दार्जिलिंग/गंगटोक: भारतीय सेना ने बुधवार देर रात तक सिक्किम में भारी बर्फबारी के बीच हाड़ कंपा देने वाली ठंड से 1,217 पर्यटकों को बचाया. इस साल सेना का यह नौवां बचाव अभियान था.
भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर ने बुधवार दोपहर से रात तक लगातार ऑपरेशन चलाकर सिक्किम में भारी बर्फबारी में फंसे पर्यटकों को बचाया. सेना ने करीब माइनस 10 डिग्री सेल्सियस में बचाव कार्य को अंजाम दिया. कुल मिलाकर सेना ने इस वर्ष नौ अलग-अलग बचाव अभियान चलाकर साढ़े आठ हजार से अधिक पर्यटकों को बचाया है.
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The rescue and relief operation by Indian Army which commenced on 13 December continued till early morning hours of 14 December. A total of 1217 tourists were evacuated from the forward areas of East Sikkim to an Army Transit Facility. The stranded tourists were provided with… pic.twitter.com/wK1jsP6pvR
— ANI (@ANI) December 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) December 14, 2023The rescue and relief operation by Indian Army which commenced on 13 December continued till early morning hours of 14 December. A total of 1217 tourists were evacuated from the forward areas of East Sikkim to an Army Transit Facility. The stranded tourists were provided with… pic.twitter.com/wK1jsP6pvR
— ANI (@ANI) December 14, 2023
कलिम्पोंग और दार्जिलिंग सहित सिक्किम और बंगाल के कई स्थानों पर बुधवार सुबह से भारी बर्फबारी हुई और इसके कारण पहाड़ी क्षेत्रों में कई स्थानों पर पर्यटक फंस गए.
चार सौ गाड़ियां फंसी : भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक, उत्तरी सिक्किम, लाचेन, लाचुंग, चुंगथांग, संजा, पेलिंग और छांगू में कई जगहों पर बर्फबारी हुई है. लाचुंग और लाचेन सहित उत्तरी सिक्किम की ऊंची चोटियों पर जिस दौरान पर्यटक भ्रमण कर रहे थे अचानक मौसम खराब हो गया और भारी बर्फबारी हुई. कई जगहों पर ओले भी गिरे. कम से कम चार सौ पर्यटकों की गाड़ियां बीच रास्ते में फंस गईं.
इसके बाद उत्तरी सिक्किम प्रशासन से खबर भारतीय सेना तक पहुंची. सूचना मिलते ही भारतीय सेना की त्रि-शक्ति कोर पहुंची और फंसे हुए पर्यटकों को बचाया. बचाए गए लोगों में 256 महिलाएं और 67 बच्चे हैं. सभी को सेना की बैरक में ले जाया गया. पर्यटकों के लिए विशेष मेडिकल टीम की भी व्यवस्था की गई थी. बचाए गए पर्यटकों को सेना शिविर ने पर्यटकों को गर्म कपड़े, भोजन और प्राथमिक चिकित्सा प्रदान की.
जवान अपनी बैरक भी खाली कर देते हैं ताकि पर्यटक भीषण ठंड के मौसम में अच्छी तरह से रात बिता सकें. भारतीय सेना के कर्नल अंजन कुमार बसुमतारी ने इस संबंध में कहा, 'सीमा की रक्षा के अलावा, हम हिमालय की ऊंचाई पर स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को बचाने के लिए हमेशा सक्रिय रहते हैं.'