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भारतीय प्रशासन एक विशेष प्रशासनिक सेवा पर अत्यधिक निर्भर है : संसदीय समिति - संसद में पेश कार्मिक संसदीय समिति

संसद में पेश कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय पर संसद की विभाग संबंधी स्थायी समिति ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की अनुदानों की मांगों (2021-22) पर 106वीं रिपोर्ट जारी की है.

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Published : Mar 16, 2021, 10:03 PM IST

नई दिल्ली : संसद की एक समिति ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारतीय प्रशासन एक विशेष प्रशासनिक सेवा पर अत्यधिक निर्भर है. अब समय आ गया है कि विशेष क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले अन्य सेवाओं के अधिकारियों को समान अवसर प्रदान किए जाएं.

समिति ने कहा कि उसकी राय है कि प्रशासन के उच्च पदों पर नियुक्तियां करते समय, अधिकारी जिस सेवा से आते हैं, उसे प्राथमिकता देने के बजाय उनकी निष्ठा, कुशलता और रुचि आदि चीजों को ध्यान में रखना चाहिए. संसद में पेश कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय पर संसद की विभाग संबंधी स्थायी समिति ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की अनुदानों की मांगों (2021-22) पर 106वीं रिपोर्ट में कहा कि समिति की राय है कि भारतीय प्रशासन एक विशेष प्रशासनिक सेवा पर अत्यधिक निर्भर हो गया है.

यह भी पढ़ें-कांग्रेस के बागी पीसी चाको अब एनसीपी की शरण में, नजरें केरल विधानसभा चुनावों पर

समिति ने किसी सेवा का नाम लिए बगैर कहा कि सरकार में महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाले पदों पर वे अन्य लोगों की तुलना में थोड़ा आगे लगते हैं. समिति की सिफारिशों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले महीने आई इस टिप्पणी की पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि आखिर देश को ‘बाबुओं’ (सरकारी अधिकारियों) के हवाले करके हम क्या हासिल करेंगे?

नई दिल्ली : संसद की एक समिति ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारतीय प्रशासन एक विशेष प्रशासनिक सेवा पर अत्यधिक निर्भर है. अब समय आ गया है कि विशेष क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले अन्य सेवाओं के अधिकारियों को समान अवसर प्रदान किए जाएं.

समिति ने कहा कि उसकी राय है कि प्रशासन के उच्च पदों पर नियुक्तियां करते समय, अधिकारी जिस सेवा से आते हैं, उसे प्राथमिकता देने के बजाय उनकी निष्ठा, कुशलता और रुचि आदि चीजों को ध्यान में रखना चाहिए. संसद में पेश कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय पर संसद की विभाग संबंधी स्थायी समिति ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की अनुदानों की मांगों (2021-22) पर 106वीं रिपोर्ट में कहा कि समिति की राय है कि भारतीय प्रशासन एक विशेष प्रशासनिक सेवा पर अत्यधिक निर्भर हो गया है.

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समिति ने किसी सेवा का नाम लिए बगैर कहा कि सरकार में महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाले पदों पर वे अन्य लोगों की तुलना में थोड़ा आगे लगते हैं. समिति की सिफारिशों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले महीने आई इस टिप्पणी की पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि आखिर देश को ‘बाबुओं’ (सरकारी अधिकारियों) के हवाले करके हम क्या हासिल करेंगे?

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