इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में आज रंग पंचमी पर परंपरागत गेर का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में इंदौर के शहरवासी सुबह से ही इंदौर के राजवाड़ा की ओर निकल चुके हैं. गेरों का शुभारंभ सुबह 10:00 बजे हुआ और धीरे-धीरे गेर राजबाड़ा की ओर निकलना शुरू हो गई. बता दें कि इस बार गेर में 4 से अधिक गेर शामिल हैं. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गेर के मार्ग को चिन्हित करते हुए उसे पूरी तरह से नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है. कई रास्तों को डायवर्ट कर दिया गया है.
200 साल पहले हुई थी शुरुआत: इंदौर में रंग पंचमी पर निकलने वाली गर की शुरुआत तकरीबन 200 साल पहले हुई थी. इंदौर के राजा ने इसकी शुरुआत हाथियों के माध्यम से की थी और उसके बाद इसके रूप में लगातार बदलाव होते जा रहा है. आज गेर आधुनिक तरीके से निकाली जा रही है, मिसाइलों के माध्यम से लोगों पर अलग अलग तरह का कलर लगाया जाता है. सुबह 10:00 बजे से एक के बाद एक गेर का पहुंचना शुरू हो जाता है. जो शाम तकरीबन 4:00 बजे तक जारी रहता है. इस गेर में भाग लेने के लिए इंदौर के साथ ही आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के भी कई लोग पहुंचते हैं. वही देश विदेश से भी कई लोग इस गेर में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं. जब गेर पूरी तरीके से इंदौर के राजवाड़े पर पहुंच जाती है, तब लाखों की संख्या में जमकर गेर मनाते हैं. इस गैर में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित कई जनप्रतिनिधि भी शामिल होते हैं.
सुरक्षा व्यवस्था में तैनात पुलिस: जिस तरह से इंदौर में परंपरागत गेर की शुरुआत हुई थी वह आज भी कायम है. अलग-अलग तरह से लगातार लोग गेर को मनाते आ रहे हैं. वहीं पुलिस प्रशासन गेर में किसी तरह की कोई अप्रिय स्थिति घटित ना हो जाए इसके लिए विभिन्न तरह से सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहती है. जहां ड्रोन और सीसीटीवी के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखी जाती है तो वहीं सादी वर्दी में भी पुलिस कर्मी गेर में शामिल रहते हैं. कोई भी हुड़दंग करते हुए गेर में नजर आता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है. इस बार भी विभिन्न मार्गों पर पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं. वरिष्ठ अधिकारी पूरे समय गेर पर निगाह रखेंगे.
इंदौर की तर्ज पर उज्जैन में निकली गेर: उज्जैन में नगर निगम द्वारा पहली बार इंदौर की तर्ज पर रंग पंचमी पर एक गेर का आयोजन किया गया. गेर महाकालेश्वर मंदिर से गोपाल मंदिर तक निकाली गई, जिसका शुभारंभ ध्वज पूजन कर किया गया. इसमें समस्त शहरवासियों को आमंत्रित किया गया और शहरवासी रंग में और मस्ती में डूबे नजर आए. यह पर्व पहली बार उज्जैन में मनाया गया. जिसमें हर किसी ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. वहीं नगर निगम की तरफ से फायर ब्रिगेड और पानी के टैंकर लगाए गए थे, जिससे लगातार पानी की बौछार की गईं.
क्या है रंग पंचमी का महत्व: होली हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है. होली के पांचवें दिन रंग पंचमी मनाई जाती है, यानि आज रविवार 12 मार्च को रंग पंचमी है. मान्यता के अनुसार रंग पंचमी पर राधा-कृष्ण को अबीर गुलाल अर्पित किया जाता है. इस दिन कई जगहों पर जुलूस भी निकाला जाता है. सभी लोग एक दूसरे को गुलाल लगाकर रंग पंचमी की बधाई देते हैं. मान्यताओं के अनुसार रंग-बिरंगे गुलाल की खूबसूरती देखकर देवी-देवता खुश होते हैं और उनकी कृपा भक्तों को मिलती है.