श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के उरी में शनिवार सुबह नियंत्रण रेखा (LOC) पर घुसपैठ के प्रयास को विफल कर दिए जाने का जिक्र करते हुए रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में जी-20 कार्यक्रम को बाधित करने के मंसूबे से आतंकवादियों ने यह कोशिश की थी. श्रीनगर स्थित रक्षा जनसंपर्क अधिकारी (PRO) कर्नल एमरॉन मुसावी ने बताया कि आतंकवादियों ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के उरी सेक्टर में घुसपैठ करने का प्रयास किया, लेकिन सतर्क सैनिकों ने उन्हें घेर लिया, जिसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी हुई.
प्रवक्ता ने बताया कि आतंकवादियों की सहायता के लिए पाकिस्तानी सेना द्वारा भेजे गये एक 'क्वाडकॉप्टर' (ड्रोन) को भी नियंत्रण रेखा के पार जाते देखा गया. उन्होंने बताया कि सैनिकों ने ड्रोन को निशाना बनाकर गोलीबारी की, जिसके बाद उसे वापस (पाकिस्तान की सीमा में) बुला लिया गया. अधिकारी ने कहा, 'आतंकवादियों को इस हताशापूर्ण कृत्य के लिए पाकिस्तानी सेना ने उकसाया था, जो जी-20 शिखर सम्मेलन को बाधित करने और (कश्मीर) घाटी में अशांति पैदा करने का एक और विफल प्रयास है.' उन्होंने कहा, 'घने वन वाले क्षेत्र में व्यापक स्तर पर खोजबीन अभियान जारी है.'
बता दें कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने रियासी जिले के माहोर इलाके का दौरा किया, जहां उन्होंने जिले की सुरक्षा और अपराध परिदृश्य की समीक्षा करते हुए पुलिस और सेना के अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक की अध्यक्षता की थी. इस दौरान अधिकारियों ने डीजीपी को सुरक्षा के संबंध में किए गए विभिन्न उपायों के साथ-साथ अपराध नियंत्रण के लिए भी जानकारी दी थी. उन्हें इस संबंध में भी अवगत कराया गया था. जिले में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए एक मजबूत क्षेत्र वर्चस्व ग्रिड सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई की जा रही है. अधिकारियों को संबोधित करते हुए डीजीपी ने कहा था कि रियासी जिला एक संवेदनशील स्थान है क्योंकि यह राजौरी के सीमावर्ती जिले के साथ-साथ घाटी से भी जुड़ा हुआ है और कहा कि वहां सभी बलों को एकजुट होकर काम करना चाहिए.
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(एजेंसी)