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सरकार ने सभी एयरलाइंस से कहा- चीनी नागरिकों को न लाएं भारत

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Published : Dec 28, 2020, 2:10 PM IST

भारतीयों के चीन में प्रवेश पर रोक लगने के बाद करीब डेढ़ हजार भारतीय वहां फंस गये, जिस पर जवाबी कार्रवाई करते हुये भारत सरकार ने अनौपचारिक रूप से एयरलाइंस से चीनी नागरिकों को भारत न लेकर आने की बात कही है. फिलहाल वर्तमान में दोनों देशों के बीच उड़ानें स्थगित कर दी गई हैं.

chinese nationals
चीनियों की नो एंट्री

नई दिल्ली : कोरोनामहामारी के बीच भारत सरकार ने चीन के तेवर देखते हुये कड़ा रूख अपनाया है. केंद्र सरकार ने अनौपचारिक रूप से एयरलाइंस से चीनी नागरिकों को भारत न लेकर आने की बात कही है. ऐसा इसलिये क्योंकि चीन ने अपने यहां भारतीयों की एंट्री पर रोक लगा दी थी.

बता दें कि हाल ही में चीन के अनुमति ना देने के चलते अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापारिक जहाजों पर काम करने वाले करीब डेढ़ हजार भारतीय फंस गए हैं, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई के तहत यह कदम उठाया गया. ऐसी बाते सामने आ रही हैं कि एयरलाइंस ने भारत सरकार के इस फैसले के बाद अधिकारियों से लिखित में निर्देश मांगे हैं.

फिलहाल भारत और चीन के मध्य भरी जाने वाली उड़ाने वर्तमान में स्थगित हैं, लेकिन इंडस्‍ट्री सूत्रों के मुताबिक, ज्‍यादातर चीनी नागरिक भारत आने के लिए यूरोप के एयर बबल वाले देशों का सहारा ले रहे हैं. इसका मतलब है कि सीधे न आकर यूरोप के एयर बबल वाले देशों से आ रहे हैं.

पढ़ें : महामारी के कारण सिक्किम में पर्यटन उद्योग को ₹600 करोड़ का झटका लगा

सबसे पहले चीन ने भारत से आने वाले नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगाई थी. चीन के इस फैसले के कारण करीब डेढ़ हजार भारतीय चीन के कई बंदरगाहों पर फंसे गये, जिसके चलते अब अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापारिक जहाजों पर काम करने वाले ये भारतीय इस वजह से वतन नहीं लौट पा रहे हैं, क्योंकि चीन अनुमति देने में परेशानियां खड़ी कर रहा है.

कहा जा रहा है कि चीन के इस फैसले के पीछे का कारण ऑस्‍ट्रेलिया है. चीन, ऑस्‍ट्रेलिया को परेशान करना चाहता है, क्योंकि वहां का कोयला चीन ने बैन कर दिया है.

नई दिल्ली : कोरोनामहामारी के बीच भारत सरकार ने चीन के तेवर देखते हुये कड़ा रूख अपनाया है. केंद्र सरकार ने अनौपचारिक रूप से एयरलाइंस से चीनी नागरिकों को भारत न लेकर आने की बात कही है. ऐसा इसलिये क्योंकि चीन ने अपने यहां भारतीयों की एंट्री पर रोक लगा दी थी.

बता दें कि हाल ही में चीन के अनुमति ना देने के चलते अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापारिक जहाजों पर काम करने वाले करीब डेढ़ हजार भारतीय फंस गए हैं, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई के तहत यह कदम उठाया गया. ऐसी बाते सामने आ रही हैं कि एयरलाइंस ने भारत सरकार के इस फैसले के बाद अधिकारियों से लिखित में निर्देश मांगे हैं.

फिलहाल भारत और चीन के मध्य भरी जाने वाली उड़ाने वर्तमान में स्थगित हैं, लेकिन इंडस्‍ट्री सूत्रों के मुताबिक, ज्‍यादातर चीनी नागरिक भारत आने के लिए यूरोप के एयर बबल वाले देशों का सहारा ले रहे हैं. इसका मतलब है कि सीधे न आकर यूरोप के एयर बबल वाले देशों से आ रहे हैं.

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सबसे पहले चीन ने भारत से आने वाले नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगाई थी. चीन के इस फैसले के कारण करीब डेढ़ हजार भारतीय चीन के कई बंदरगाहों पर फंसे गये, जिसके चलते अब अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापारिक जहाजों पर काम करने वाले ये भारतीय इस वजह से वतन नहीं लौट पा रहे हैं, क्योंकि चीन अनुमति देने में परेशानियां खड़ी कर रहा है.

कहा जा रहा है कि चीन के इस फैसले के पीछे का कारण ऑस्‍ट्रेलिया है. चीन, ऑस्‍ट्रेलिया को परेशान करना चाहता है, क्योंकि वहां का कोयला चीन ने बैन कर दिया है.

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