नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज बजट 2022 पेश (Budget 2022 presented by Finance Minister Nirmala Sitharaman) किया गया. कोओपरेटिव सोसायटी, कार्पोरेट टैक्स, राज्य कर्मियों के लिए बजट खुशखबरी लेकर आई है. वहीं, बजट में इनकम टैक्स स्लैब जस का तस रह गया. इस पर प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं. किसी ने इस बजट को आपदा में आत्मनिर्भर भारत के अवसर को आश्वस करने वाला बताया तो किसी ने इसे अमृत बजट करार दिया.
यह 'पेगासस स्पिन बजट', आम लोगों के लिए कुछ नहीं: ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आम बजट 2022-23 को ‘पेगासस स्पिन बजट' करार दिया है. उन्होंने कहा कि इस आम बजट में देश के आम लोगों के लिए कुछ नहीं है. ममता ने ट्वीट किया कि बेरोजगारी और महंगाई की मार झेल रहे आम जनता के लिए बजट में कुछ नहीं है. बड़ी-बड़ी बाते हैं और हकीकत में कुछ नहीं है. ‘पेगासस स्पिन बजट' है.
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BUDGET HAS ZERO FOR COMMON PEOPLE, WHO ARE GETTING CRUSHED BY UNEMPLOYMENT & INFLATION. GOVT IS LOST IN BIG WORDS SIGNIFYING NOTHING - A PEGASUS SPIN BUDGET
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) February 1, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) February 1, 2022
अर्थव्यवस्था को बढ़ाने वाले बजट: योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने वाले बजट का हम स्वागत करते हैं. समाज के प्रत्येक तबके किसानों, युवाओं, महिलाओं के लिए एक प्रगतिशील बजट प्रस्तुत करने के लिए मैं प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं. MSP और किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को ये बजट पूरा करेगी. भारत के युवाओं को 60 लाख नौकरियां मिलेगी, जिससे उन्हें आगे बढ़ने में सहायता होगी.
नौकरीपेशा वर्ग के लिए कुछ नहींः राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बजट पर निराशा जाहिर किया. उन्होंने ट्वीट किया कि बजट में युवा, किसान, नौकरीपेशा वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है. बजट में आम लोगों के लिए कुछ भी नया नहीं है.
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M0di G0vernment’s Zer0 Sum Budget!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 1, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Nothing for
- Salaried class
- Middle class
- The poor & deprived
- Youth
- Farmers
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 1, 2022
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बजट को समझने के लिए समझदारी की जरूरत: पीयूष गोयल
बजट को लेकर विपक्ष की प्रतिक्रिया पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल कहा कि बजट को समझने के लिए समझदारी की जरूरत है. उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनको आंकड़े देखने नहीं आते. इसलिए उन्हें 'जीरो सम' दिखता है.
पीएम मोदी को बधाई: शिवराज सिंह चौहान
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री जी को बधाई देता हूं. ये बजट समृद्ध, शक्तिशाली और विकसित भारत के निर्माण का बजट है. अधोसंरचना विकास के लिए 35 प्रतिशत से अधिक राशि बजट में बढ़ाई गई है. इससे अधोसंरचना विकास के साथ-साथ रोजगार के अवसर सृजित होंगे.
ये अमीरों का बजट है: खड़गे
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस साल का बजट सिर्फ अमीरों का बजट है, इसमें गरीबों के लिए कुछ भी नहीं है. पहले उन्होंने जो चीजें कही थीं, उसे दुबारा दोहराया है. उन्होंने कॉरपोरेट टैक्स घटाया, ये अमीरों का बजट है.
आधुनिक अवसंरचना को बढ़ावा देने वाला बजट: गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए वर्ष 2022-23 के आम बजट को देश में आधुनिक अवसंरचना को बढ़ावा देने वाल बजट करार दिया. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह देश में आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने वाला बजट है जो नए भारत की नींव रखेगा और 130 करोड़ भारतवासियों की जिंदगी बेहतर करेगा.
गडकरी ने कहा कि किसान, महिला और युवा केंद्रित इस वर्ष के बजट में प्रधानमंत्री गति शक्ति के जरिए विकास पर जोर दिया गया है. उन्होंने कहा कि देशभर में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. साथ ही पीपीपी मॉडल के तहत स्कीम लाई जाएंगी, जिससे किसानों तक डिजिटल और हाईटेक तकनीक पहुंचाई जाएगी. इससे किसानों को फायदा होगा.
समावेशी विकास को बाधित करने वाला आम बजट: नवीन पटनायक
केंद्रीय बजट पेश करने के कुछ घंटों बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्र को आगाह किया कि क्षेत्रीय आवंटन में कटौती के कारण देश में समावेशी विकास में बाधा आ सकती है. उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कृषि और किसान कल्याण, उच्च शिक्षा, ग्रामीण विकास और महिला और बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में क्षेत्रीय आवंटन घटा दिया गया है. यह समावेशी विकास को बाधित कर सकता है. उन्होंने केंद्रीय बजट 2022 की आलोचना करते हुए कहा कि महामारी की स्थिति के दौरान मनरेगा में कमी से गरीब लोगों को मदद नहीं मिलने वाली है.
केंद्रीय बजट काबिले तारीफ: नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्रीय बजट में केंद्र सरकार द्वारा देश में विकास की गति को तेज करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जो काबिले तारीफ है. देश में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के निर्माण का फैसला भी स्वागत योग्य है.
दिशाहीन आम बजट: भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह दिशाहीन बजट है. सब लोग सोचते रहे कि किसान और मजदूरों को कुछ मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बजट में किसानों की आय को दोगुनी करने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है. बजट में नौजवानों और बेरोजगारों के लिए कुछ नहीं है.
पूंजीगट व्यय पर फोकस करता आम बजट: नीति आयोग के CEO
नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत ने कहा कि ये बहुत ही प्रगतिशील बजट है. ये पिछले साल के बजट की निरंतरता में है. इस बजट से भारत की लंबे समय तक ग्रोथ होगी. इसकी खासियत ये है कि ये पूंजीगत व्यय पर फोकस करता है. पिछले साल 5.54 लाख करोड़ दिए गए थे इसे बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ कर दिया गया है. इस बजट ने शहरीकरण और MSME पर बहुत फोकस किया है. MSME की क्रेडिट गारंटी स्कीम को 4.5 लाख करोड़ से बढ़ाकर 5 लाख करोड़ कर दिया गया है. पर्यटन क्षेत्र पर बहुत फोकस किया गया है.
आत्मनिर्भर भारत के अवसर को आश्वस्त करने वाला बजट है: नकवी
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा पेश आम बजट आपदा में भी आत्मनिर्भर भारत के अवसर को आश्वस्त करता, आगे बढ़ाता बजट है. वैश्विक आर्थिक तंगी-मंदी के बीच विश्वास और विकास को आत्मनिर्भर भारत की डोर से बांधता बजट है.
ज्यादा बदलाव नहीं करने पर वित्त मंत्री को धन्यवाद: FICCI अध्यक्ष
FICCI के अध्यक्ष संजीव मेहता ने कहा कि व्यापार के नजरिए से दो चीजें कंसिस्टेंसी ऑफ पॉलिसी और कंसिस्टेंसी ऑफ टैक्स रेट महत्वपूर्ण हैं. इसके लिए मैं वित्त मंत्री का धन्यवाद करूंगा कि उन्होंने इसमें ज्यादा बदलाव नहीं किए. नए टैक्स भी लागू नहीं किए गए.
निराशाजनक बजट : आनंद शर्मा
राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि इस बजट से बहुत उम्मीदें थीं. खासकर मध्यम वर्ग और गरीबों के लिए रोजगार सृजन, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि बजट से निराशाजनक हुई है. सरकारी कर्मचारियों से लेकर आयकरदाताओं के लिए भी कोई राहत नहीं है. रोजगार सृजन के लिए कोई रोड मैप तैयार नहीं किया गया है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने केंद्रीय बजट को 'अकल्पनीय', 'निराशाजनक', 'अवास्तविक' और 'अनुपयोगी' करार दिया.
पर्यावरण से संबंधित घोषणाओं पर जयराम रमेश ने उठाया सवाल
कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने पर्यावरण से संबंधित सरकार की घोषणाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ, यह बजट जलवायु कार्रवाई और पर्यावरण की रक्षा की बात करता है. दूसरी ओर, यह पारिस्थितिक रूप से विनाशकारी नदी-जोड़ने वाली परियोजनाओं को बढ़ावा दे रहा है. बातें सुनने में अच्छी लगती है, लेकिन कार्रवाई अधिक मायने रखती है. मोदी सरकार विनाश के पथ पर अग्रसर है.
यह ‘अमृत बजट’, आम आदमी की आकांक्षाओं के अनुरुप: अश्विनी चौबे
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने आम बजट को अमृत बजट करार दिया और कहा कि यह आम आदमी की आकांक्षाओं के अनुरुप है. उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के बीच का यह अमृत बजट है. यह आम आदमी की आकांक्षाओं के अनुरूप है. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने वाला यह बजट 'सबका साथ, सबका विश्वास' के मूल मंत्र पर आधारित है, क्योंकि बजट में महिलाओं, युवा, किसानों, लघु उद्यमियों, व्यापारियों सभी का ख्याल रखा गया है.
उन्होंने कहा कि कोरोना की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अन्य देशों की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत रही. इस बजट से अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी तथा विकास को और गति मिलेगी.
आंदोलन में जीते किसानों से बदला लेने का बजट : योगेंद्र यादव
जय किसान आंदोलन के संस्थापक और किसान नेता योगेंद्र यादव ने आम बजट 2022 पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. योगेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों से बदला रही है. किसानों के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की है. इस बजट में केंद्र सरकार को किसान सम्मान निधि योजना में किसानों की राशि बढ़ाना था, लेकिन सरकार ने चुप्पी साध ली है. इसके अलावा सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर कोई ऐलान नहीं किया है.
नई चुनौतियों को बजट से मिला समाधान: प्रह्लाद पटेल
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि सेवा, कृषि और चिकित्सा के क्षेत्र हमारी प्राचीन अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. इन्हें नए सिरे से इस बजट में परिभाषित किया गया है. आने वाली नई चुनौतियों के लिए इस बजट में समाधान दिया गया है.
बजट 2022-23 गरीब कल्याण बजट: जे.पी. नड्डा
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि बजट 2022-23 गरीब कल्याण बजट है. यह बजट एक साल के विकास के एजेंडे वाला बजट नहीं है, बल्कि देश के अगले 25 साल की बुनियाद रखने वाला ब्लूप्रिंट है. बजट का आकार बढ़ाकर 39.45 लाख करोड़ रुपये करना कोरोना काल में भी भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था को दर्शाता है.
यह समावेशी बजट, गरीबों, गांव, पूर्वोत्तर के लिए: किरण रिजिजू
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि ये बहुत समावेशी बजट है, ये बजट गरीबों, गांव, पूर्वोत्तर के लिए है. इस बजट में वित्तीय क्षेत्र में काफी रिफॉर्म लाए गए हैं. जिस तरह से अर्थव्यवस्था में रिकवरी हुई है, उस तरह से ये बहुत अच्छा बजट है.
बजट में महंगाई और बेरोजगारी को कम करने के लिए ठोस कदम नहीं: पायलट
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि सरकार को कोरोना काल के बाद एक ऐसा बजट पेश करना चाहिए था, जहां मध्यम वर्ग, छोटे दुकानदार, छोटे व्यवसाय की मदद के लिए संसाधन और पैसा उपलब्ध कराती. इस बजट के द्वारा महंगाई और बेरोजगारी को कम करने के लिए ठोस कदम नहीं दिए गए हैं.
डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा का स्वागत: जेएनयू कुलपति
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने आम बजट 2022 में डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह नई शिक्षा नीति 2020 के तहत हर छात्र को विभिन्न भाषाओं में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने के लिए एक बेहतर कदम है. जेएनयू के कुलपति ने कहा कि डिजिटल यूनिवर्सिटी निम्न वर्ग और ग्रामीण परिवेश से आने वाले छात्रों के लिए काफी मददगार साबित होगी. इसके अलावा डिजिटल यूनिवर्सिटी को देश और विदेश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों के साथ भी जोड़ा जा सकता है.
आम बजट में गरीब और मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं: डॉ अमित मित्रा
बंगाल सीएम ममता बनर्जी के प्रधान मुख्य सलाहकार डॉ अमित मित्रा ने कहा कि आम बजट में गरीब और मध्यम वर्ग के लिए कोई घोषणा नहीं की गई है. टैक्स स्लैब भी जस का तस है. केंद्र का यह बजट एक धोखा है. इस साल के बजट में 100 दिनों के काम के लिए आवंटित राशि को कम कर दिया गया है, जो एक ग्रहण योग्य नहीं है. आवंटन राशि 98,000करोड़ से घटाकर 73,000 करोड़ कर दिया गया है. हालांकि, आम तौर पर इस पर किसी का ध्यान नहीं जाएगा.