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वायुसेना ने मिग-21 लड़ाकू विमानों को अस्थायी रूप से सेवा से हटाया

लगातार गड़बड़ी की शिकायत के बाद भारतीय वायुसेना ने मिग-21 विमान को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. राजस्थान के हनुमानगढ़ में एक मिग-21 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. जिसके बाद वायुसेना ने तय किया है कि वह अपने बेड़े से 50 मिग-21 लड़ाकू विमानों को अस्थायी रूप से सेवा से हटा देगी.

MiG 21 squadrons
मिग 21 लड़ाकू विमान
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Published : May 20, 2023, 10:17 PM IST

Updated : May 21, 2023, 6:56 AM IST

नई दिल्ली : वायुसेना ने अपने 50 मिग-21 लड़ाकू विमानों के बेड़े को अस्थायी रूप से सेवा से हटा दिया है. यह फैसला करीब दो सप्ताह पहले राजस्थान के हनुमानगढ़ में एक मिग-21 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद लिया गया है. इस घटनाक्रम से अवगत लोगों ने शनिवार को यह जानकारी दी. आठ मई को सूरतगढ़ में वायु सेना स्टेशन से नियमित प्रशिक्षण के लिए रवाना हुआ मिग -21 विमान हनुमानगढ़ में दुर्घटनाग्रस्त होकर एक घर पर गिर गया था. इस दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी.

घटनाक्रम से अवगत लोगों ने कहा कि सभी मिग -21 विमान फिलहाल तकनीकी मूल्यांकन और जांच के दौर से गुजर रहे हैं, और जांच दलों की मंजूरी के बाद ही उन्हें उड़ान भरने की अनुमति दी जाएगी. हनुमानगढ़ की घटना के बाद सोवियत मूल के मिग-21 विमान फिर से चर्चा में आ गए थे. 1960 के दशक की शुरुआत में मिग-21 को पेश किए जाने के बाद से अब तक लगभग 400 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं.

लंबे समय तक मिग-21 भारतीय वायुसेना का मुख्य आधार हुआ करते थे. भारतीय वायुसेना ने अपने समग्र युद्ध कौशल को बढ़ाने के लिए 870 से अधिक मिग-21 लड़ाकू विमान खरीदे थे. हालांकि, विमान का सुरक्षा रिकॉर्ड बहुत खराब है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह दशकों में 400 मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके है अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल वायुसेना के पास लगभग 50 मिग-21 विमान हैं.

बता दें कि भारतीय वायुसेना ने अपने बेड़े में बचे चार मिग-21 लड़ाकू स्क्वाड्रन को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए अगले 2022 में ही तीन वर्षों की समयसीमा तय की थी. इस गतिविधि के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया था कि इनमें से एक स्क्वाड्रन को इसी साल सितंबर में हटाए जाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा था कि वायुसेना अगले पांच वर्षों में मिग-29 लड़ाकू विमानों के तीन स्क्वाड्रन को भी चरणबद्ध तरीके से हटाने की योजना है.

ये भी पढ़ें - वायुसेना 2025 तक सभी मिग-21 स्क्वाड्रन को अपने बेड़े से हटाएगी

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : वायुसेना ने अपने 50 मिग-21 लड़ाकू विमानों के बेड़े को अस्थायी रूप से सेवा से हटा दिया है. यह फैसला करीब दो सप्ताह पहले राजस्थान के हनुमानगढ़ में एक मिग-21 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद लिया गया है. इस घटनाक्रम से अवगत लोगों ने शनिवार को यह जानकारी दी. आठ मई को सूरतगढ़ में वायु सेना स्टेशन से नियमित प्रशिक्षण के लिए रवाना हुआ मिग -21 विमान हनुमानगढ़ में दुर्घटनाग्रस्त होकर एक घर पर गिर गया था. इस दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी.

घटनाक्रम से अवगत लोगों ने कहा कि सभी मिग -21 विमान फिलहाल तकनीकी मूल्यांकन और जांच के दौर से गुजर रहे हैं, और जांच दलों की मंजूरी के बाद ही उन्हें उड़ान भरने की अनुमति दी जाएगी. हनुमानगढ़ की घटना के बाद सोवियत मूल के मिग-21 विमान फिर से चर्चा में आ गए थे. 1960 के दशक की शुरुआत में मिग-21 को पेश किए जाने के बाद से अब तक लगभग 400 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं.

लंबे समय तक मिग-21 भारतीय वायुसेना का मुख्य आधार हुआ करते थे. भारतीय वायुसेना ने अपने समग्र युद्ध कौशल को बढ़ाने के लिए 870 से अधिक मिग-21 लड़ाकू विमान खरीदे थे. हालांकि, विमान का सुरक्षा रिकॉर्ड बहुत खराब है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह दशकों में 400 मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके है अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल वायुसेना के पास लगभग 50 मिग-21 विमान हैं.

बता दें कि भारतीय वायुसेना ने अपने बेड़े में बचे चार मिग-21 लड़ाकू स्क्वाड्रन को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए अगले 2022 में ही तीन वर्षों की समयसीमा तय की थी. इस गतिविधि के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया था कि इनमें से एक स्क्वाड्रन को इसी साल सितंबर में हटाए जाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा था कि वायुसेना अगले पांच वर्षों में मिग-29 लड़ाकू विमानों के तीन स्क्वाड्रन को भी चरणबद्ध तरीके से हटाने की योजना है.

ये भी पढ़ें - वायुसेना 2025 तक सभी मिग-21 स्क्वाड्रन को अपने बेड़े से हटाएगी

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : May 21, 2023, 6:56 AM IST
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