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Marathon Cyclist: एक दिन में 450 किमी साइकल चलाकर इंदौर का उघोपगति लाया हल्दीघाटी की मिट्टी, 49 डिग्री टेम्प्रेचर में भी साइकिलिंग

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Published : Jun 2, 2022, 10:51 PM IST

इंदौर के फिटनेस आयकन और उघोगपति नीरज याग्निक 450 किमी के यात्रा कर हल्दीघाटी स्थित चेतक की समाधि स्थल से इंदौर पहुंचे. खास बात ये है कि उन्होंने यह यात्रा साइकिल के माध्यम से ही पूरी की है. (marathon cyclist Neeraj Yagnik)

marathon cyclist Neeraj Yagnik
मैराथन साइकिलिस्ट नीरज याग्निक

इंदौर। एक व्यक्ति आमतौर पर साइकिल 1 दिन में कितनी चलाएगा.. 20 किलोमीटर, 30 किलोमीटर या फिर 50 किलोमीटर, लेकिन इंदौर के रहने वाले नीरज याग्निक ने तकरीबन 450 किलोमीटर का सफर साइकल से एक ही दिन में तय कर के एक मिसाल कायम की है. वहीं नीरज याग्निक की उम्र 50 साल से अधिक है और इस उम्र में उन्हें विभिन्न बीमारियां भी हो चुकी है, उनका एक ऑपरेशन भी हो चुका है, लेकिन उसके बाद भी वह लगातार साइकिलिंग करते हुए भारत देश के कई शहरों की यात्रा कर चुके हैं. (marathon cyclist Neeraj Yagnik)

मैराथन साइकिलिस्ट नीरज याग्निक

महाराणा प्रताप जयंती के मौके पर अनूठा प्रयास: आजकल के युवा फिट रहने के लिए अलग-अलग तरह के जतन करते हैं, लेकिन इंदौर के रहने वाले उघोगपति नीरज याग्निक के उम्र 53 वर्ष की आयु में फिट रहने के लिए साइकिलिंग करते हैं. नीरज को साइकिलिंग का एक ऐसा जुनून है कि वह इसके माध्यम से एक ही दिन में 450 किलोमीटर से अधिक का सफर तय कर जाते हैं, इसी क्रम में महाराणा प्रताप जयंती के मौके पर उन्होंने इस अनूठे प्रयास को अंजाम दिया.

भीषण गर्मी के बीच तय किया सफर: राजस्थान में हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की समाधि स्थल बना हुआ है, वहां से महाराणा प्रताप की जन्म स्थली तक तकरीबन साढे 450 किलोमीटर की दूरी है नीरज ने साइकिल के माध्यम से तय की है और वह भी 24 घंटे में. नीरज अपना अनुभव सांझा करते हुए बतते हैं कि "राजस्थान में हल्दीघाटी में जिस की जगह पर चेतक का समाधि स्थल बना हुआ है, वहां से जब मैं मिट्टी लेकर निकला तो रास्ते में बांसवाड़ा भी आया और बांसवाड़ा में पिछले दिनों भीषण गर्मी थी और टेंपरेचर 49 डिग्री सेंटीग्रेड था जो कि विश्व में दूसरे नंबर का सबसे गर्म शहर था. उस शहर मुझे काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन मैं अपने काम पर डटा रहा और जिस काम से निकला था."

19 साल की उम्र में पति को खोने के बावजूद नहीं हारी हिम्मत, कर रही हैं बाइक से भारत यात्रा

इसी उद्देश्य से यात्रा पर निकले: वहीं महाराणा प्रताप और महाराज छत्रसाल शौर्य और वीरता के प्रतीक है और इनकी जयंती पर कुछ अलग हटके करने की इच्छा हुई थी, जिससे कि युवा और समाज को एक अलग देखने को मिल सके. जिसके बाद उन्होंने साइकिल से 450 किलोमीटर यात्रा की घोषणा की और उसे पूरा भी किया. वहीं नीरज याग्निक का यह भी कहना है कि " मैंने युवाओं को फिट रहने के लिए 450 किमी साइकिलिंग के माध्यम से जागरूक किया है, आजकल युवा नशे जैसी तमाम तरह की विसंगतियों से जूझ रहे हैं. इसी को देखते हुए मुझे युवाओं और समाज को एक नई दिशा देना था, तो भगवान ने मेरा साथ दिया और मैंने 24 घंटे में तकरीबन 450 किलोमीटर की यात्रा साइकिल के माध्यम से कर रिकॉर्ड बना दिया."

हर साल करते हैं इतनी साइकिलिंग: नीरज का यह भी कहना है उनकी उम्र 53 वर्ष के आसपास हो चुकी है और 53 वर्ष की आयु में उन्हें कई तरह की बीमारियां हो चुकी है. उनके शरीर में रॉड भी लग चुकी है, लेकिन ऑपरेशन के 6 महीने तक रेस्ट करने के बाद वह साइकिल लेकर मैदान में कूद पड़े. नीरज अभी तक तकरीबन 50 हजार किलोमीटर की साइकिलिंग कर चुके हैं, इस दौरान उन्होंने देश के अलग-अलग हिस्सों में साइकिलिंग की है. नीरज का कहना है कि वह हर साल 10000 किलोमीटर साइकिलिंग करते हैं.

इंदौर। एक व्यक्ति आमतौर पर साइकिल 1 दिन में कितनी चलाएगा.. 20 किलोमीटर, 30 किलोमीटर या फिर 50 किलोमीटर, लेकिन इंदौर के रहने वाले नीरज याग्निक ने तकरीबन 450 किलोमीटर का सफर साइकल से एक ही दिन में तय कर के एक मिसाल कायम की है. वहीं नीरज याग्निक की उम्र 50 साल से अधिक है और इस उम्र में उन्हें विभिन्न बीमारियां भी हो चुकी है, उनका एक ऑपरेशन भी हो चुका है, लेकिन उसके बाद भी वह लगातार साइकिलिंग करते हुए भारत देश के कई शहरों की यात्रा कर चुके हैं. (marathon cyclist Neeraj Yagnik)

मैराथन साइकिलिस्ट नीरज याग्निक

महाराणा प्रताप जयंती के मौके पर अनूठा प्रयास: आजकल के युवा फिट रहने के लिए अलग-अलग तरह के जतन करते हैं, लेकिन इंदौर के रहने वाले उघोगपति नीरज याग्निक के उम्र 53 वर्ष की आयु में फिट रहने के लिए साइकिलिंग करते हैं. नीरज को साइकिलिंग का एक ऐसा जुनून है कि वह इसके माध्यम से एक ही दिन में 450 किलोमीटर से अधिक का सफर तय कर जाते हैं, इसी क्रम में महाराणा प्रताप जयंती के मौके पर उन्होंने इस अनूठे प्रयास को अंजाम दिया.

भीषण गर्मी के बीच तय किया सफर: राजस्थान में हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की समाधि स्थल बना हुआ है, वहां से महाराणा प्रताप की जन्म स्थली तक तकरीबन साढे 450 किलोमीटर की दूरी है नीरज ने साइकिल के माध्यम से तय की है और वह भी 24 घंटे में. नीरज अपना अनुभव सांझा करते हुए बतते हैं कि "राजस्थान में हल्दीघाटी में जिस की जगह पर चेतक का समाधि स्थल बना हुआ है, वहां से जब मैं मिट्टी लेकर निकला तो रास्ते में बांसवाड़ा भी आया और बांसवाड़ा में पिछले दिनों भीषण गर्मी थी और टेंपरेचर 49 डिग्री सेंटीग्रेड था जो कि विश्व में दूसरे नंबर का सबसे गर्म शहर था. उस शहर मुझे काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन मैं अपने काम पर डटा रहा और जिस काम से निकला था."

19 साल की उम्र में पति को खोने के बावजूद नहीं हारी हिम्मत, कर रही हैं बाइक से भारत यात्रा

इसी उद्देश्य से यात्रा पर निकले: वहीं महाराणा प्रताप और महाराज छत्रसाल शौर्य और वीरता के प्रतीक है और इनकी जयंती पर कुछ अलग हटके करने की इच्छा हुई थी, जिससे कि युवा और समाज को एक अलग देखने को मिल सके. जिसके बाद उन्होंने साइकिल से 450 किलोमीटर यात्रा की घोषणा की और उसे पूरा भी किया. वहीं नीरज याग्निक का यह भी कहना है कि " मैंने युवाओं को फिट रहने के लिए 450 किमी साइकिलिंग के माध्यम से जागरूक किया है, आजकल युवा नशे जैसी तमाम तरह की विसंगतियों से जूझ रहे हैं. इसी को देखते हुए मुझे युवाओं और समाज को एक नई दिशा देना था, तो भगवान ने मेरा साथ दिया और मैंने 24 घंटे में तकरीबन 450 किलोमीटर की यात्रा साइकिल के माध्यम से कर रिकॉर्ड बना दिया."

हर साल करते हैं इतनी साइकिलिंग: नीरज का यह भी कहना है उनकी उम्र 53 वर्ष के आसपास हो चुकी है और 53 वर्ष की आयु में उन्हें कई तरह की बीमारियां हो चुकी है. उनके शरीर में रॉड भी लग चुकी है, लेकिन ऑपरेशन के 6 महीने तक रेस्ट करने के बाद वह साइकिल लेकर मैदान में कूद पड़े. नीरज अभी तक तकरीबन 50 हजार किलोमीटर की साइकिलिंग कर चुके हैं, इस दौरान उन्होंने देश के अलग-अलग हिस्सों में साइकिलिंग की है. नीरज का कहना है कि वह हर साल 10000 किलोमीटर साइकिलिंग करते हैं.

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