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भारत ने वैश्विक 'नो मनी फॉर टेरर' पहल के लिए सचिवालय की मेजबानी करने की पेशकश की

भारत ने आतंकी फंडिंग के खिलाफ लड़ने के लिए एक स्थायी सचिवालय स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है (permanent secretariat to fight against terror financing). इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित 'नो मनी फॉर टेरर' (NMFT) के तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी देशों और बहुपक्षीय निकायों को एक चर्चा पत्र जारी किया. 'ईटीवी भारत' के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

fight against terror financing
नो मनी फॉर टेरर मंत्रिस्तरीय सम्मेलन
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Published : Nov 19, 2022, 9:04 PM IST

Updated : Nov 19, 2022, 10:50 PM IST

नई दिल्ली: भारत ने वैश्विक 'नो मनी फॉर टेरर' पहल के तहत धनशोधन रोधी और आतंकवाद के वित्तपोषण के मुद्दों से निपटने के लिए एक स्थायी सचिवालय की मेजबानी करने की शनिवार को पेशकश की. आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए दो दिवसीय 'नो मनी फॉर टेरर' मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भारत ने एक स्थायी सचिवालय स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है (permanent secretariat to fight against terror financing). दो दिवसीय सम्मेलन में यहां 75 से अधिक देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 450 प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने 'ईटीवी भारत' को बताया, 'ऐसे सचिवालय की स्थापना की तत्काल आवश्यकता है जो लगातार निगरानी, ​​​​मार्गदर्शन और सलाह दे सके और आतंकी फंडिंग के खिलाफ लड़ने की पहल को बढ़ावा दे सके.'

अधिकारी ने कहा, 'सम्मेलन के दौरान आतंकवाद और आतंकवादी फंडिंग का मुकाबला करने में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला गया. वास्तव में, सभी देशों ने प्रयासों की सराहना की.' फिलहाल भारत की आतंकवाद विरोधी संस्था एनआईए (NIA) टेरर फंडिंग की जांच कर रही है और हाल के दिनों में संगठन ने यह भी पता लगाया है कि कैसे आतंकवादी संगठन भारत में आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए हवाला मार्गों के माध्यम से पैसा पंप करते हैं.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीसरे NMFT सम्मेलन में अपनी समापन टिप्पणी करते हुए कहा कि आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने पर निरंतर वैश्विक ध्यान बनाए रखने के लिए भारत ने NMFT की इस अनूठी पहल की स्थायी आवश्यकता को महसूस किया है. शाह ने कहा, 'स्थायी सचिवालय स्थापित करने का समय आ गया है.'

शाह ने कहा कि देश टेरर फंडिंग के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है और इस लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए, 'हम सभी भाग लेने वाले न्यायालयों को उनकी बहुमूल्य टिप्पणियों के लिए एक चर्चा पत्र प्रसारित करेंगे.'

दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान प्रतिनिधियों ने आतंक के वित्तपोषण में उभरती प्रवृत्तियों, नई उभरती वित्तीय प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर प्रभावी ढंग से चर्चा की. शाह ने कहा कि आतंकवाद आज इतना विकराल रूप धारण कर चुका है कि इसका प्रभाव हर स्तर पर दिखाई दे रहा है.

शाह ने कहा, 'कोई भी देश या संगठन अकेले सफलतापूर्वक आतंकवाद का मुकाबला नहीं कर सकता है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस तेजी से जटिल और सीमाहीन खतरे के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ना जारी रखना चाहिए.'

'सदस्य देशों ने एकजुट होकर लिया टेरर फंडिंग से लड़ने का संकल्प' : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने कहा है कि सभी देशों ने आतंक के वित्तपोषण के मार्गों की जांच करने की प्रतिज्ञा की है. सभी देशों ने इस खतरे से निपटने के तरीके सुझाते हुए अपनी सिफारिशें दी हैं. गुप्ता ने कहा, 'यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम (यूएनओडीसी) ने आतंकवादी और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध, विशेष रूप से मादक पदार्थों की तस्करी के बीच साठगांठ को खत्म करने के लिए कहा है.'

उन्होंने कहा कि घाना ने आतंकवादी संगठनों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के दोहन को रोकने का आह्वान किया है. गुप्ता ने कहा, 'कनाडा ने आतंकवादी संगठनों द्वारा आभासी संपत्तियों के उपयोग में वृद्धि पर प्रकाश डाला. इस तरह की वृद्धि लगभग 200 प्रतिशत तक बढ़ गई है.' सिंगापुर ने वित्तीय आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का लाभ उठाने की बात कही. ऑस्ट्रेलिया जैसे कुछ देशों ने टेरोसिम के लिए जैविक युद्ध को अपनाने पर चिंता व्यक्त की.

गुप्ता ने कहा, 'सभी देशों ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की और परिचालन रोड मैप का आह्वान किया.' उन्होंने बताया कि सालाना एनएमएफटी सम्मेलन आयोजित करने के लिए बातचीत चल रही है.

पढ़ें- लोकतंत्र, आर्थिक प्रगति और विश्व शांति के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा : अमित शाह

नई दिल्ली: भारत ने वैश्विक 'नो मनी फॉर टेरर' पहल के तहत धनशोधन रोधी और आतंकवाद के वित्तपोषण के मुद्दों से निपटने के लिए एक स्थायी सचिवालय की मेजबानी करने की शनिवार को पेशकश की. आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए दो दिवसीय 'नो मनी फॉर टेरर' मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भारत ने एक स्थायी सचिवालय स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है (permanent secretariat to fight against terror financing). दो दिवसीय सम्मेलन में यहां 75 से अधिक देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 450 प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने 'ईटीवी भारत' को बताया, 'ऐसे सचिवालय की स्थापना की तत्काल आवश्यकता है जो लगातार निगरानी, ​​​​मार्गदर्शन और सलाह दे सके और आतंकी फंडिंग के खिलाफ लड़ने की पहल को बढ़ावा दे सके.'

अधिकारी ने कहा, 'सम्मेलन के दौरान आतंकवाद और आतंकवादी फंडिंग का मुकाबला करने में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला गया. वास्तव में, सभी देशों ने प्रयासों की सराहना की.' फिलहाल भारत की आतंकवाद विरोधी संस्था एनआईए (NIA) टेरर फंडिंग की जांच कर रही है और हाल के दिनों में संगठन ने यह भी पता लगाया है कि कैसे आतंकवादी संगठन भारत में आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए हवाला मार्गों के माध्यम से पैसा पंप करते हैं.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीसरे NMFT सम्मेलन में अपनी समापन टिप्पणी करते हुए कहा कि आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने पर निरंतर वैश्विक ध्यान बनाए रखने के लिए भारत ने NMFT की इस अनूठी पहल की स्थायी आवश्यकता को महसूस किया है. शाह ने कहा, 'स्थायी सचिवालय स्थापित करने का समय आ गया है.'

शाह ने कहा कि देश टेरर फंडिंग के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है और इस लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए, 'हम सभी भाग लेने वाले न्यायालयों को उनकी बहुमूल्य टिप्पणियों के लिए एक चर्चा पत्र प्रसारित करेंगे.'

दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान प्रतिनिधियों ने आतंक के वित्तपोषण में उभरती प्रवृत्तियों, नई उभरती वित्तीय प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर प्रभावी ढंग से चर्चा की. शाह ने कहा कि आतंकवाद आज इतना विकराल रूप धारण कर चुका है कि इसका प्रभाव हर स्तर पर दिखाई दे रहा है.

शाह ने कहा, 'कोई भी देश या संगठन अकेले सफलतापूर्वक आतंकवाद का मुकाबला नहीं कर सकता है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस तेजी से जटिल और सीमाहीन खतरे के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ना जारी रखना चाहिए.'

'सदस्य देशों ने एकजुट होकर लिया टेरर फंडिंग से लड़ने का संकल्प' : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने कहा है कि सभी देशों ने आतंक के वित्तपोषण के मार्गों की जांच करने की प्रतिज्ञा की है. सभी देशों ने इस खतरे से निपटने के तरीके सुझाते हुए अपनी सिफारिशें दी हैं. गुप्ता ने कहा, 'यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम (यूएनओडीसी) ने आतंकवादी और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध, विशेष रूप से मादक पदार्थों की तस्करी के बीच साठगांठ को खत्म करने के लिए कहा है.'

उन्होंने कहा कि घाना ने आतंकवादी संगठनों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के दोहन को रोकने का आह्वान किया है. गुप्ता ने कहा, 'कनाडा ने आतंकवादी संगठनों द्वारा आभासी संपत्तियों के उपयोग में वृद्धि पर प्रकाश डाला. इस तरह की वृद्धि लगभग 200 प्रतिशत तक बढ़ गई है.' सिंगापुर ने वित्तीय आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का लाभ उठाने की बात कही. ऑस्ट्रेलिया जैसे कुछ देशों ने टेरोसिम के लिए जैविक युद्ध को अपनाने पर चिंता व्यक्त की.

गुप्ता ने कहा, 'सभी देशों ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की और परिचालन रोड मैप का आह्वान किया.' उन्होंने बताया कि सालाना एनएमएफटी सम्मेलन आयोजित करने के लिए बातचीत चल रही है.

पढ़ें- लोकतंत्र, आर्थिक प्रगति और विश्व शांति के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा : अमित शाह

Last Updated : Nov 19, 2022, 10:50 PM IST
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