नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा बुधवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट 2023-2024 में स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर की गई घोषणा की इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने सराहना की है. इस बारे में आईएमए के महासचिव डॉ अनिल कुमार जे नायक ने कहा कि इस बजट में सिकलसेल एनीमिया का सामना कर रहे आदिवासी समुदायों के प्रमुख मुद्दों को विशेष महत्व दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह वास्तव में एक अच्छा बजट है क्योंकि इसमें सिकलसेल एनीमिया से निपटने के लिए प्रमुखता दी गई है.
हालांकि यह बीमारी गुजरात में अत्यधिक प्रचलित है लेकिन लगभग सभी आदिवासी बहुल क्षेत्रों में लोग सिकलसेल एनीमिया से प्रभावित हैं, और इसे पहली बार केंद्रीय बजट में रेखांकित किया गया है. सीतारमण ने घोषणा की, 'यह जागरूकता निर्माण, प्रभावित जनजातीय क्षेत्रों में 0 से 40 वर्ष की आयु के 7 करोड़ लोगों की सार्वभौमिक स्क्रीनिंग और सहयोगी प्रयासों के माध्यम से परामर्श प्रदान करेगी.' बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के अन्य पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए डॉ. नायक ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) को सार्वजनिक और निजी मेडिकल कॉलेज फैकल्टी को शोध के लिए उपलब्ध कराना भी प्रशंसनीय है.
डॉ नायक ने कहा, 'यह निश्चित रूप से स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) को बढ़ावा देगा.' 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोलने की घोषणा से स्वास्थ्य क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा.सीतारमण ने अपने बजट में 2014 से स्थापित मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ को-लोकेशन में 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित करने की घोषणा की है. आईएमए के महासचिव ने भी उम्मीद जताई है कि जब भी जरूरत होगी सरकार कोविड-19 से लड़ने के लिए कुछ और पैकेजों की घोषणा जरूर करेगी.
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