नई दिल्ली : भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईआईसीआर) ने बौद्ध शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्ति, संगठन या संस्थानों को सम्मानित करने के लिये बौद्ध अध्ययन प्रोत्साहन पुरस्कार की स्थापना की है. आईसीसीआर के अध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने मंगलवार को यह घोषणा की.
ईटीवी भारत से बात करते हुए आईसीसीआर के अध्यक्ष डॉ विनय प्रभाकर सहस्रबुद्धे ने कहा, यह ज्ञात है कि बौद्ध धर्म भारत से उत्पन्न हुआ है और यह हमारी जातीय आध्यात्मिक परंपरा का एक हिस्सा है.
हालांकि बौद्ध धर्म और बौद्ध अध्ययन हमारे देश में पिछले कई वर्षों से और एक दर्जन से अधिक संस्थान हैं जो बौद्ध अध्ययन पर काम कर रहे हैं, बौद्ध विद्वानों के अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ जुड़ने के शायद बहुत कम प्रयास रहे हैं.
भारत के विचार में बौद्ध अध्ययनों की प्रधानता को रेखांकित करने के लिए और भी जहां तक बौद्ध अध्ययन और अनुशासन का संबंध है, भारत की प्रधानता है, हम प्रतिवर्ष बौद्ध अध्ययन पर एक सम्मेलन आयोजित करने जा रहे हैं.
भारत में बौद्ध धर्म का महत्व हमेशा बरकरार रहा है और हम इसे एक बार फिर से रेखांकित करने की कोशिश कर रहे हैं. चूंकि बौद्ध अध्ययन पर काम करने वाला अकादमिक समुदाय अब बढ़ रहा है और एक महत्वपूर्ण अनुशासन बन गया है, इसलिए आईसीसीआर ने इस बात को रेखांकित करने के लिए विचार किया कि सांस्कृतिक संबंधों के साथ काम किया जाएगा, जिनमें से शैक्षणिक संबंध भी महत्वपूर्ण संघटक है.
सहस्रबुद्धे ने यह भी बताया कि नव नालंदा महाविहार की स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के तहत 19-20 नवंबर को महाविहार परिसर में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन 2021 का आयोजन किया जायेग.
यह पूछे जाने पर कि क्या इस सम्मेलन में तिब्बत के अध्यात्मिक गुरू दलाई लामा या वहां की निर्वासित सरकार के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है, आईसीसीआर के अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा, जो भी बौद्ध विद्वान इसमें पंजीकरण करायेंगे, वे इसमें हिस्सा ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि अभी ऐसा (आमंत्रित) नहीं किया गया है.
उन्होंने कहा कि यह अकादमिक कार्यक्रम है और आमतौर पर इसमें राजनीतिक नेताओं को आमंत्रित नहीं किया जाता है.
आईसीसीआर के महानिदेशक दिनेश के पटनायक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन 2021 का आयोजन पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसका आयोजन पर्यटन मंत्रालय से सहयोग से हो रहा है ताकि सांस्कृतिक एवं अकादमिक कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके.
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उन्होंने कहा कि इसकी तैयारी के तहत भारत में तेलंगाना, सारनाथ, गंगटोक और धर्मशाला तथा विदेश में जापान, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और कंबोडिया में सम्मेलन आयोजित किये जायेंगे.
बौद्ध अध्ययन प्रोत्साहन पुरस्कार की स्थापना किये जाने का जिक्र करते हुए सहस्रबुद्धे ने कहा, अंतराष्ट्रीय स्तर पर बौद्ध शिक्षा को प्रोत्साहित करने वाले व्यक्तियों, संगठनों एवं संस्थानों को सम्मानित करने के लिये इस पुरस्कार का गठन किया गया है.
उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार के तहत 20 हजार डालर, प्रशस्ति पत्र और सोने की परत वाला मेडल दिया जायेगा.
आईसीसीआर के अध्यक्ष ने कहा कि अगर एक से अधिक पुरस्कार विजेता होंगे तब राशि को समान रूप से साझा किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को वैश्विक बौद्ध केंद्र एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की सोच पर आधारित है.
सहस्रबुद्धे ने कहा कि आईसीसीआर विभिन्न संस्थाओं के साथ मिलकर दुबई एक्सपो का आयोजन करेगी.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा 25-26 सितंबर 2021 को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सहयोग से भारत संकल्प महोत्सव का आयोजन किया जायेगा.