नई दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान शिपयार्ड से पांच जहाजों के बेड़े का अनुबंध किया है. इस अनुबंध पर हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटिड (एचसीएल) के चीफ मैनेजर हेमंत खत्री ने कहा कि इससे रक्षा मंत्रालय को बड़ा फायदा होगा. यह जहाज अतिरिक्त टैक्नोलॉजी से लैस और आकार में बहुत बड़े होंगे. उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा दिन है, क्योंकि आज पांच जहाजों का एक साथ कॉन्ट्रैक्ट हुआ है. शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय ने 19 हजार करोड़ की अनुमानित लागत पर पांच जहाजों के बेडे़ का अनुबंध किया था.
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह रक्षा उत्पादन और आत्मनिर्भरता में मुख्य भूमिका निभाएगा, क्योंकि यह जहाज विशाखापट्टनम की कंपनी एचसीएल में निर्मित होंगे. एएनआई से बातचीत करते हुए भारतीय जल सेना के चीफ वाइस एडमिरल संजय जे सिंह ने कहा कि ये जहाज सामान ले जाने की क्षमता और समुद्री सुरक्षा को ओर बढाएंगे. ये जहाज 25000 टन वजन की क्षमता वाले अपनी तरह के अलग जहाज होंगे जो समुद्री निगरानी, सुरक्षा भारतीय महासागर में उपलब्धता बढ़ाने में मदद करेंगे.
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#WATCH | Delhi: In a major boost to indigenisation, the Defence Ministry today signed a contract with Hindustan Shipyard Limited (HSL), Visakhapatnam for the acquisition of five Fleet Support Ships (FSS) for the Indian Navy at an overall cost of approximately Rs 19,000 crores pic.twitter.com/nkHgZhfod6
— ANI (@ANI) August 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) August 25, 2023#WATCH | Delhi: In a major boost to indigenisation, the Defence Ministry today signed a contract with Hindustan Shipyard Limited (HSL), Visakhapatnam for the acquisition of five Fleet Support Ships (FSS) for the Indian Navy at an overall cost of approximately Rs 19,000 crores pic.twitter.com/nkHgZhfod6
— ANI (@ANI) August 25, 2023
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नौसेना उत्पादक नियंत्रक वाइस एडमिरल किरण देशमुख ने कहा कि 20 हजार करोड़ का यह अनुबंध रोजगार के अवसर पैदा करेगा. अगर हम यह पांच जहाज बनाते हैं, तो 8 साल में 1 लाख 70 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. मुझे उम्मीद है कि ये जहाज 2047 तक आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मुख्य भूमिका निभाएगा.
(एएनआई)