नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में 4 मई को एडवांस्ड लाइट ध्रुव हेलीकॉप्टर के दुर्घटना होने के बाद सेना ने बड़ा फैसला लिया है. जम्मू कश्मीर में सेना के अभियानों से इस हेलीकॉप्टर को फिलहाल अलग रखने का फैसला लिया है. इससे केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा बलों के अभियान प्रभावित होने की बात कही जा रही है.
जम्मू कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में चल रहे आतंकवाद-रोधी अभियानों के बीच, सेना ने किश्तवाड़ में 4 मई की दुर्घटना के मद्देनजर एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टरों के अपने बेड़े को फिलहाल इस अभियान से दूर कर लिया है. इस हेलीकॉप्टर हादसे में एक सैनिक की मौत हो गई थी. पिछले दो महीनों में यह दूसरी बार है जब इस हेलीकॉप्टर को जांच के लिए रोका गया है. पहली दुर्घटना मुंबई में मार्च में हुई थी जब नौसेना का एक हेलीकॉप्टर वीवीआईपी ड्यूटी करने के बाद खाई में गिर गया था. अप्रैल में कोच्चि में एक और दुर्घटना हुई जब परीक्षण के दौरान एक तटरक्षक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था.
रक्षा अधिकारियों ने एजेंसी को बताया, 'दुर्घटना के मद्देनजर एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टरों के संचालन को एहतियात के तौर पर रोक दिया गया है.' हेलीकॉप्टरों पर रोक लगाए जाने से सुरक्षाबलों की आवाजाही प्रभावित हुई है. बताया जाता है कि सैन्य अभियानों में इन हेलीकॉप्टरों की काफी मदद ली जाती है. एएलएच ध्रुव भारतीय सेना के लिए काफी अहम है. इसमें काफी ऊंचाई तक उड़ने की क्षमता है. आर्मी एविएशन कॉर्प्स इन हेलीकॉप्टरों के विभिन्न प्रकारों का उपयोग करती है, जिसमें रुद्र वेपन सिस्टम इंटीग्रेटेड वर्जन भी शामिल है.
(एएनआई)