नई दिल्ली : भारतीय रेल ने उत्तर रेलवे के 89 किलोमीटर लंबे सोनीपत-जींद मार्ग पर डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (डीईएमयू) पर रेट्रोफिटिंग करके हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं.
रेल मंत्रालय ने दी जानकारी
इसके जरिए भारतीय रेल यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि क्या मौजूदा डीजल से चलने वाली ट्रेनों को हाइड्रोजन का इस्तेमाल करने के लिए रेट्रोफिट किया जा सकता है. बयान में कहा गया, डीजल से चलने वाले डेमू की रेट्रोफिटिंग और इसे हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली ट्रेन के तकनीकी सेट में बदलाव करने से सालाना ₹2.3 करोड़ की बचत होगी, बल्कि प्रतिवर्ष 11.12 किलो टन के कार्बन उत्सर्जन (नाइट्रिक ऑक्साइड) को कम किया जा सकेगा.
रेलवे बयान के अनुसार इस पायलट प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन के बाद विद्युतीकरण के जरिए डीजल ईंधन से चलने वाले सभी रोलिंग स्टॉक को हाइड्रोजन ईंधन से चलाने की योजना बनाई जा सकती है.
रेलवे ने निविदा दाखिल करने की समय सीमा 21 सितंबर, 2021 से पांच अक्तूबर, 2021 तय की गई है.
इसे भी पढ़े-रेलवे प्लेटफार्मों और यार्डों में कितने अवैध मंदिर-मस्जिद, सरकार ने दी जानकारी
(पीटीआई-भाषा)