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भारत उन मुद्दों पर जोर देना जारी रखेगा जो वैश्विक दक्षिण देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं: कंबोज

भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार के अलावा उन मुद्दों पर जोर देना जारी रखेगा जो वैश्विक दक्षिण देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं. यह बातें यूएनजीए में संयुक्त राष्ट्र में भारतीय की स्थायी प्रतिनिधि रुचिका कंबोज (Ruchira Kamboj) ने कहीं. (Ruchira Kamboj at 78th UNGA)

Ruchira Kamboj
रुचिका कंबोज
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 19, 2023, 5:41 PM IST

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र महासभा का 78वां सत्र सोमवार को शुरू हुआ. इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज (Ruchira Kamboj) ने मंगलवार को इस बात पर प्रकाश डाला कि जी20 अध्यक्ष के रूप में भारत का ध्यान वैश्विक दक्षिण के साथ-साथ आतंकवाद-निरोध, सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर है. साथ ही कहा गया कि परिषद में सुधार और शांति स्थापना इसकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में होगी.

वहीं कंबोज ने कहा कि जी20 के अध्यक्ष के रूप में हम वैश्विक सहयोग की वकालत कर रहे हैं और उन मुद्दों पर जोर देना जारी रख रहे हैं जो वैश्विक दक्षिण देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया कि भारत आतंकवाद विरोधी, शांति स्थापना और संयुक्त राष्ट्र सुधारों सहित अन्य प्रयासों में अग्रणी है. जी20 के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में भारत उन मुद्दों पर जोर देना जारी रखेगा जो वैश्विक दक्षिण देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिनमें जलवायु कार्रवाई, वित्त और सतत विकास लक्ष्य शामिल हैं.

कंबोज ने कहा कि हमने गर्व से अफ्रीकी संघ के लिए दरवाजे खोले हैं. जिससे समसामयिक चुनौतियों से निपटने के लिए वह वैश्विक सहयोग के महत्व को पहचानते हुए जी20 में शामिल हों. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुधारों के दायरे में भारत सुरक्षा परिषद सुधारों के लिए चर्चा में सक्रिय रूप से भाग लेता है, स्थायी सदस्यता का लक्ष्य रखता है और सदस्यता की स्थायी और गैर-स्थायी दोनों श्रेणियों के विस्तार पर जोर देता है.

बता दें कि भारत संयुक्त राष्ट्र 1975 के बाद पहली बार सामाजिक विकास आयोग के 62वें सत्र की अध्यक्षता करेगा. कम्बोज ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवादियों द्वारा प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग को संबोधित करने और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर एक व्यापक सम्मेलन की वकालत करने के लिए वैश्विक आतंकवाद विरोधी प्रयासों की जरूरत है. इस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 78वें आयोजन से पहले सतत विकास लक्ष्यों पर प्रगति में तेजी लाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता शीर्षक से आयोजित एक अतिरिक्त कार्यक्रम में बोलते हुए कंबोज ने कहा कि भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करता है और इसके लिए तैयार है.

उन्होंने कहा कि ठीक है, एआई अत्यंत शक्तिशाली है! और भारत, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में, इस क्रांति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका स्वीकार करता है. कुशल एआई पेशेवरों के दुनिया के सबसे बड़े समूह के साथ, हम आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं. कंबोज ने कहा कि 2035 तक एआई में भारत की अर्थव्यवस्था में आश्चर्यजनक रूप से एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान करने की क्षमता है. गौरतलब है कि भारत 12-14 दिसंबर 2023 तक नई दिल्ली में ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.

महासभा के 78वें सत्र की उच्च स्तरीय सामान्य बहस के लिए वक्ताओं की नवीनतम अनंतिम सूची के अनुसार भारत के विदेश मंत्री जयशंकर उच्च स्तरीय सप्ताह के आखिरी दिन 26 सितंबर की सुबह सामान्य बहस को संबोधित करेंगे. हालांकि वक्ताओं की पहली अनंतिम सूची में भारत के सरकार प्रमुख 22 सितंबर की दोपहर में सत्र को संबोधित करने वाले हैं. वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की सामान्य बहस के पहले दिन उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित करेंगे, क्योंकि रूस के साथ युद्ध लगातार बढ़ता जा रहा है. इसी क्रम में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव 23 सितंबर को संबोधित करेंगे.

गौरतलब है कि 21 जून को पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक योग सत्र का नेतृत्व किया था. पीएम मोदी ने यूएनजीए को इस दिन को वार्षिक स्मरणोत्सव के रूप में मनाने का भी प्रस्ताव दिया है. यूएनजीए के 78वें सत्र की सामान्य बहस को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में वर्ष का सबसे व्यस्त राजनयिक सत्र माना जाता है, और उच्च स्तरीय सत्र हर साल सितंबर में खुलता है. महासभा प्रतिवर्ष विश्व नेताओं की बहुप्रतीक्षित बहस का आयोजन करती है.

ये भी पढ़ें - यूएन में कंबोज बोलीं-खाद्यान्न वितरण में समानता और पहुंच के महत्व पर जोर देता है भारत

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र महासभा का 78वां सत्र सोमवार को शुरू हुआ. इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज (Ruchira Kamboj) ने मंगलवार को इस बात पर प्रकाश डाला कि जी20 अध्यक्ष के रूप में भारत का ध्यान वैश्विक दक्षिण के साथ-साथ आतंकवाद-निरोध, सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर है. साथ ही कहा गया कि परिषद में सुधार और शांति स्थापना इसकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में होगी.

वहीं कंबोज ने कहा कि जी20 के अध्यक्ष के रूप में हम वैश्विक सहयोग की वकालत कर रहे हैं और उन मुद्दों पर जोर देना जारी रख रहे हैं जो वैश्विक दक्षिण देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया कि भारत आतंकवाद विरोधी, शांति स्थापना और संयुक्त राष्ट्र सुधारों सहित अन्य प्रयासों में अग्रणी है. जी20 के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में भारत उन मुद्दों पर जोर देना जारी रखेगा जो वैश्विक दक्षिण देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिनमें जलवायु कार्रवाई, वित्त और सतत विकास लक्ष्य शामिल हैं.

कंबोज ने कहा कि हमने गर्व से अफ्रीकी संघ के लिए दरवाजे खोले हैं. जिससे समसामयिक चुनौतियों से निपटने के लिए वह वैश्विक सहयोग के महत्व को पहचानते हुए जी20 में शामिल हों. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुधारों के दायरे में भारत सुरक्षा परिषद सुधारों के लिए चर्चा में सक्रिय रूप से भाग लेता है, स्थायी सदस्यता का लक्ष्य रखता है और सदस्यता की स्थायी और गैर-स्थायी दोनों श्रेणियों के विस्तार पर जोर देता है.

बता दें कि भारत संयुक्त राष्ट्र 1975 के बाद पहली बार सामाजिक विकास आयोग के 62वें सत्र की अध्यक्षता करेगा. कम्बोज ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवादियों द्वारा प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग को संबोधित करने और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर एक व्यापक सम्मेलन की वकालत करने के लिए वैश्विक आतंकवाद विरोधी प्रयासों की जरूरत है. इस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 78वें आयोजन से पहले सतत विकास लक्ष्यों पर प्रगति में तेजी लाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता शीर्षक से आयोजित एक अतिरिक्त कार्यक्रम में बोलते हुए कंबोज ने कहा कि भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करता है और इसके लिए तैयार है.

उन्होंने कहा कि ठीक है, एआई अत्यंत शक्तिशाली है! और भारत, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में, इस क्रांति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका स्वीकार करता है. कुशल एआई पेशेवरों के दुनिया के सबसे बड़े समूह के साथ, हम आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं. कंबोज ने कहा कि 2035 तक एआई में भारत की अर्थव्यवस्था में आश्चर्यजनक रूप से एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान करने की क्षमता है. गौरतलब है कि भारत 12-14 दिसंबर 2023 तक नई दिल्ली में ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.

महासभा के 78वें सत्र की उच्च स्तरीय सामान्य बहस के लिए वक्ताओं की नवीनतम अनंतिम सूची के अनुसार भारत के विदेश मंत्री जयशंकर उच्च स्तरीय सप्ताह के आखिरी दिन 26 सितंबर की सुबह सामान्य बहस को संबोधित करेंगे. हालांकि वक्ताओं की पहली अनंतिम सूची में भारत के सरकार प्रमुख 22 सितंबर की दोपहर में सत्र को संबोधित करने वाले हैं. वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की सामान्य बहस के पहले दिन उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित करेंगे, क्योंकि रूस के साथ युद्ध लगातार बढ़ता जा रहा है. इसी क्रम में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव 23 सितंबर को संबोधित करेंगे.

गौरतलब है कि 21 जून को पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक योग सत्र का नेतृत्व किया था. पीएम मोदी ने यूएनजीए को इस दिन को वार्षिक स्मरणोत्सव के रूप में मनाने का भी प्रस्ताव दिया है. यूएनजीए के 78वें सत्र की सामान्य बहस को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में वर्ष का सबसे व्यस्त राजनयिक सत्र माना जाता है, और उच्च स्तरीय सत्र हर साल सितंबर में खुलता है. महासभा प्रतिवर्ष विश्व नेताओं की बहुप्रतीक्षित बहस का आयोजन करती है.

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