ETV Bharat / bharat

भारत के पहले निजी रॉकेट का आज होगा प्रक्षेपण

देश का पहला प्राइवेट स्पेस कंपनी का रॉकेट Vikram S आज, 15 नवंबर 2022 को लॉन्च होने जा रहा है. रॉकेट ISRO के श्रीहरिकोटा लॉन्च पैड से उड़ान भरेगा और 3 पे-लोड के साथ पृथ्‍वी की सब-ऑर्बिटल कक्षा में छोटे सैटेलाइट्स को स्‍थापित करेगा.

Indias first private rocket launch
भारत के पहले निजी रॉकेट का आज होगा प्रक्षेपण
author img

By

Published : Nov 15, 2022, 8:58 AM IST

नई दिल्ली: भारत के निजी क्षेत्र द्वारा विकसित पहले रॉकेट 'विक्रम-एस' का प्रक्षेपण मंगलवार को यानी आज किया जायेगा. हैदराबाद के अंतरिक्ष स्टार्टअप 'स्काईरूट एयरोस्पेस' ने शुक्रवार को यह घोषणा की. स्काईरूट एयरोस्पेस के इस पहले मिशन को 'प्रारंभ' नाम दिया गया है जिसमें तीन उपभोक्ता पेलोड होंगे और इसे श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया जाएगा.

कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि दिल की धड़कनें तेज हो गई हैं. सभी की निगाहें आसमान की ओर हैं. पृथ्वी सुन रही है. यह 15 नवंबर 2022 को प्रक्षेपण का संकेत है. स्काईरूट एयरोस्पेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और सह-संस्थापक पवन कुमार चांदना ने कहा कि प्रक्षेपण पूर्वाह्न 11 बजकर 30 मिनट पर किया जाएगा.

किसने बनाया है Vikram S रॉकेट : रॉकेट का निर्माण हैदराबाद स्थित स्काईरूट एयरोस्पेस (Skyroot Aerospace) कंपनी ने किया है. कंपनी के CEO और सह-संस्थापक पवन कुमार चांदना ने माडिया को बताया कि रॉकेट का नाम विक्रम-एस (Vikram-S) मशहूर भारतीय वैज्ञानिक और इसरो के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है. इस लॉन्च को मिशन प्रारंभ (Mission Prarambh) नाम दिया गया है. स्काईरूट कंपनी के मिशन प्रारंभ के मिशन पैच का अनावरण ISRO चीफ डॉ. एस. सोमनाथ ने किया है.

क्‍या हैं Vikram-S की खासियतें?

  • विक्रम-एस एक सब-ऑर्बिटल उड़ान भरेगा. यह सिंगल स्टेज का सब-ऑर्बिटल लॉन्च व्हीकल है, जो अपने साथ तीन कॉमर्शियल पेलोड्स लेकर जा रहा है.
  • यह एक तरह की टेस्‍ट फ्लाइट होगी. अगर इसमें सफलता मिलती है तो भारत प्राइवेट स्पेस कंपनी के रॉकेट लॉन्चिंग के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल हो जाएगा.
  • इस रॉकेट से छोटे सैटेलाइट्स को पृथ्‍वी की निर्धारित कक्षा में स्थापित किया जाएगा.
  • स्काईरूट एयरोस्पेस ने 25 नवंबर 2021 को नागपुर स्थित सोलर इंडस्ट्री लिमिटेड की टेस्ट फैसिलिटी में अपने पहले थ्रीडी प्रिंटेड क्रायोजेनिक इंजन (First 3D Printed Cryogenic Engine) का सफल टेस्‍ट किया था.
  • स्‍काईरूट एयरोस्पेस के बिजनेस डेवलपमेंट प्रमुख शिरीष पल्लीकोंडा ने बताया कि 3D क्रायोजेनिक इंजन आम क्रायोजेनिक इंजन की तुलना में ज्यादा भरोसेमंद है. साथ ही यह 30 से 40 फीसदी सस्ता भी है.
  • सस्ती लॉन्चिंग की वजह इसके ईंधन में बदलाव भी है. इस लॉन्चिंग में आम ईंधन के बजाय LNG यानी लिक्विड नेचुरल गैस और लिक्विड ऑक्सीजन (LoX) का इस्‍तेमाल किया जाएगा. यह किफायती होने के साथ साथ प्रदूषण मुक्त भी है.
  • इस क्रायोजेनिक इंजन की टेस्टिंग करने वाली टीम का नाम लिक्विड टीम (Liquid Team) है. इसमें करीब 15 युवा वैज्ञानिकों ने सेवाएं दी हैं.

(एक्सट्रा इनपुट: पीटीआई भाषा)

नई दिल्ली: भारत के निजी क्षेत्र द्वारा विकसित पहले रॉकेट 'विक्रम-एस' का प्रक्षेपण मंगलवार को यानी आज किया जायेगा. हैदराबाद के अंतरिक्ष स्टार्टअप 'स्काईरूट एयरोस्पेस' ने शुक्रवार को यह घोषणा की. स्काईरूट एयरोस्पेस के इस पहले मिशन को 'प्रारंभ' नाम दिया गया है जिसमें तीन उपभोक्ता पेलोड होंगे और इसे श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया जाएगा.

कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि दिल की धड़कनें तेज हो गई हैं. सभी की निगाहें आसमान की ओर हैं. पृथ्वी सुन रही है. यह 15 नवंबर 2022 को प्रक्षेपण का संकेत है. स्काईरूट एयरोस्पेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और सह-संस्थापक पवन कुमार चांदना ने कहा कि प्रक्षेपण पूर्वाह्न 11 बजकर 30 मिनट पर किया जाएगा.

किसने बनाया है Vikram S रॉकेट : रॉकेट का निर्माण हैदराबाद स्थित स्काईरूट एयरोस्पेस (Skyroot Aerospace) कंपनी ने किया है. कंपनी के CEO और सह-संस्थापक पवन कुमार चांदना ने माडिया को बताया कि रॉकेट का नाम विक्रम-एस (Vikram-S) मशहूर भारतीय वैज्ञानिक और इसरो के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है. इस लॉन्च को मिशन प्रारंभ (Mission Prarambh) नाम दिया गया है. स्काईरूट कंपनी के मिशन प्रारंभ के मिशन पैच का अनावरण ISRO चीफ डॉ. एस. सोमनाथ ने किया है.

क्‍या हैं Vikram-S की खासियतें?

  • विक्रम-एस एक सब-ऑर्बिटल उड़ान भरेगा. यह सिंगल स्टेज का सब-ऑर्बिटल लॉन्च व्हीकल है, जो अपने साथ तीन कॉमर्शियल पेलोड्स लेकर जा रहा है.
  • यह एक तरह की टेस्‍ट फ्लाइट होगी. अगर इसमें सफलता मिलती है तो भारत प्राइवेट स्पेस कंपनी के रॉकेट लॉन्चिंग के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल हो जाएगा.
  • इस रॉकेट से छोटे सैटेलाइट्स को पृथ्‍वी की निर्धारित कक्षा में स्थापित किया जाएगा.
  • स्काईरूट एयरोस्पेस ने 25 नवंबर 2021 को नागपुर स्थित सोलर इंडस्ट्री लिमिटेड की टेस्ट फैसिलिटी में अपने पहले थ्रीडी प्रिंटेड क्रायोजेनिक इंजन (First 3D Printed Cryogenic Engine) का सफल टेस्‍ट किया था.
  • स्‍काईरूट एयरोस्पेस के बिजनेस डेवलपमेंट प्रमुख शिरीष पल्लीकोंडा ने बताया कि 3D क्रायोजेनिक इंजन आम क्रायोजेनिक इंजन की तुलना में ज्यादा भरोसेमंद है. साथ ही यह 30 से 40 फीसदी सस्ता भी है.
  • सस्ती लॉन्चिंग की वजह इसके ईंधन में बदलाव भी है. इस लॉन्चिंग में आम ईंधन के बजाय LNG यानी लिक्विड नेचुरल गैस और लिक्विड ऑक्सीजन (LoX) का इस्‍तेमाल किया जाएगा. यह किफायती होने के साथ साथ प्रदूषण मुक्त भी है.
  • इस क्रायोजेनिक इंजन की टेस्टिंग करने वाली टीम का नाम लिक्विड टीम (Liquid Team) है. इसमें करीब 15 युवा वैज्ञानिकों ने सेवाएं दी हैं.

(एक्सट्रा इनपुट: पीटीआई भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.