चंडीगढ़ : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला आज दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल पहुंचेंगे और रिहाई के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करेंगे. यह जानकारी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी ने दी. चौटाला 10 साल कैद की सजा काट रहे हैं और इस समय पैरोल पर जेल से बाहर हैं. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला अपने पोते करण चौटाला (अभय चौटाला के बेटे) के साथ आज सुबह अपनी रिहाई की कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए तिहाड़ जेल जाएंगे. कागजी कार्रवाई करने और रिहाई पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद चौटाला अपने गुरुग्राम स्थित आवास पर जांएगे.
उन्होंने बताया कि पूरे राज्य से पार्टी के कार्यकर्ता दिल्ली-गुरुग्राम सीमा पर अपने नेता का स्वागत करने के लिए एकत्र होंगे. राठी ने दावा किया कि इसके साथ ही हरियाणा की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत होगी, उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों के लोग बेसब्री से इनेलो सुप्रीमो की रिहाई का इंतजार कर रहे हैं. दिल्ली सरकार ने पिछले महीने आदेश पारित कर कोविड-19 महामारी के चलते जेलों में भीड़ कम करने के इरादे से ऐसे कैदियों की छह महीने की सजा माफ कर दी थी जिन्होंने 10 साल की कैद में से साढे़ नौ साल की सजा काट ली है.
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शिक्षकों की भर्ती के मामले
अधिकारियों के मुताबिक 86 वर्षीय चौटाला पहले ही साढ़े नौ साल की सजा पूरी कर चुके हैं और ऐसे में वह रिहा होने की अर्हता रखते हैं. इससे पहले अधिकारी ने बताया कि शिक्षक भर्ती घोटाले में वर्ष 2013 से कैद की सजा काट रहे चौटाला 26 मार्च 2020 से ही कोविड-19 आपात पैरोल पर जेल से बाहर हैं. उन्हें 21 फरवरी 2021 को आत्मसमर्पण करना था लेकिन उच्च न्यायालय ने पैरोल की अवधि बढ़ा दी. वर्ष 2000 में गैर कानूनी तरीके से 3,206 जूनियर बेसिक शिक्षकों की भर्ती के मामले में अदालत ने चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला और आईएएस अधिकारी संजीव कुमार सहित 53 अन्य को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी.
ओपी चौटाला ने जेल में रहकर की पढ़ाई
ओपी चौटाला पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल के मंझले बेटे थे, उनके पिता की एक वक्त हरियाणा में तूती बोलती थी. लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि ओम प्रकाश चौटाला पढ़े लिखे नहीं थे. पर जब जेल में उन्हें वक्त मिला और करने को कुछ नहीं था तो उन्होंने पढ़ाई करने का फैसला किया. 2017 में एक खबर जेल से बाहर आई कि ओपी चौटाला ने 12वीं की परीक्षा जेल से ही पास की है, लेकिन बाद में पता चला कि 12वीं नहीं उन्होंने 10वीं की परीक्षाएं जेल में रहकर दी थीं जिसमें उन्हें 53.40 प्रतिशत अंक मिले और वो सेकेंड डिवीजन के साथ पास हो गए.
वक्त से पहले सजा कैसे हुई पूरी ?
शिक्षक भर्ती घोटाले(teacher recruitment scam) में 10 साल की सजा पाने वाले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला सजा पूरी होने से 6 महीने पहले रिहा कर दिए गए हैं. इसकी वजह है दिल्ली सरकार का एक फैसला जिसमें कहा गया था कि जिन कैदियों को 10 साल की सजा मिली हो और 6 महीने या उससे कम की सजा बाकी हो तो उन्हें रिहा कर दिया जाएगा. दिल्ली सरकार की यही छूट ओपी चौटाला के लिए भी फायदेमंद साबित हुई. लेकिन 83 साल के ओम प्रकाश चौटाला ने लगभग साढे 8 साल का वक्त तिहाड़ जेल में बिताया है और पिछले सवाल साल से वो पैरोल पर चल रहे हैं.
अपने फार्म हाउस पर नौकरी बांटते थे चौटाला ?
ओपी चौटाला पर आरोप था कि उन्हें शिक्षकों की भर्ती में धांधली की है. उस वक्त वो मुख्यमंत्री थे, उन आरोप लगा था कि सिरसा के अपने फार्म हाउस पर अधिकारियों को बुलाकर शिक्षकों की शीट बदलवाई गई थी और ओपी चौटाला ने अपनी पसंद के नाम उसमें डाले थे. हालांकि ओपी चौटाला हमेशा ही इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं, लेकिन वो ये जरूर कहते हैं कि अगर किसी को नौकरी देने के लिए उन्हें फिर जेल जाना पड़े तो वो तैयार हैं.