शहडोल। मध्य प्रदेश में इन दिनों लोग सेब खाकर सेहत तो जमकर बना रहे हैं, लेकिन सब्जी में स्वाद बढ़ाने के लिए टमाटर डालना भूल जा रहे हैं. कुछ ऐसे हालात इसलिए बन रहे हैं, क्योंकि मध्य प्रदेश में टमाटर से सस्ता सेब बिक रहा है. इन दिनो जहां टमाटर के दाम काफी बढ़े हुए हैं, तो वहीं सेब के दाम लगातार गिरते जा रहे हैं.
टमाटर से सस्ता हुआ सेब: बाजार में इन दिनों आप जाएंगे तो सेब फल जगह-जगह पा जाएंगे, लेकिन टमाटर के लिए आपको कुछ सब्जी दुकानों के चक्कर लगाने पड़ जाएंगे, क्योंकि आजकल बाजार में कई सब्जियों की दुकानों पर तो टमाटर दिखता ही नहीं है. कुछ सिलेक्टेड दुकानों पर ही टमाटर मिलते हैं, क्योंकि टमाटर के भाव इतने ज्यादा बढ़े हुए हैं कि अब यह सब्जी व्यापारियों को भी नुकसान दे जाता है. एक किलो टमाटर में अगर एक दो भी खराब हुआ तो व्यापारियों को नुकसान लग जाता है. इसलिए ज्यादातर सब्जी व्यापारी अब अपनी सब्जी दुकानों पर टमाटर रखना पसंद ही नहीं करते हैं. टमाटर के बढ़े हुए दामों की वजह से अब यह जुमला भी बन गया है, चौक चौराहों पर लोग मजे भी लेते नजर आते हैं कि टमाटर से सस्ता तो सेब हो गया, न जाने कब घटेंगे टमाटर के दाम.
क्या बोले फल विक्रेता: दिनेश राजपाल खुद एक फल विक्रेता है. ठेला लगाकर फल बेचते हैं, दिनेश राजपाल बताते हैं कि "पिछले कुछ दिनों से सेब फल के दाम में बेतहाशा कमी देखने को मिली है. अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं, कुछ दिन पहले ही 280 से ₹300 प्रति किलो तक खुले बाजार में सेब फल बिकता था, फिर अचानक से इस कदर सेव के दाम गिरे, क्वालिटी वाइज देखें तो ₹60 से लेकर ₹120 किलो तक सेब फल अब आपको बाजार में मिल जाएंगे. मतलब लगभग ₹150 से 200 रुपये तक दाम नीचे आ गए हैं. इसीलिए अब लोग सेब फल तो खरीदने आते ही हैं, लेकिन यह बात जरूर कह जाते हैं की गजब जमाना आ गया है टमाटर से सस्ता तो सेब मिल रहा है.
वर्तमान में फलों के दाम: वर्तमान में फलों के दाम पर नजर डालें तो खुले बाजार में इन दिनों फल सस्ते हैं. सेव जहां 60 से ₹120 प्रति किलो की दर से बिक रहा है, तो वहीं अनार के दाम 80 से ₹120 प्रति किलो की दर से मिल रहा है. केला भी 40 से ₹60 दर्जन के हिसाब से मिल रहा है. नाशपाती 70 से ₹80 प्रति किलो की दर से मिल रहा है. कुल मिलाकर इन दिनों फल सस्ते हैं, जमकर खाइए सेहत बनाइए.
टमाटर के दाम अभी भी चढ़े हैं आसमान: मौजूदा साल टमाटर के दाम पर नजर डालें तो टमाटर पिछले कुछ महीने से लगातार सुर्खियां बटोर रहा है. वजह है टमाटर के दाम में भारी इजाफा देखने को मिला है. सब्जी व्यापारी रामप्रताप साहू बताते हैं कि खुले बाजार में टमाटर ₹80 से ₹130 प्रति किलो की दर से बिक रहा है. अभी कुछ दिन से ही दाम थोड़े कम हुए हैं. कुछ दिन पहले तो इससे भी ज्यादा दाम पर टमाटर बिक रहा था. टमाटर की महंगाई बहुत ज्यादा है. लोग ज्यादा खरीद नहीं रहे हैं, खरीद भी रहे हैं तो बहुत कम में काम चला रहे हैं.
मध्यप्रदेश के शहडोल में टमाटर आज ₹100 से ₹130 प्रति किलो की दर से बिक रहा है. गांव की ओर चले जाएंगे तो यह रेट 10 ₹5 और बढ़ सकते हैं. कुल मिलाकर टमाटर की महंगाई ने लोगों के लिए एक बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है. अब सब्जी व्यापारियों की माने तो जिस तरह से टमाटर के दाम बढ़े हैं. उसके बाद से इसे खरीदने में भी लोगों का इंटरेस्ट घटा है. पहले जो 1 किलो में काम चलाते थे. अब वह महज एक पाव में ही कई दिन काम चलाते हैं. कई लोग तो टमाटर खाना ही भूल गए हैं. अब वह टमाटर की जगह पर दूसरे सब्सीट्यूट का इस्तेमाल कर रहे हैं.
टमाटर महंगा क्यों ?: आखिर टमाटर इतना महंगा क्यों है. इसे जानने के लिए हमने कुछ और सब्जी व्यापारियों से बात की तो उनका मानना है कि पहले लोकल से ही बहुत कुछ टमाटर इस सीजन में आ जाता था, क्योंकि अब टमाटर की खेती हर जगह होने लग गई है. शहडोल में भी इसका रकबा बढ़ा है. मध्य प्रदेश भी टमाटर का बड़ा उत्पादक राज्य माना जाने लगा है और बड़े उत्पादकों में इसका नाम भी आने लगा है. प्रदेश के कई जिलों में टमाटर के उत्पादन में वृद्धि देखी गई है. खुद आदिवासी बाहुल्य जिला शहडोल में 2015 के बाद से टमाटर की खेती का रकबा दोगुना बढ़ा है. वर्तमान में शहडोल जिले में ही 1,650 हेक्टेयर रकबे में टमाटर की खेती होने लगी है और साल दर साल बढ़ता जा रहा है. जब छोटे से जिले का ये हाल है, अंदाजा लगाइए प्रदेश के उन जिलों में जहां पहले से ही टमाटर का अच्छा उत्पादन हो रहा था. वहां इस बदलते दौर में खेती के आधुनिकीकरण में कितना रकबा और उत्पादन बढ़ा होगा. इसीलिए मध्यप्रदेश अब टमाटर का दूसरा ऐसा राज्य भी है. जहां टमाटर का इतना ज्यादा उत्पादन होता है.
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क्यों बढ़े टमाटर के दाम: गर्मी के समय में तो 1 से 2 रुपए किलो टमाटर के दाम हुए तो उसके बाद से किसानों में बेरुखी देखने को मिली. ज्यादातर किसानों ने अपनी फसलों को उजाड़ भी दिया था. यही सब वजह रही कि ज्यादा बारिश और फिर दाम न मिलने कि वजह से फसलों को उजाड़ देना, अब लोकल से टमाटर बहुत ही कम आ रहा है. यूं कहें कि बिल्कुल ही नहीं आ रहा है. जिसकी वजह से टमाटर बाहर से मंगवाना पड़ रहा है और यही वजह है कि टमाटर इतना महंगा है. साथ ही भारी बारिश की वजह से टमाटर की फसल हर जगह प्रभावित भी हुई है. जिसकी वजह से माल की कमी हो गई है, लेकिन डिमांड उतना ही है इसीलिए टमाटर को लेकर इतनी महंगाई है और अभी भी इसके दाम घटने की गुंजाइश कम ही नजर आ रही है, क्योंकि जिस तरह से बारिश हो रही है, उससे टमाटर की फसल को नुकसान हो रहा है.
महंगाई की मार सब्जियों के दाम अपार: वर्तमान में शहडोल में सब्जियों के दामों पर नजर डालें तो करेला जहां ₹60 प्रति किलो, भिंडी ₹50 प्रति किलो गिलकी ₹30 प्रति किलो, बरबटी ₹80 प्रति किलो, बैगन ₹50 प्रति किलो, खीरा ₹50 प्रति किलो, लहसुन ₹200 प्रति किलो, हरी मिर्ची सौ से डेढ़ सौ रुपए प्रति किलो, अदरक ₹250 रुपये प्रति किलो, परवल ₹60 प्रति किलो है, शिमला मिर्च 80 रुपये किलो समझ सकते हैं कि सब्जियों के दाम इन दिनों कितने बढ़े हुए हैं. जबकि ये समय लोकल सब्जियों का है, फिर भी इस बारिश की वजह से लोकल सब्जियों की आवक कम है.