नई दिल्ली : नगालैंड फायरिंग मामले की जांच के लिए भारतीय सेना की ओर से कोर्ट ऑफ इंक्वायरी होगी. कोर्ट ऑफ इंक्वायरी मेजर जनर रैंक के अधिकारी द्वारा की जाएगी. भारतीय सेना ने एक मेजर जनरल-रैंक के अधिकारी केवल पूर्वोत्तर सेक्टर में तैनात होंगे.
इसी मामले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग ने केंद्रीय रक्षा सचिव, केंद्रीय गृह सचिव, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, नगालैंड को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है
गौरतलब है कि नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने आज (सोमवार) जिले का दौरा किया है. इससे पहले रविवार को उन्होंने मोन जिले में सुरक्षा बलों की कथित गोलीबारी (Nagaland firing) में मारे गए 13 लोगों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राज्य सरकार ने शनिवार शाम को हुई इस घटना की जांच के लिए पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) स्तर के एक अधिकारी की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का भी फैसला किया है.
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नगालैंड के मुख्य सचिव जे. आलम ने एक बयान में कहा कि राज्य सरकार ने मोन जिले के ओटिंग गांव इलाके में हुई घटना की निंदा की है, जिसमें 13 आम नागरिकों की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि 13 मृतकों में से प्रत्येक के परिजनों को पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी, जबकि घायल लोगों के इलाज का खर्च राज्य सरकार उठाएगी.