख्य अतिथि पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता (Vice Admiral Biswajit Dasgupta) थे. इसके अलावा समारोह में जहाज के कुछ सेवारत और सेवानिवृत्त पूर्व कमांडिंग अधिकारी भी मौजूद थे.
कार्वेट 23 अगस्त 1989 को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagaon Dock Shipbuilders) ने बनाया था. इसे पश्चिमी बेड़े का हिस्सा होने का गौरव प्राप्त था. जहाज को मुंबई में तत्कालीन रक्षा मंत्री कृष्ण चंद्र पंत (Krishna Chandra Pant) ने कमीशन किया था. पूरे सेवाकाल के दौरान इस जहाज पर 28 कमांडिंग अफसरों ने कमान संभाली.
आईएनएस खुखरी ने 6,44,897 समुद्री मील से अधिक की दूरी तय की. ये दूरी दुनिया का 30 बार चक्कर लगाने के बराबर है. या ऐसा कह सकते हैं कि ये दूरी धरती और चंद्रमा की दूरी का तीन गुना है.
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जहाज भारतीय सेना (Indian Army ) की गोरखा ब्रिगेड (Gorkha Brigade) से संबद्ध था. इसी कारण गोरखा ब्रिगेड के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल पीएन अनंतनारायण, ने इस समारोह में भाग लिया. गौरतलब है कि कार्वेट एक छोटा युद्धपोत होता है.