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डब्ल्यूएचओ की विशेषज्ञ सलाहकार समिति की सदस्य बनीं मनीषा एस इनामदार - भारतीय स्टेम सेल एवं विकास जीव-विज्ञानी

भारतीय स्टेम सेल एवं विकास जीव-विज्ञानी मनीषा एस इनामदार को डब्ल्यूएचओ की विशेषज्ञ सलाहकार समिति का सदस्य चुना गया है.

मनीषा एस इनामदार
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Published : Jul 13, 2021, 5:05 AM IST

नई दिल्ली : भारतीय स्टेम सेल एवं विकास जीव-विज्ञानी मनीषा एस इनामदार को मानव जीनोम एडिटिंग को लेकर वैश्विक मानक विकसित करने वाली विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की विशेषज्ञ सलाहकार समिति का सदस्य चुना गया है. डब्ल्यूएचओ ने सोमवार को एक वक्तव्य जारी करके यह जानकारी दी.

डब्ल्यूएचओ की समिति ने दो नई सहयोगी रिपोर्टें जारी की हैं, जो यह सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए पहली वैश्विक सिफारिशें करती हैं कि मानव जीनोम एडिटिंग का उपयोग सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए किया जाना चाहिए. समिति ने साथ ही सुरक्षा, प्रभावशीलता और नैतिकता पर बल दिया है.

सोमवार को जारी की गई रिपोर्ट में संस्थागत, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर मानव जीनोम एडिटिंग प्रौद्योगिकी के अनुसंधान और उसके संभावित प्रयोग की निगरानी तंत्र के लिए एक अग्रणी रूपरेखा शामिल है.

पढ़ें - संसद सत्र में हावी रहेगी महंगाई और पेट्रोलियम कीमतें : खड़गे

इनामदार अपने समूह के साथ, जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र, बेंगलुरु में शोध कर रही हैं, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) का एक स्वायत्त संस्थान है, जो इन विट्रो में स्टेम सेल में बदलाव करने के लिए जीन-एडिटिंग टूल का उपयोग करता है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : भारतीय स्टेम सेल एवं विकास जीव-विज्ञानी मनीषा एस इनामदार को मानव जीनोम एडिटिंग को लेकर वैश्विक मानक विकसित करने वाली विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की विशेषज्ञ सलाहकार समिति का सदस्य चुना गया है. डब्ल्यूएचओ ने सोमवार को एक वक्तव्य जारी करके यह जानकारी दी.

डब्ल्यूएचओ की समिति ने दो नई सहयोगी रिपोर्टें जारी की हैं, जो यह सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए पहली वैश्विक सिफारिशें करती हैं कि मानव जीनोम एडिटिंग का उपयोग सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए किया जाना चाहिए. समिति ने साथ ही सुरक्षा, प्रभावशीलता और नैतिकता पर बल दिया है.

सोमवार को जारी की गई रिपोर्ट में संस्थागत, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर मानव जीनोम एडिटिंग प्रौद्योगिकी के अनुसंधान और उसके संभावित प्रयोग की निगरानी तंत्र के लिए एक अग्रणी रूपरेखा शामिल है.

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इनामदार अपने समूह के साथ, जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र, बेंगलुरु में शोध कर रही हैं, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) का एक स्वायत्त संस्थान है, जो इन विट्रो में स्टेम सेल में बदलाव करने के लिए जीन-एडिटिंग टूल का उपयोग करता है.

(पीटीआई-भाषा)

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