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फर्जी टीकाकरण घोटाला : देबंजन देब का कर्मचारी इंद्रजीत शॉ गिरफ्तार - इंद्रजीत शॉ

कोलकाता में नकली वैक्सीन घोटाले में इंद्रजीत शॉ को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी देब का कर्मचारी था और कोलकाता के सिटी कॉलेज में टीकाकरण शिविर आयोजित करने में उसकी अहम भूमिका थी.

फर्जी टीकाकरण घोटाला
फर्जी टीकाकरण घोटाला
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Published : Jul 3, 2021, 10:05 AM IST

कोलकाता : कोविड संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन को सबसे अहम माना जा रहा है. कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन के दो डोज लेना जरूरी है. इसी बीच कोरोना की वैक्सीन को लेकर घोटाले के मामले सामने आ रहे है.

वहीं कोलकाता में नकली वैक्सीन घोटाला मामले में इंद्रजीत शॉ को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी देब का कर्मचारी था और कोलकाता के सिटी कॉलेज में टीकाकरण शिविर आयोजित करने में उसकी अहम भूमिका थी.

कौन है देबंजन देब

बता दें कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को आरोपी देबंजन देब द्वारा कथित रूप से फर्जी कोविड-19 टीकाकरण शिविर आयोजित करने के मामले में जांच की प्रगति पर एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने इस मामले को लेकर दायर तीन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए है. इन याचिकाओं में सारे मामले की जांच केन्द्रीय एजेंसी से कराने की मांग की गई है.

दरअसल, देब की ओर से दक्षिण कोलकाता के कसाबा क्षेत्र में आयोजित फर्जी कोविड-19 टीकाकरण शिविर में तृणमूल कांग्रेस की सांसद एवं अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती समेत सैकड़ों लोगों को फर्जी टीके लगाए गए थे. पीठ ने सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा कि कैसे आरोपी देब अपनी कार पर नीली बत्ती का इस्तेमाल करके बिना किसी रोक टोक के घूम सकता है और शहर के नागरिक निकाय मुख्यालय में प्रवेश प्राप्त कर सकता है. न्यायालय ने राज्य सरकार को शुक्रवार तक इस मामले में एक शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.

देब ने खुद को कोलकाता महानगर पालिका में संयुक्त आयुक्त पद का अधिकारी बताकर फर्जी कोविड-19 टीकाकरण शिविर आयोजित किया था. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था.

कोलकाता : कोविड संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन को सबसे अहम माना जा रहा है. कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन के दो डोज लेना जरूरी है. इसी बीच कोरोना की वैक्सीन को लेकर घोटाले के मामले सामने आ रहे है.

वहीं कोलकाता में नकली वैक्सीन घोटाला मामले में इंद्रजीत शॉ को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी देब का कर्मचारी था और कोलकाता के सिटी कॉलेज में टीकाकरण शिविर आयोजित करने में उसकी अहम भूमिका थी.

कौन है देबंजन देब

बता दें कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को आरोपी देबंजन देब द्वारा कथित रूप से फर्जी कोविड-19 टीकाकरण शिविर आयोजित करने के मामले में जांच की प्रगति पर एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने इस मामले को लेकर दायर तीन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए है. इन याचिकाओं में सारे मामले की जांच केन्द्रीय एजेंसी से कराने की मांग की गई है.

दरअसल, देब की ओर से दक्षिण कोलकाता के कसाबा क्षेत्र में आयोजित फर्जी कोविड-19 टीकाकरण शिविर में तृणमूल कांग्रेस की सांसद एवं अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती समेत सैकड़ों लोगों को फर्जी टीके लगाए गए थे. पीठ ने सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा कि कैसे आरोपी देब अपनी कार पर नीली बत्ती का इस्तेमाल करके बिना किसी रोक टोक के घूम सकता है और शहर के नागरिक निकाय मुख्यालय में प्रवेश प्राप्त कर सकता है. न्यायालय ने राज्य सरकार को शुक्रवार तक इस मामले में एक शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.

देब ने खुद को कोलकाता महानगर पालिका में संयुक्त आयुक्त पद का अधिकारी बताकर फर्जी कोविड-19 टीकाकरण शिविर आयोजित किया था. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था.

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