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भारत राष्ट्राध्यक्षों की SCO परिषद के 22वें शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा, रूस और चीन लेंगे भाग

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के 22वें शिखर सम्मेलन की भारत मेजबानी करेगा. सम्मेलन के इसके सभी सदस्य देशों के अलावा पर्यवेक्षक के रूप में भाग लेने के लिए ईरान, बेलारूस और मंगोलिया को आमंत्रित किया गया है. पढ़िए ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

summit of the SCO Council
शंघाई सहयोग संगठन
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Published : May 30, 2023, 8:44 PM IST

Updated : May 30, 2023, 8:54 PM IST

नई दिल्ली: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के 4 जुलाई को होने वाले 22वें शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत ने एससीओ सदस्यों को आमंत्रित किया गया है. इस बारे में विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि सम्मेलन के लिए चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान को आमंत्रण भेजा गया है. बता दें कि भारत ने 16 सितंबर 2022 को समरकंद शिखर सम्मेलन में शंघाई शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता ग्रहण की थी.

  • The 22nd Summit of the SCO Council of Heads of State will be held in the virtual format on 4 July 2023, chaired by PM Narendra Modi: MEA pic.twitter.com/Oe50r1Oqm9

    — ANI (@ANI) May 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस बारे में विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की पहली अध्यक्षता के तहत एससीओ काउंसिल ऑफ स्टेट के प्रमुखों का 22वां शिखर सम्मेलन 4 जुलाई को वर्चुअल प्रारूप में आयोजित किया जाएगा. इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. इसके अलावा शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किए गए देशों के अलावा ईरान, बेलारूस और मंगोलिया को पर्यवेक्षक के रूप में आमंत्रित किया गया है. गौरतलब है कि एससीओ की परंपरा के अनुसार तुर्कमेनिस्तान को भी अध्यक्ष के अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा दो एससीओ निकायों के प्रमुख - सचिवालय और एससीओ आरएटीएस इस दौरान उपस्थित रहेंगे. इसके अलावा, छह अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के प्रमुखों में संयुक्त राष्ट्र, आसियान, सीआईएस, सीएसटीओ, ईएईयू और सीआईसीए को भी आमंत्रित किया गया है.

शिखर सम्मेलन का विषय 'एक सुरक्षित एससीओ की ओर' है. 2018 एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था और व्यापर पर जोर देने के साथ ही एकता, संप्रभुता और प्रादेशिक अखंडता के लिए सम्मान और पर्यावरण पर प्रकाश डाला था. इसके अलावा, भारत ने अधिक से अधिक लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया है जो हमारे देशों के बीच ऐतिहासिक और सभ्यतागत बंधनों को दर्शाता है. इनमें 2022-23 के लिए पहली बार एससीओ सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी के ढांचे के तहत वाराणसी द्वारा आयोजित विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं.
विदेश मंत्रालय ने कहा, एससीओ की भारत की अध्यक्षता सदस्य देशों के बीच गहन गतिविधि और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग की अवधि रही है. भारत ने कुल 134 बैठकों और कार्यक्रमों की मेजबानी की है, जिसमें 14 मंत्रिस्तरीय बैठकें शामिल हैं. मंत्रालय ने कहा कि भारत संगठन में एक सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसकी अध्यक्षता की परिणति के रूप में एक सफल एससीओ शिखर सम्मेलन की आशा करता है.

ये भी पढ़ें - SCO Summit in Goa : भारत ने अंग्रेजी को एससीओ की तीसरी भाषा बनाने की वकालत की

नई दिल्ली: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के 4 जुलाई को होने वाले 22वें शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत ने एससीओ सदस्यों को आमंत्रित किया गया है. इस बारे में विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि सम्मेलन के लिए चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान को आमंत्रण भेजा गया है. बता दें कि भारत ने 16 सितंबर 2022 को समरकंद शिखर सम्मेलन में शंघाई शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता ग्रहण की थी.

  • The 22nd Summit of the SCO Council of Heads of State will be held in the virtual format on 4 July 2023, chaired by PM Narendra Modi: MEA pic.twitter.com/Oe50r1Oqm9

    — ANI (@ANI) May 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस बारे में विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की पहली अध्यक्षता के तहत एससीओ काउंसिल ऑफ स्टेट के प्रमुखों का 22वां शिखर सम्मेलन 4 जुलाई को वर्चुअल प्रारूप में आयोजित किया जाएगा. इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. इसके अलावा शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किए गए देशों के अलावा ईरान, बेलारूस और मंगोलिया को पर्यवेक्षक के रूप में आमंत्रित किया गया है. गौरतलब है कि एससीओ की परंपरा के अनुसार तुर्कमेनिस्तान को भी अध्यक्ष के अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा दो एससीओ निकायों के प्रमुख - सचिवालय और एससीओ आरएटीएस इस दौरान उपस्थित रहेंगे. इसके अलावा, छह अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के प्रमुखों में संयुक्त राष्ट्र, आसियान, सीआईएस, सीएसटीओ, ईएईयू और सीआईसीए को भी आमंत्रित किया गया है.

शिखर सम्मेलन का विषय 'एक सुरक्षित एससीओ की ओर' है. 2018 एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था और व्यापर पर जोर देने के साथ ही एकता, संप्रभुता और प्रादेशिक अखंडता के लिए सम्मान और पर्यावरण पर प्रकाश डाला था. इसके अलावा, भारत ने अधिक से अधिक लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया है जो हमारे देशों के बीच ऐतिहासिक और सभ्यतागत बंधनों को दर्शाता है. इनमें 2022-23 के लिए पहली बार एससीओ सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी के ढांचे के तहत वाराणसी द्वारा आयोजित विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं.
विदेश मंत्रालय ने कहा, एससीओ की भारत की अध्यक्षता सदस्य देशों के बीच गहन गतिविधि और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग की अवधि रही है. भारत ने कुल 134 बैठकों और कार्यक्रमों की मेजबानी की है, जिसमें 14 मंत्रिस्तरीय बैठकें शामिल हैं. मंत्रालय ने कहा कि भारत संगठन में एक सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसकी अध्यक्षता की परिणति के रूप में एक सफल एससीओ शिखर सम्मेलन की आशा करता है.

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Last Updated : May 30, 2023, 8:54 PM IST
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