हैदराबाद : हैदराबाद के भारतीय मोटा अनाज अनुसंधान संस्थान (IIMR) को एक नया रूप दिया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को घोषणा की कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम व्यवहार, अनुसंधान और प्रौद्योगिकियों को साझा करने के लिए जल्द ही इस केंद्र को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में समर्थन दिया जाएगा. अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में 'श्री अन्न' (मोटा अनाज) का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है. इस तरह के अनाज के कई स्वास्थ्य लाभ हैं और सदियों से यह भोजन का अभिन्न अंग रहा है. उन्होंने कहा, "अब भारत को 'श्री अन्न' के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने के लिए भारतीय मोटा अनाज अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम व्यवहार, अनुसंधान और प्रौद्योगिकियों को साझा करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में समर्थन दिया जाएगा."
प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष कृष्णा एल्ला ने कहा कि मोटा अनाज अनुसंधान संस्थान का उन्नयन ग्रामीण विकास और खाद्य सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का स्पष्ट संकेत है. आईआईएमआर, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के तहत ज्वार और अन्य मोटे अनाज पर बुनियादी और रणनीतिक अनुसंधान में लगा एक प्रमुख कृषि अनुसंधान संस्थान है.
गौरतलब है कि मोटा अनाज (बाजरा) को कभी गरीबों का अनाज कहा जाता था. इसमें पोषण तत्व होता है. इसलिए सरकार ने इसका नाम न्यूट्री अनाज कर दिया है. बाजरा आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, विटामिन से भरपूर होता है. इसमें से सिर्फ 2 से 5 फीसदी वसा होता है. हैदराबाद के राजेंद्रनगर में स्थित भारतीय मोटा-अनाज अनुसंधान संस्थान एक कृषि अनुसंधान संस्थान है जो मोटे अनाजों पर रिसर्च में लगा हुआ है. यह बाजरा में सुधार, उसकी पैदावार बढ़ाने को लेकर रिसर्च कर रहा है. केंद्र सरकार का कहना है कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (COI) एक ऐसा निकाय है जो एक विशिष्ट क्षेत्र के लिए प्रशिक्षण, रिसर्च, व्यापारिक मदद मुहैया कराता है.