ETV Bharat / bharat

MP फरार महिला आरोपी हैदराबाद से गिरफ्तार, नाम बदलकर रह रही थी, इंदौर पुलिस ने पकड़ा

आरोपी मोनिका फरारी के दौरान विदेश भाग (bsconding women accused arrest) गई थी. उसका पति अनिल बिष्ट इंदौर जेल में बंद था. कुछ समय पहले ही अनिल को जमानत पर छोड़ दिया गया ,लेकिन उसके विदेश जाने पर पाबंदी लगा दी गई. इसी बीच मोनिका विदेश से लौटी और हैदराबाद (women accused arrest from hyderabad) में किराए का फ्लैट लेकर वहां नाम बदलकर रहने लगी.

indore fake advisory companies case
इंदौर फर्जी एडवायजरी कंपनी केस
author img

By

Published : Aug 17, 2022, 10:51 PM IST

इंदौर। विजय नगर पुलिस ने पिछले दिनों कई एडवाइजरी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की थी. जिसमें कई फर्जी एडवाइजरी कंपनियों को गिरफ्तार किया था. कई संचालक फरार भी हो गए थे. ऐसी ही एक फर्जी एडवायजरी कंपनी की संचालिका को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है. यह महिला संचालक विदेश से लौटने के बाद हैदराबाद में किराए का कमरा लेकर और नाम बदलकर रह रही थी. इंदौर पुलिस ने हैदराबाद पहुंचकर महिला को गिरफ्तार कर लिया है.

ऐसे काम करते थे आरोपी: इंदौर की विजय नगर पुलिस ने फर्जी एडवायजरी कंपनी को लेकर मिली शिकायत पर कार्रवाई करते हुए कई ठिकानों पर एक साथ दबिश दी थी. इन जगहों पर रजिस्टर्ड एडवाइजरी कंपनी के नाम पर विदेश में बैठे लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा बनाया जाता था. आरोपी इंटरनेशनल प्लेटफार्म का हवाला देकर फॉरेन करेंसी में ट्रेडिंग करने का दावा करते हुए लोगों को ज्यादा मुनाफे का भरोसा दिलाते थे. शिकार बने लोगों का भरोसा जीतने के लिए आरोपियों ने एक डमी सर्वर भी तैयार किया था. आरोपी विदेशी करेंसी, क्रिप्टो करेंसी और फॉरन ट्रेडिंग कराने के लिए इश्तिहार देते थे जिसमें मोटे मुनाफा का दावा किया जाता था. इस मामले में मुख्य आरोपी हरदीप और अनिल बिष्ट था. अनिल बिष्ट की पत्नी मोनिका भी इस गिरोह में शामिल थी.

मोनिका को पकड़ने के लिए ऐसे बिछाया जाल: पुलिस की कार्रवाई के दौरान मोनिका मौके से भागने में सफल रही. पुलिस ने भी उसे गिरफ्तार करने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई. इसी बीच पुलिस के बड़े अधिकारियों के पास जानकारी पहुंची की एक प्रधान आरक्षक फर्जी कंपनी के कर्ताधर्ताओं को फायदा पहुंचा रहा है. आरक्षक को दंडित करते हुए उसे लाइन अटैच कर दिया गया और मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई. इस आरक्षक के मोनिका से मिलने की जानकारी भी सामने आई. इधर, मोनिका फरारी के दौरान विदेश भाग गई थी. उसका पति अनिल बिष्ट जेल में बंद था. कुछ समय पहले ही अनिल को जमानत पर छोड़ दिया गया ,लेकिन उसके विदेश जाने पर पाबंदी लगा दी गई. इसी बीच मोनिका विदेश से लौटी और हैदराबाद में किराए का फ्लैट लेकर वहां नाम बदलकर रहने लगी. मोनिका के पति को बेल पर रिहा करने के दौरान पुलिस ने उसे तकनीकी तौर पर सर्विलांस पर लगा रखा था. इसी बीच मोनिका और अनिल की फोन पर लगातार बातचीत होने शुरू हुई. जिससे पुलिस के हाथ मोनिका की लोकेशन लग गई. पुलिस ने दबिश देकर उसे हिरासत में ले लिया है. पकड़ी गई महिला को रिमांड पर लेकर पुलिस उससे पूछताछ करेगी. फिलहाल मोनिका लगातार अपने बयान बदल रही है और किस तरह की कोई जानकारी नहीं दे रही है.

सर्वर का काम देखती थी मोनिका: महिला ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वह संबंधित कंपनी में खुद ही कर्मचारी थी और सर्वर का काम देखती थी. इस ग्रुप में आधा दर्जन से अधिक लोग शामिल है जो विदेश मैं बैठे लोगों से ठगी करते थे. पुलिस ने संभावना जताई है कि आरोपियों ने करोड़ों रुपए का ट्रांजैक्शन किया है.

इंदौर। विजय नगर पुलिस ने पिछले दिनों कई एडवाइजरी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की थी. जिसमें कई फर्जी एडवाइजरी कंपनियों को गिरफ्तार किया था. कई संचालक फरार भी हो गए थे. ऐसी ही एक फर्जी एडवायजरी कंपनी की संचालिका को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है. यह महिला संचालक विदेश से लौटने के बाद हैदराबाद में किराए का कमरा लेकर और नाम बदलकर रह रही थी. इंदौर पुलिस ने हैदराबाद पहुंचकर महिला को गिरफ्तार कर लिया है.

ऐसे काम करते थे आरोपी: इंदौर की विजय नगर पुलिस ने फर्जी एडवायजरी कंपनी को लेकर मिली शिकायत पर कार्रवाई करते हुए कई ठिकानों पर एक साथ दबिश दी थी. इन जगहों पर रजिस्टर्ड एडवाइजरी कंपनी के नाम पर विदेश में बैठे लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा बनाया जाता था. आरोपी इंटरनेशनल प्लेटफार्म का हवाला देकर फॉरेन करेंसी में ट्रेडिंग करने का दावा करते हुए लोगों को ज्यादा मुनाफे का भरोसा दिलाते थे. शिकार बने लोगों का भरोसा जीतने के लिए आरोपियों ने एक डमी सर्वर भी तैयार किया था. आरोपी विदेशी करेंसी, क्रिप्टो करेंसी और फॉरन ट्रेडिंग कराने के लिए इश्तिहार देते थे जिसमें मोटे मुनाफा का दावा किया जाता था. इस मामले में मुख्य आरोपी हरदीप और अनिल बिष्ट था. अनिल बिष्ट की पत्नी मोनिका भी इस गिरोह में शामिल थी.

मोनिका को पकड़ने के लिए ऐसे बिछाया जाल: पुलिस की कार्रवाई के दौरान मोनिका मौके से भागने में सफल रही. पुलिस ने भी उसे गिरफ्तार करने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई. इसी बीच पुलिस के बड़े अधिकारियों के पास जानकारी पहुंची की एक प्रधान आरक्षक फर्जी कंपनी के कर्ताधर्ताओं को फायदा पहुंचा रहा है. आरक्षक को दंडित करते हुए उसे लाइन अटैच कर दिया गया और मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई. इस आरक्षक के मोनिका से मिलने की जानकारी भी सामने आई. इधर, मोनिका फरारी के दौरान विदेश भाग गई थी. उसका पति अनिल बिष्ट जेल में बंद था. कुछ समय पहले ही अनिल को जमानत पर छोड़ दिया गया ,लेकिन उसके विदेश जाने पर पाबंदी लगा दी गई. इसी बीच मोनिका विदेश से लौटी और हैदराबाद में किराए का फ्लैट लेकर वहां नाम बदलकर रहने लगी. मोनिका के पति को बेल पर रिहा करने के दौरान पुलिस ने उसे तकनीकी तौर पर सर्विलांस पर लगा रखा था. इसी बीच मोनिका और अनिल की फोन पर लगातार बातचीत होने शुरू हुई. जिससे पुलिस के हाथ मोनिका की लोकेशन लग गई. पुलिस ने दबिश देकर उसे हिरासत में ले लिया है. पकड़ी गई महिला को रिमांड पर लेकर पुलिस उससे पूछताछ करेगी. फिलहाल मोनिका लगातार अपने बयान बदल रही है और किस तरह की कोई जानकारी नहीं दे रही है.

सर्वर का काम देखती थी मोनिका: महिला ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वह संबंधित कंपनी में खुद ही कर्मचारी थी और सर्वर का काम देखती थी. इस ग्रुप में आधा दर्जन से अधिक लोग शामिल है जो विदेश मैं बैठे लोगों से ठगी करते थे. पुलिस ने संभावना जताई है कि आरोपियों ने करोड़ों रुपए का ट्रांजैक्शन किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.