ETV Bharat / bharat

काला धन रखने वाले हो जाएं सावधान! स्विस बैंक भारत को इस महीने सौपेंगा अहम जानकारी - काले धन के खिलाफ भारत सरकार

स्विट्जरलैंड के साथ सूचना के स्वत: आदान-प्रदान के समझौते के तहत भारत को इस महीने अपने नागरिकों के स्विस बैंक खातों का विवरण मिलेगा और इसमें पहली बार यूरोपीय देश में भारतीयों के स्वामित्व वाली अचल संपत्ति की जानकारी भी शामिल होगी.

काला धन
काला धन
author img

By

Published : Sep 13, 2021, 4:26 AM IST

नई दिल्ली/बर्न : स्विट्जरलैंड के साथ सूचना के स्वत: आदान-प्रदान के समझौते के तहत भारत को इस महीने अपने नागरिकों के स्विस बैंक खातों का विवरण मिलेगा और इसमें पहली बार यूरोपीय देश में भारतीयों के स्वामित्व वाली अचल संपत्ति की जानकारी भी शामिल होगी. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.

स्विटरजरलैंड तीसरी बार भारत के साथ ये विवरण साझा करेगा. इससे पहले वह सितंबर 2019 और सितंबर 2020 में ऐसी ही जानकारी साझा कर चुका है.

विदेशों में कथित रूप से जमा काले धन के खिलाफ भारत सरकार की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत भारत को इस महीने स्विट्जरलैंड में भारतीयों के स्वामित्व वाले फ्लैट, अपार्टमेंट और घरों के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी. भारत को साथ ही ऐसी संपत्तियों से होने वाली कमाई की भी जानकारी मिलेगी. इससे देश को उन संपत्तियों से जुड़ी कर देनदारियों पर ध्यान देने में मदद मिलेगी.

स्विट्जरलैंड की ओर से इस तरह का कदम मायने रखता है और साथ ही यह दिखाता है कि वह अपनी बैंकिंग प्रणाली के काले धन के कथित सुरक्षित पनाह स्थली होने की लंबे समय से बनी हुई धारणा को तोड़ते हुए खुद को एक प्रमुख वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में पुनर्स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है.

यह तीसरा मौका होगा जब भारत को स्विट्जरलैंड में भारतीयों के बैंक खातों और अन्य संपत्तियों के बारे में विवरण मिलेगा. लेकिन यह पहली बार होगा जब भारत के साथ साझा की जा रही जानकारी में अचल संपत्ति की जानकारी शामिल होगी.

अधिकारियों ने बताया कि जहां स्विटजरलैंड की सरकार अचल संपत्ति का विवरण साझा करने के लिए सहमत हो गयी है, गैर-लाभकारी संगठनों और ऐसे दूसरे संगठनों में योगदान के बारे में जानकारी, साथ ही डिजिटल मुद्राओं में निवेश का विवरण अब भी सूचना के स्वचालित आदान-प्रदान की इस संरचना से बाहर है.

यह भी पढ़ें- भारत को मिली स्विस बैंक खातों से जुड़ी अहम जानकारी, सूची में ज्यादातर उद्योगपति

विशेषज्ञों और स्विट्जरलैंड में निवेश आकर्षित करने के कारोबार में लगे लोगों ने कहा कि इस कदम से स्विस संपत्तियों में प्रवाहित सभी धन के अवैध होने के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने में मदद मिलेगी और देश को अचल संपत्तियों में निवेश सहित एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने में काफी मदद मिलेगी.

भारत को सितंबर 2019 में एईओआई (सूचना का स्वत: आदान-प्रदान) के तहत स्विट्जरलैंड से पहली बार इस तरह का विवरण मिला था. उस साल भारत ऐसी जानकारी प्राप्त करने वाले 75 देशों में शामिल था. इसके बाद सितंबर 2020 में, भारत को 85 अन्य देशों के साथ दूसरी बार अपने नागरिकों और संस्थाओं के स्विस बैंक खातों का विवरण मिला था.

इस साल से, स्विट्जरलैंड के सर्वोच्च शासी निकाय फेडरल काउंसिल ने ग्लोबल फोरम ऑन ट्रांसपरेंसी एंड एक्सचेंज ऑफ इंफोरमेशन फोर टैक्स पर्पसेज’की एक महत्वपूर्ण सिफारिश को लागू करने का फैसला किया है, जिसके तहत स्विस अधिकारी देश के रियल एस्टेट क्षेत्र में विदेशियों द्वारा किए गए निवेश के बारे में विवरण भी साझा करेंगे.

हालांकि, ग्लोबल फोरम की कुछ अन्य सिफारिशों को अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है जिनमें डिजिटल मुद्रा खातों और गैर-लाभकारी संगठनों एवं दूसरे संगठनों को दिए गए दान की जानकारी शामिल हैं, और इसलिए स्विट्जरलैंड अभी इससे जुड़े विवरण भारत या किसी अन्य देश के साथ साझा नहीं करेगा.

स्विट्जरलैंड को डिजिटल मुद्रा खातों और गैर-लाभकारी संस्थाओं को दिए गए दान के बारे में जानकारी साझा करना शुरू करने की खातिर मनाने के लिए विश्व स्तर पर जोरदार प्रयास किए जा रहे हैं.

(पीटीआई भाषा)

नई दिल्ली/बर्न : स्विट्जरलैंड के साथ सूचना के स्वत: आदान-प्रदान के समझौते के तहत भारत को इस महीने अपने नागरिकों के स्विस बैंक खातों का विवरण मिलेगा और इसमें पहली बार यूरोपीय देश में भारतीयों के स्वामित्व वाली अचल संपत्ति की जानकारी भी शामिल होगी. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.

स्विटरजरलैंड तीसरी बार भारत के साथ ये विवरण साझा करेगा. इससे पहले वह सितंबर 2019 और सितंबर 2020 में ऐसी ही जानकारी साझा कर चुका है.

विदेशों में कथित रूप से जमा काले धन के खिलाफ भारत सरकार की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत भारत को इस महीने स्विट्जरलैंड में भारतीयों के स्वामित्व वाले फ्लैट, अपार्टमेंट और घरों के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी. भारत को साथ ही ऐसी संपत्तियों से होने वाली कमाई की भी जानकारी मिलेगी. इससे देश को उन संपत्तियों से जुड़ी कर देनदारियों पर ध्यान देने में मदद मिलेगी.

स्विट्जरलैंड की ओर से इस तरह का कदम मायने रखता है और साथ ही यह दिखाता है कि वह अपनी बैंकिंग प्रणाली के काले धन के कथित सुरक्षित पनाह स्थली होने की लंबे समय से बनी हुई धारणा को तोड़ते हुए खुद को एक प्रमुख वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में पुनर्स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है.

यह तीसरा मौका होगा जब भारत को स्विट्जरलैंड में भारतीयों के बैंक खातों और अन्य संपत्तियों के बारे में विवरण मिलेगा. लेकिन यह पहली बार होगा जब भारत के साथ साझा की जा रही जानकारी में अचल संपत्ति की जानकारी शामिल होगी.

अधिकारियों ने बताया कि जहां स्विटजरलैंड की सरकार अचल संपत्ति का विवरण साझा करने के लिए सहमत हो गयी है, गैर-लाभकारी संगठनों और ऐसे दूसरे संगठनों में योगदान के बारे में जानकारी, साथ ही डिजिटल मुद्राओं में निवेश का विवरण अब भी सूचना के स्वचालित आदान-प्रदान की इस संरचना से बाहर है.

यह भी पढ़ें- भारत को मिली स्विस बैंक खातों से जुड़ी अहम जानकारी, सूची में ज्यादातर उद्योगपति

विशेषज्ञों और स्विट्जरलैंड में निवेश आकर्षित करने के कारोबार में लगे लोगों ने कहा कि इस कदम से स्विस संपत्तियों में प्रवाहित सभी धन के अवैध होने के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने में मदद मिलेगी और देश को अचल संपत्तियों में निवेश सहित एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने में काफी मदद मिलेगी.

भारत को सितंबर 2019 में एईओआई (सूचना का स्वत: आदान-प्रदान) के तहत स्विट्जरलैंड से पहली बार इस तरह का विवरण मिला था. उस साल भारत ऐसी जानकारी प्राप्त करने वाले 75 देशों में शामिल था. इसके बाद सितंबर 2020 में, भारत को 85 अन्य देशों के साथ दूसरी बार अपने नागरिकों और संस्थाओं के स्विस बैंक खातों का विवरण मिला था.

इस साल से, स्विट्जरलैंड के सर्वोच्च शासी निकाय फेडरल काउंसिल ने ग्लोबल फोरम ऑन ट्रांसपरेंसी एंड एक्सचेंज ऑफ इंफोरमेशन फोर टैक्स पर्पसेज’की एक महत्वपूर्ण सिफारिश को लागू करने का फैसला किया है, जिसके तहत स्विस अधिकारी देश के रियल एस्टेट क्षेत्र में विदेशियों द्वारा किए गए निवेश के बारे में विवरण भी साझा करेंगे.

हालांकि, ग्लोबल फोरम की कुछ अन्य सिफारिशों को अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है जिनमें डिजिटल मुद्रा खातों और गैर-लाभकारी संगठनों एवं दूसरे संगठनों को दिए गए दान की जानकारी शामिल हैं, और इसलिए स्विट्जरलैंड अभी इससे जुड़े विवरण भारत या किसी अन्य देश के साथ साझा नहीं करेगा.

स्विट्जरलैंड को डिजिटल मुद्रा खातों और गैर-लाभकारी संस्थाओं को दिए गए दान के बारे में जानकारी साझा करना शुरू करने की खातिर मनाने के लिए विश्व स्तर पर जोरदार प्रयास किए जा रहे हैं.

(पीटीआई भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.