नई दिल्ली: भारत आज शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन की वर्चुअली तरीके से मेजबानी कर रहा है. एससीओ राष्ट्राध्यक्षों की बैठक की अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद क्षेत्रीय शांति के लिए बड़ा खतरा है. बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी मौजूद हैं. एससीओ-सिक्योर की भारत की अध्यक्षता का विषय 2018 एससीओ क़िंगदाओ शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी द्वारा गढ़े गए संक्षिप्त नाम से लिया गया है. इसका अर्थ है एस(S) सुरक्षा, ई (E) आर्थिक विकास, सी (C) कनेक्टिविटी, यू (U) एकता, आर (R) संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान, ई (E) पर्यावरण संरक्षण.
इस सप्ताह शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी हिस्सा लेंगे. यह ऐसे समय में आया है जब रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध को लेकर विवाद खत्म हो गया है. भारत ने युद्ध की निंदा की है लेकिन किसी भी मंच पर रूस के ख़िलाफ़ वोट नहीं दिया है. पिछले साल उज्बेकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर राष्ट्रपति पुतिन से बात करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, 'यह युद्ध का युग नहीं है', एक बयान जो भारत की अध्यक्षता में जी20 विज्ञप्ति में भी दिया गया था.
इससे पहले 30 जून को पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत की थी और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और जी20 सहित द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की थी. शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए एससीओ के सभी सदस्य देशों, चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान को आमंत्रित किया गया है.
इसके अलावा, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया को पर्यवेक्षक राज्य के रूप में आमंत्रित किया गया है. एससीओ परंपरा के अनुसार, तुर्कमेनिस्तान को भी अध्यक्ष के अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. दो एससीओ निकायों, सचिवालय और एससीओ आरएटीएस के प्रमुख भी उपस्थित रहेंगे.
शिखर सम्मेलन के प्रमुख आकर्षणों में से एक, पाकिस्तान और चीन ने शिखर सम्मेलन में भाग लेने की इच्छा व्यक्त की है. आतंकवादियों को पनाह देने के कारण विश्व स्तर पर अलग-थलग पड़ चुका पाकिस्तान इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार है. गलवान मुद्दे को लेकर चीन के साथ गतिरोध जारी है. वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजे) की रिपोर्ट के अनुसार, अपनी अमेरिका यात्रा से पहले पीएम मोदी ने कहा कि चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति जरूरी है.
(एएनआई)