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अतिक्रमण कर बने धार्मिक स्थल हटाने के लिए कानून बनाने के प्रस्ताव का अयोध्या में स्वागत - welcomed in Ayodhya

यूपी सरकार अतिक्रमण कर बने धार्मिक स्थलों को हटाने के लिए कानून बनाने जा रही है. कानून बनाए जाने की सूचना पर अयोध्या में रामलला के मुख्य अर्चक सत्येन्द्र दास व बाबरी मस्जिद पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने इसका स्वागत किया है.

अयोध्या में स्वागत
अयोध्या में स्वागत
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Published : Mar 20, 2021, 11:00 PM IST

अयोध्याः प्रदेश सरकार अतिक्रमण कर धार्मिक स्थल बने धार्मिक स्थलों को हटाने के लिए कानून बनाने जा रही है. कानून बनाए जाने की सूचना पर अयोध्या में रामलला के मुख्य अर्चक सत्येन्द्र दास व बाबरी मस्जिद पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने इसका स्वागत किया है.

इकबाल अंसारी का कहना है कि सार्वजनिक स्थल को कब्जा कर धार्मिक स्थल का निर्माण करना गलत है. मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, मजार के लिए जो जगह बनाई गई, वहीं बनाई जानी चाहिए. सरकारी या गैर सरकारी जमीन पर कब्जा कर धार्मिक स्थल बनाना जुर्म है.

सुनिए क्या कहा

उनका कहना है कि सार्वजनिक स्थल की जमीन सब के लिए होती. सार्वजनिक जमीन पर कब्जा होने पर लोगों को बहुत दिक्कतें होती है. सरकार कानून बनाकर बहुत अच्छा काम कर रही है.

धार्मिक स्थल के नाम नहीं होगा अवैध कब्जा
राम जन्मभूमि रामलला मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने योगी आदित्यनाथ सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. आचार्य सतेंद्र दास का कहना है कि बिना भय के कोई भी काम सुचारू रूप से नहीं होता है. सार्वजिनक स्थल पर जो लोग मनमानी कर धार्मिक स्थल बनाते हैं, वह गलत है.

पढ़ें- अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिक स्थल हटाने पर कानून लाएगी योगी सरकार

कानून के साथ सजा के प्रावधान से सार्वजनिक स्थल पर कोई अवैध कब्जे का साहस नहीं करेगा. सरकार का यह विचार अच्छा है. सजा के भय से सार्वजनिक स्थल पर कोई भी धार्मिक स्थल नहीं बनेगा. सरकार इस कानून को लागू करे और कड़ाई से पालन कराए.

अयोध्याः प्रदेश सरकार अतिक्रमण कर धार्मिक स्थल बने धार्मिक स्थलों को हटाने के लिए कानून बनाने जा रही है. कानून बनाए जाने की सूचना पर अयोध्या में रामलला के मुख्य अर्चक सत्येन्द्र दास व बाबरी मस्जिद पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने इसका स्वागत किया है.

इकबाल अंसारी का कहना है कि सार्वजनिक स्थल को कब्जा कर धार्मिक स्थल का निर्माण करना गलत है. मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, मजार के लिए जो जगह बनाई गई, वहीं बनाई जानी चाहिए. सरकारी या गैर सरकारी जमीन पर कब्जा कर धार्मिक स्थल बनाना जुर्म है.

सुनिए क्या कहा

उनका कहना है कि सार्वजनिक स्थल की जमीन सब के लिए होती. सार्वजनिक जमीन पर कब्जा होने पर लोगों को बहुत दिक्कतें होती है. सरकार कानून बनाकर बहुत अच्छा काम कर रही है.

धार्मिक स्थल के नाम नहीं होगा अवैध कब्जा
राम जन्मभूमि रामलला मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने योगी आदित्यनाथ सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. आचार्य सतेंद्र दास का कहना है कि बिना भय के कोई भी काम सुचारू रूप से नहीं होता है. सार्वजिनक स्थल पर जो लोग मनमानी कर धार्मिक स्थल बनाते हैं, वह गलत है.

पढ़ें- अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिक स्थल हटाने पर कानून लाएगी योगी सरकार

कानून के साथ सजा के प्रावधान से सार्वजनिक स्थल पर कोई अवैध कब्जे का साहस नहीं करेगा. सरकार का यह विचार अच्छा है. सजा के भय से सार्वजनिक स्थल पर कोई भी धार्मिक स्थल नहीं बनेगा. सरकार इस कानून को लागू करे और कड़ाई से पालन कराए.

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