नई दिल्ली : चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में पिछले करीब एक साल से भी ज्यादा समय से चल रही तनातनी के बीच भारतीय सुरक्षाबलों की निगरानी क्षमता में बड़ा इजाफा होने जा रहा है. भारत जल्द ही इजरायल से अत्याधुनिक हेरोन ड्रोन लेने जा रहा है. हेरोन ड्रोन के जरिए भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लद्दाख सेक्टर और अन्य क्षेत्रों में चीन की नापाक गतिविधियों पर पैनी नजर रख सकेगा.
समाचार एजेंसी एनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि, कोरोना महामाही के चलते इस सौदे में देरी हुई, लेकिन अब भारत इस अत्याधुनिक ड्रोन को जल्द अपने सुरक्षा बेड़े में शामिल कर लेगा. हेरोन ड्रोन एलएसी और लद्दाख से लगती सीमाओं और इलाकों में तैनात किए जाएंगे. सूत्रों के मुताबिक, नए ड्रोन तकनीकी रूप से अधिक एडवांस हैं और पिछले ड्रोन के मुकाबले इनकी एंटी-जैमिंग क्षमता भी बेहतर है.
इन हाईटेक ड्रोनों की खरीद पीएम मोदी सरकार की तरफ से दिए गए आपात वित्तीय अधिकार के तहत हुई है. इसमें चीन के साथ तनातनी को देखते हुए सुरक्षाबलों को 500 करोड़ रुपये तक के हथियार और रक्षा से जुड़े सामान खरीदने की पूरी छूट मिली है.
सूत्रों के मुताबिक, भारत ने जो अमेरिका से मिनी ड्रोन मागाएं हैं, वे ग्राउंड पर तैनात बटालियन स्तर के सैनिकों के हवाले किए जाएंगे. इसके साथ ही हाथ से ऑपरेट होने वाले ड्रोनों का इस्तेमाल खास क्षेत्र और स्थान के बारे में पता लगाने के लिए होगा.
ये भी पढे़ं : भारत बोला- नेपाल में राजनीतिक संकट उसका 'आंतरिक मामला'
बता दें, सीमा पर चीन की हरकतों के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है, ताकि सुरक्षाबलों को और मजबूत बनाया जा सके और सामरिक तौर पर उसकी बढ़ोतरी हो सके. वहीं, साल 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी कैंपों पर हवाई हमलों के बाद भारतीय सुरक्षाबलों को आपात खरीद के तहत सुरक्षा बेड़े को बढ़ाने के लिए हथियार खरीद के अधिकार मिले थे.