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भारत के शीर्ष राजनयिक बीजिंग ओलंपिक के उद्घाटन, समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे

भारत ने गुरुवार को घोषणा की है कि चीन की राजधानी में होने वाले 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह (Opening Or The Closing Ceremony Of The Beijing Winter Olympics) में उसके शीर्ष राजनयिक शामिल नहीं होंगे. साथ ही नई दिल्ली ने इस समारोह में गलवान घाटी संघर्ष में शामिल एक सैन्य कमांडर को ओलंपिक मशाल वाहक बनाये जाने को ‘अफसोसनाक’ बताया. पढ़ें ईटीवी भारत की वरीष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट

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Published : Feb 3, 2022, 10:27 PM IST

नई दिल्ली: बीजिंग में भारत के प्रभारी डी'एफ़ेयर (India’s Charge’ D’affaires) बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह (Opening Or The Closing Ceremony Of The Beijing Winter Olympics) में शामिल नहीं होंगे. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह घोषणा की. एक्विनो विमल बीजिंग में भारत के प्रभारी 'डी'अफेयर हैं. यह फैसला पीएलए (People’s Liberation Army’s) के गलवान घाटी के कमांडर को शीतकालीन ओलंपिक मशाल देकर चीन द्वारा सम्मानित किए जाने के बाद लिया गया है. भारत के राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने ईटीवी भारत के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि चीन ने आज जो किया है वह उनकी ओर से एक 'जानबूझकर धोखाधड़ी' प्रतीत होता है. इसकी जरूरत नहीं थी. इस कदम ने खेलों को लेकर हमारी सद्भावना को कम कर दिया है. यदि चीन भारत के साथ अच्छे संबंधों में रुचि रखता था, तो उसे ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए था. जिसका इतना प्रतीकात्मक नकारात्मक परिणाम हो.

मैं राजनयिक पक्ष से शीतकालीन ओलंपिक में आधिकारिक भागीदारी का बहिष्कार करने के सरकार के फैसले का स्वागत करता हूं. त्रिनुगायत ने कहा कि राजनीति को खेलों से दूर रखा जाना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होता है. ये चीनी खेल एक यूएस-चीन शीत संघर्ष की छाया में हो रहे हैं, जो अब काफी समय से चल रहा है. उन्होंने कहा कि भारत क्षेत्रीय भावना और खेल भावना रखना चाहता था.

पढ़ेंः 'चीन क्या करने वाला है', इस पर राहुल ने सरकार को दी चेतावनी

साप्ताहिक प्रेस वार्ता में ईटीवी भारत के सवाल के जवाब में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Ministry of External Affairs spokesperson Arindam Bagchi) ने कहा कि यह वास्तव में खेदजनक है कि चीनी पक्ष ने ओलंपिक जैसे आयोजन का राजनीतिकरण करना चुना है. उन्होंने कहा कि मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि बीजिंग में दूतावास के हमारे प्रभारी बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे.

हालांकि, खेल भावना को बनाए रखने के लिए, भारत शीतकालीन खेलों में भाग लेने के लिए केवल एक एथलीट को भेजेगा. इस बीच, चीन ने शीतकालीन ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार के लिए विभिन्न देशों, विशेषकर पश्चिम पर निशाना साधा है। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने शिनजियांग के पश्चिमी प्रांत में चीन के मानवाधिकार उल्लंघन (China’s Human Rights Violation In The Western Province Of Xinjiang) जैसे कारणों का हवाला देते हुए कहा है कि उनके अधिकारी उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगे.

बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक शुक्रवार, 4 फरवरी को शुरू होगा. जिसमें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान जैसे विश्व नेता और साथ ही पांच मध्य एशियाई देशों के नेता शामिल होंगे.

नई दिल्ली: बीजिंग में भारत के प्रभारी डी'एफ़ेयर (India’s Charge’ D’affaires) बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह (Opening Or The Closing Ceremony Of The Beijing Winter Olympics) में शामिल नहीं होंगे. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह घोषणा की. एक्विनो विमल बीजिंग में भारत के प्रभारी 'डी'अफेयर हैं. यह फैसला पीएलए (People’s Liberation Army’s) के गलवान घाटी के कमांडर को शीतकालीन ओलंपिक मशाल देकर चीन द्वारा सम्मानित किए जाने के बाद लिया गया है. भारत के राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने ईटीवी भारत के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि चीन ने आज जो किया है वह उनकी ओर से एक 'जानबूझकर धोखाधड़ी' प्रतीत होता है. इसकी जरूरत नहीं थी. इस कदम ने खेलों को लेकर हमारी सद्भावना को कम कर दिया है. यदि चीन भारत के साथ अच्छे संबंधों में रुचि रखता था, तो उसे ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए था. जिसका इतना प्रतीकात्मक नकारात्मक परिणाम हो.

मैं राजनयिक पक्ष से शीतकालीन ओलंपिक में आधिकारिक भागीदारी का बहिष्कार करने के सरकार के फैसले का स्वागत करता हूं. त्रिनुगायत ने कहा कि राजनीति को खेलों से दूर रखा जाना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होता है. ये चीनी खेल एक यूएस-चीन शीत संघर्ष की छाया में हो रहे हैं, जो अब काफी समय से चल रहा है. उन्होंने कहा कि भारत क्षेत्रीय भावना और खेल भावना रखना चाहता था.

पढ़ेंः 'चीन क्या करने वाला है', इस पर राहुल ने सरकार को दी चेतावनी

साप्ताहिक प्रेस वार्ता में ईटीवी भारत के सवाल के जवाब में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Ministry of External Affairs spokesperson Arindam Bagchi) ने कहा कि यह वास्तव में खेदजनक है कि चीनी पक्ष ने ओलंपिक जैसे आयोजन का राजनीतिकरण करना चुना है. उन्होंने कहा कि मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि बीजिंग में दूतावास के हमारे प्रभारी बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे.

हालांकि, खेल भावना को बनाए रखने के लिए, भारत शीतकालीन खेलों में भाग लेने के लिए केवल एक एथलीट को भेजेगा. इस बीच, चीन ने शीतकालीन ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार के लिए विभिन्न देशों, विशेषकर पश्चिम पर निशाना साधा है। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने शिनजियांग के पश्चिमी प्रांत में चीन के मानवाधिकार उल्लंघन (China’s Human Rights Violation In The Western Province Of Xinjiang) जैसे कारणों का हवाला देते हुए कहा है कि उनके अधिकारी उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगे.

बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक शुक्रवार, 4 फरवरी को शुरू होगा. जिसमें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान जैसे विश्व नेता और साथ ही पांच मध्य एशियाई देशों के नेता शामिल होंगे.

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